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मुकेश चंद्राकर मर्डर केस: प्रेस एसोसिएशन और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने की हत्या की निंदा - MUKESH CHANDRAKAR MURDER CASE

प्रेस एसोसिएशन और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार कड़ी कार्रवाई करे.

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मुकेश चंद्राकर मर्डर केस (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 4, 2025, 6:41 PM IST

Updated : Jan 4, 2025, 10:59 PM IST

रायपुर: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर प्रेस एसोसिएशन और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी दुख जताया है. घटना की निंदा करते हुए प्रेस एसोसिएशन और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि ये दुखद और निंदनीय घटना है. इस घटना की अच्छे से जांच की जानी चाहिए. घटना के दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को ठेकेदार के सेप्टिक टैंक से मिला था. मुकेश 1 जनवरी से लापता थे.

प्रेस एसोसिएशन और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने की निंदा: पत्रकार मुकेश चंद्राकर बस्तर में बन रहे सड़क निर्माण की गुणवत्ता को लेकर आवाज उठा रहे थे. निर्माण में कथित रुप से बरती जा रही अनियमितता को लेकर खबरें कर रहे थे. नए साल के पहले दिन मुकेश चंद्राकर अपने घर से निकले और लापता हो गए. मुकेश के भाई के उनकी गुमशुदगी को लेकर थाने में शिकायत भी दर्ज कराई. पुलिस की जांच में उनके फोन का लॉस्ट लोकेशन ठेकेदार के घर के पास मिला.

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने की निंदा: पीसीआई ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर चिंता व्यक्त की और राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. पीसीआई की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने बस्तर में मुकेश चंद्राकर की मौत का स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार से मामले के तथ्यों पर रिपोर्ट मांग ली है.

तीन संदिग्ध हिरासत में: 33 साल के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के सिलसिले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा कि "युवा पत्रकार की मौत गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि इससे गड़बड़ी का संदेह पैदा होता है. एडिटर्स गिल्ड छत्तीसगढ़ सरकार से मामले की तेजी से जांच करने और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी इस बात की मांग करता है. प्रेस एसोसिएशन और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सरकार से पत्रकारों, विशेष रूप से फील्ड रिपोर्टिंग और खोजी पत्रकारिता में शामिल पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का भी आग्रह किया.

सुरक्षा की मांग: पत्रकारों के प्रमुख संगठन प्रेस एसोसिएशन ने कहा कि इस दुखद घटना ने पत्रकारों को प्रतिशोध के डर के बिना अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों की तत्काल आवश्यकता को उजागर किया है. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और भारतीय महिला प्रेस कोर ने पत्रकार की हत्या की निंदा की और अपराधियों के खिलाफ समयबद्ध कार्रवाई की मांग की है. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया मामले का संज्ञान ले और राज्य सरकार से उचित कार्रवाई करने के लिए कहे.

(सोर्स पीटीआई)

पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस की SIT करेगी जांच, संदिग्धों के खाते फ्रीज: गृहमंत्री
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बीजापुर में हत्या, ठेकेदार के सेप्टिक टैंक से मिली लाश
नक्सलगढ़ से जर्नलिस्ट मुकेश चंद्राकर लापता, पुलिस ने चलाया सर्च ऑपरेशन, अपहरण की आशंका

रायपुर: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर प्रेस एसोसिएशन और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी दुख जताया है. घटना की निंदा करते हुए प्रेस एसोसिएशन और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि ये दुखद और निंदनीय घटना है. इस घटना की अच्छे से जांच की जानी चाहिए. घटना के दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को ठेकेदार के सेप्टिक टैंक से मिला था. मुकेश 1 जनवरी से लापता थे.

प्रेस एसोसिएशन और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने की निंदा: पत्रकार मुकेश चंद्राकर बस्तर में बन रहे सड़क निर्माण की गुणवत्ता को लेकर आवाज उठा रहे थे. निर्माण में कथित रुप से बरती जा रही अनियमितता को लेकर खबरें कर रहे थे. नए साल के पहले दिन मुकेश चंद्राकर अपने घर से निकले और लापता हो गए. मुकेश के भाई के उनकी गुमशुदगी को लेकर थाने में शिकायत भी दर्ज कराई. पुलिस की जांच में उनके फोन का लॉस्ट लोकेशन ठेकेदार के घर के पास मिला.

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने की निंदा: पीसीआई ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर चिंता व्यक्त की और राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. पीसीआई की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने बस्तर में मुकेश चंद्राकर की मौत का स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार से मामले के तथ्यों पर रिपोर्ट मांग ली है.

तीन संदिग्ध हिरासत में: 33 साल के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के सिलसिले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा कि "युवा पत्रकार की मौत गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि इससे गड़बड़ी का संदेह पैदा होता है. एडिटर्स गिल्ड छत्तीसगढ़ सरकार से मामले की तेजी से जांच करने और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी इस बात की मांग करता है. प्रेस एसोसिएशन और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सरकार से पत्रकारों, विशेष रूप से फील्ड रिपोर्टिंग और खोजी पत्रकारिता में शामिल पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का भी आग्रह किया.

सुरक्षा की मांग: पत्रकारों के प्रमुख संगठन प्रेस एसोसिएशन ने कहा कि इस दुखद घटना ने पत्रकारों को प्रतिशोध के डर के बिना अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों की तत्काल आवश्यकता को उजागर किया है. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और भारतीय महिला प्रेस कोर ने पत्रकार की हत्या की निंदा की और अपराधियों के खिलाफ समयबद्ध कार्रवाई की मांग की है. प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया मामले का संज्ञान ले और राज्य सरकार से उचित कार्रवाई करने के लिए कहे.

(सोर्स पीटीआई)

पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस की SIT करेगी जांच, संदिग्धों के खाते फ्रीज: गृहमंत्री
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Last Updated : Jan 4, 2025, 10:59 PM IST
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