मुंबई: धारावी पुनर्विकास परियोजना एक बार फिर विवादों में आ गई है. महाराष्ट्र सरकार द्वारा धारावी पुनर्विकास परियोजना अडाणी समूह को दिए जाने के बाद जहां कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) ने विरोध मार्च निकाला. वहीं पुनर्विकास के दौरान धारावी के झुग्गीवासियों को मुलुंड जकात नाका में आरक्षित भूमि पर स्थानांतरित किया जाएगा, जो नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में मुलुंड में डंपिंग ग्राउंड है. इसके साथ ही कुछ निवासियों को रेलवे परिसर में स्थानांतरित किया जाएगा. अब नया मामला सामने आ रहा है कि शेष झुग्गीवासियों को कुर्ला में डेयरी की 21 एकड़ जमीन पर बसाया जाएगा.
एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती के रूप में जानी जाने वाली धारावी स्लम में 8 लाख से अधिक लोग रहते हैं. हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने धारावी पुनर्विकास परियोजना में कुर्ला डेयरी के 21 एकड़ भूखंड को जोड़ने को मंजूरी दी है. यह परियोजना महाराष्ट्र सरकार और अडाणी समूह के बीच संयुक्त उद्यम है. बताया जा रहा है कि धारावी के अपात्र झुग्गीवासियों को कुर्ला में प्रस्तावित 21 एकड़ की जगह पर बसाया जाएगा. 2022 में शुरू की गई धारावी पुनर्विकास परियोजना का उद्देश्य धारावी को शहरी सुविधाओं के साथ ऊंची इमारतों में बदलना है.
धारावी को दिया जाएगा नया रूप
धारावी पुनर्विकास परियोजना को यहां के लोगों की स्थिति में सुधार, निवासियों को बेहतर आवास के अवसर प्रदान करने और इलाके को नया रूप देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. सरकार ने इससे पहले मुलुंड, कांजुरमार्ग, भांडुप और वडाला में अपात्र झुग्गीवासियों को घर देने के लिए प्लॉट आवंटित किए थे. कुर्ला में हाल ही में शामिल किए गए 21 एकड़ के प्लॉट में वर्तमान में एक डेयरी, कर्मचारियों के लिए आवास, एक कोल्ड स्टोरेज प्लांट और मुख्य प्रशासनिक कार्यालय है.
मेट्रो कार्य के लिए ढाई एकड़ जमीन प्रस्तावित...
ईटीवी भारत से बात करते हुए स्थानीय निवासी रामचंद्र दलवी ने कहा कि इस 21 एकड़ जमीन में से ढाई एकड़ जमीन मेट्रो कार्य के लिए प्रस्तावित है. चूंकि इस क्षेत्र में बहुत सारे पेड़ हैं, इसलिए हमारे स्थानीय निवासी वहां एक अच्छा पार्क बनाना चाहते हैं. कई सालों से इसकी मांग की जा रही है. हालांकि, सरकार ने इस झाड़ी को हटाकर वहां एक बस्ती बसा दी है. इस जगह पर हमारे हैंगिंग गार्डन की तरह एक छोटा सा पार्क शुरू किया जा सकता है. मांग पर अब उचित प्रतिक्रिया दी जानी चाहिए.
सभी लोगों का पुनर्वास धारावी में हो...
ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व पार्षद अशरफ आजमी ने कहा कि कुर्ला डेयरी ने कुछ साल पहले इस प्लॉट का इस्तेमाल किया था. आज इस भूखंड पर करीब 800 से 900 पेड़ हैं. यह इलाका पर्यावरण के लिए अनुकूल होने के कारण यहां की जैव विविधता भी बहुत अच्छी है. पहले एक नेता की नजर इस जगह पर थी, जो यहां औद्योगिक परिसर बनाना चाहता था. लेकिन राजस्व एवं डेयरी विकास विभाग ने भूखंड अडाणी समूह को दे दिया गया. हमारा मानना है कि हर धारावी निवासी का पुनर्वास धारावी में ही होना चाहिए.
अडानी की साइट पर होंगे ये प्रोजेक्ट...
2022 में धारावी पुनर्विकास परियोजना की जिम्मेदारी अडाणी समूह को दी गई थी. इसके बाद अडानी समूह ने इस क्षेत्र का सर्वेक्षण शुरू किया था; लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद यह सर्वेक्षण रोक दिया गया. अडानी उद्योग समूह ने इस परियोजना के लिए मुंबई में कई जगह मांगी है. सरकार ने अडाणी समूह की मांग के अनुसार, धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए समूह को जमीन देने की घोषणा भी की है. अडाणी द्वारा मांगी गई खाली जमीनों में रेलवे की 45 एकड़, मुलुंड जकात नाका पर 18 एकड़, मुलुंड कचरा डंप पर 46 एकड़, मीठाघर पर 283 एकड़, मानखुर्द कचरा डंप पर 823 एकड़, बीकेसी के जी/ब्लॉक में 17 एकड़ जमीन शामिल है. अब इसमें कुर्ला डेयरी की 21 एकड़ जमीन को शामिल किया जा सकता है. इस प्रकार अडाणी समूह ने सरकार से 1,253 एकड़ खाली जमीन की मांग की है.
अडानी समूह को भूखंड देने का फैसला वापस लेना चाहिए...
ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब इस संबंध में शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और स्थानीय विधायक मंगेश कुडलकर से बात की तो उन्होंने कहा कि जब से मैं विधायक बना हूं, तब से बची हुई जगह पर सभी सुविधाओं से लैस एक बढ़िया क्वालिटी का खेल परिसर और एक बॉटनिकल गार्डन बनाए जाने की मांग की गई है. यह मांग सिर्फ मेरी ही नहीं बल्कि कई स्थानीय निवासियों की भी है. इसलिए संबंधित विभाग को तुरंत इस भूखंड को अडाणी समूह को देने का फैसला वापस लेना चाहिए और यहां के स्थानीय निवासियों की सुविधा के लिए कदम उठाने चाहिए.
अनिल देसाई ने शिंदे सरकार पर साधा निशाना
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अनिल देसाई ने शिंदे सरकार पर धारावी के विकास के नाम पर अडानी समूह को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया. देसाई ने 'धारावी पुनर्विकास परियोजना' के मुख्य अधिकारी श्रीनिवासन पर भी जमकर निशाना साधा. अनिल देसाई ने कहा कि धारावी के निवासियों को धारावी में घर मिलना चाहिए और जब तक धारावी पुनर्विकास परियोजना का खाका नहीं आ जाता, तब तक वे सर्वेक्षण नहीं होने देंगे.
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