जगदलपुर : देश भर में आज 26 नवंबर को अलग अलग तरीके से संविधान दिवस मनाया गया है. इस अवसर पर भारतीय संविधान के निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया. वहीं, बस्तर में संविधान दिवस पर अलग ही नजारा देखने को मिला. बस्तर के आदिवासी संविधान की किताब को न सिर्फ मानते है, बल्कि संविधान गुड़ी बनाकर उसकी पूजा अर्चना भी करते हैं.
संविधान गुड़ी में की पूजा अर्चना : बस्तर के आदिवासी हर साल 26 नवंबर के दिन गांव गणराज्य बुरुंगपाल में बने संविधान गुड़ी में सेवा अर्जी करते हैं. मंगलवार 26 नवंबर को बस्तर के ग्रामीण इलाकों में संविधान गुड़ी की पूजा अर्चना की गई. आदिवासियों ने संविधान प्रस्तावना का वाचन भी किया. इस दौरान लोगों ने "लोकसभा न विधानसभा, सबसे बड़ा ग्रामसभा" का नारा भी लगाया. क्योंकि ग्रामसभा की शक्ति संविधान के जरिए ही गांववालों को मिली है. इसके साथ ही "मावा नाटे, मावा राज" का भी नारा लगाया गया. संबिधान गुड़ी की पूजा करने के पीछे का भी अपना एक इतिहास है.