नई दिल्ली: कांग्रेस जहां संसद में एनडीए पर निशाना साध रही, वहीं बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे के मुद्दे पर अब भाजपा के सहयोगी दलों जेडीयू और टीडीपी को घेरने की योजना बना रही है. पिछले कई वर्षों से दोनों राज्यों के लिए विशेष दर्जे की मांग हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में जेडीयू और टीडीपी के प्रमुख भागीदार बनने के बाद इस मुद्दे की चर्चा तेज हो गई है. बिहार में जेडीयू अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेडीयू-बीजेपी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में टीडीपी आंध्र प्रदेश में सत्ता में आई है.
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी जुलाई में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश होने से पहले एनडीए के दोनों सहयोगियों के साथ-साथ भाजपा पर जनता का दबाव बनाने के लिए संसद के साथ-साथ संबंधित राज्यों में बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे का मुद्दा उठाएगी.
बिहार के सासाराम से कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं. अब वो एनडीए सरकार के एक महत्वपूर्ण घटक हैं. नीतीश वास्तव में भाजपा को सत्ता में बने रहने में मदद कर रहे हैं. बिहार को विशेष दर्जा देने के लिए यह सबसे सही समय है. नीतीश कुमार सरकार को इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पारित करना चाहिए और इसे जल्द से जल्द केंद्र को भेजना चाहिए. मैं इस मामले को लोकसभा में उठाऊंगा. हमारी पार्टी बिहार विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाएगी.
बिहार की गिनती देश के पिछड़ा राज्यों में होती है और विशेष दर्जे से राज्य को काफी फायदा होगा, क्योंकि इससे राज्य को बजटीय आवंटन में बढ़ोतरी और केंद्रीय धन का प्रवाह बढ़ेगा, जिसका इस्तेमाल विकास को तेज करने के लिए किया जा सकता है.