असम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला, वाहनों में तोड़फोड़ की गई : पार्टी का आरोप - कांग्रेस का असम सरकार पर आरोप
Congress Workers Attacked In Assam : कांग्रेस ने ने घटना से संबंधित कुछ वीडियो जारी करते हुए यह दावा भी किया कि यह हमला भाजपा सरकार के सहयोग से किया गया तथा यह मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और भाजपा की घबराहाट को दिखाता है.
कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर घटना का वीडियो शेयर किया. ( तस्वीर: @INCIndia)
नई दिल्ली/उत्तर लखीमपुर : कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान असम के उत्तर लखीमपुर शहर में इसके कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया, उनके वाहनों में तोड़फोड़ की गई और बैनर फाड़ दिए गए. हालांकि, असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि किसी भी वाहन को निशाना नहीं बनाया गया और यात्रा शांतिपूर्वक अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश कर गई.
कांग्रेस की असम इकाई के प्रमुख भूपेन कुमार बोरा ने कहा कि शहर में यात्रा का स्वागत करने के लिए लगाए गए सभी होर्डिंग और पोस्टर शुक्रवार रात फाड़ दिए गए और बैनर लगाने पहुंचे पार्टी के सदस्यों की पिटाई की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि डिस्प्ले ले जाने के लिए पार्टी की से इस्तेमाल किए गए दो वाहनों को भी उपद्रवियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को वहां से तुरंत नहीं जाने पर गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी. बोरा ने कहा कि हमने पुलिस में दो शिकायतें दी हैं. एक हमारे कार्यकर्ताओं की पिटाई करने और वाहनों को नुकसान पहुंचाने से संबंधित है, और दूसरी शिकायत, पोस्टर फाड़े जाने से संबंधित है.
उन्होंने दावा किया कि जिस कार से उपद्रवी घटनास्थल पर पहुंचे थे वह एक ऐसे व्यक्ति की है जो स्थानीय भाजपा विधायक का करीबी माना जाता है. इस बीच, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस तरह के हमले से कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी डरने वाले नहीं हैं. खड़गे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि हम असम के लखीमपुर में भाजपा के गुंडों की ओर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा के वाहनों पर हुए शर्मनाक हमले और कांग्रेस पार्टी के बैनर-पोस्टर फाड़े जाने की कड़ी निंदा करते हैं.
पिछले 10 वर्षों में भाजपा ने भारत के लोगों को संविधान द्वारा दिए गए हर अधिकार और न्याय को कुचलने एवं ध्वस्त करने का प्रयास किया है. वह (भाजपा) लोकतंत्र का उल्लंघन कर उनकी (कांग्रेस) आवाज दबाना चाहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी असम में भाजपा सरकार की ओर से अपनाई गई हमले और धमकी की इस रणनीति से डरने वाली नहीं है. कांग्रेस पार्टी भाजपा के इन पिट्ठुओं के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेगी. हमारी लड़ाई और राहुल गांधी की न्याय के प्रति प्रतिबद्धता अटूट है.
असम के डीजीपी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट कर आरोपों को खारिज किया. उन्होंने खड़गे के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महोदय, किसी भी राजनीतिक दल के वाहन को निशाना नहीं बनाया गया है और यात्रा को भी नहीं. असम पुलिस ने पूरे राज्य में यात्रा के लिए सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए हैं. यात्रा असम में पहले चरण के बाद शांतिपूर्वक अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश कर चुकी है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दावा किया कि असम में वे लोग 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' का विरोध कर रहे हैं जिनके रिश्तेदारों की जान कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गई थी. कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी वेणुगोपाल ने घटना से संबंधित वीडियो फुटेज साझा करते हुए 'एक्स' पर पोस्ट किया कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा से 'सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री' हिमंत विश्व शर्मा कितने डरे हुए हैं, क्या इसका और सबूत चाहिए? देखो उनके गुंडे कांग्रेस के पोस्टर फाड़ रहे हैं और वाहनों को तोड़ रहे हैं! यात्रा के भारी प्रभाव से वह इतना घबरा गए हैं कि वह किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं.
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा को मिल रहे समर्थन से भाजपा और इसके नेता घबरा गए हैं. असम के लखीमपुर में जिस तरह से हमला किया गया, उससे पता चलता है कि भाजपा इस यात्रा को मिल रहे समर्थन से घबरा गई है. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा घबराहट के कारण और भाजपा में अपनी वफादारी साबित करने के लिए इस तरह की हरकत पर उतर आए हैं. माकन ने 'हमले' की निंदा करते हुए कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस इस तरह के हमलों से डरने और घबराने वाले नहीं हैं. यात्रा जारी रहेगी.
उन्होंने आरोप लगाया कि हमला असम की भाजपा सरकार के सहयोग से हुआ. कांग्रेस की असम इकाई की मीडिया कमेटी के प्रमुख भरत नाराह ने कहा कि भाजपा नीत राज्य सरकार यात्रा में व्यवधान डाल रही है ताकि लोगों को इसमें भाग लेने से रोका जा सके. 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' फिलहाल अरुणाचल प्रदेश में है और रविवार को फिर से असम में दाखिल होगी. यह यात्रा 67 दिन में 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 15 राज्यों के 110 जिलों से गुजरते हुए 20 या 21 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी.