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Fake News को लेकर कांग्रेस आक्रामक, कानूनी कार्रवाई के लिए देश भर में बनाएगी टीम - Congress on Fake News

Congress To Counter Fake News: उत्तर प्रदेश सरकार की नई सोशल मीडिया नीति के बाद कांग्रेस फर्जी खबरों से आक्रामक तरीके से निपटने की योजना बान रही है. इसके लिए पार्टी देश भर में त्वरित प्रतिक्रिया टीम गठित करेगी.

Congress to counter fake news aggressively set up quick response teams
राहुल गांधी (ANI)

By Amit Agnihotri

Published : Sep 1, 2024, 9:42 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस अपने शीर्ष नेताओं के खिलाफ फर्जी खबरों का मुकाबला करने के लिए आक्रामक हो रही है और इससे निपटने के लिए जल्द ही देश भर में त्वरित प्रतिक्रिया टीम गठित करेगी. इसके तहत पार्टी फर्जी खबरों के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई करने के लिए केंद्रीय स्तर से लेकर राज्यों में जिला स्तर तक संरचनात्मक व्यवस्था स्थापित करेगी. पार्टी यह टीम विशेष रूप से उन तीन राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में गठित करेगी, जहां अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार की नई सोशल मीडिया नीति के मद्देनजर आक्रामक होने का यह कदम उठाया गया है, जिसमें राष्ट्र विरोधी माने जाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई निर्धारित की गई है. एआईसीसी (कांग्रेस पार्टी) के कानून विभाग के प्रमुख अभिषेक मनु सिंघवी ने ईटीवी भारत से कहा, "सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें बड़ी समस्या बन गई हैं. हम जल्द ही इस मुद्दे से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया टीम गठित करेंगे."

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंघवी ने कहा, "आजकल सोशल मीडिया पर बहुत सारा कचरा तैरता रहता है. हाल ही में हमारी टीमों ने कुछ फर्जी खबरों को लेकर एफआईआर दर्ज कराई और पोस्ट हटा दिए गए. लेकिन हमें पूरे देश में इस टीम का विस्तार करने की जरूरत है." उन्होंने कहा कि हम हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों से उत्पन्न होने वाले मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे.

सिंघवी हाल ही में तेलंगाना से फिर से राज्यसभा के लिए चुने गए हैं. उनको कांग्रेस के कानून विभाग का प्रमुख भी नियुक्त किया गया है, जो चुनाव आयोग और सूचना के अधिकार अधिनियम से जुड़ी सैकड़ों शिकायतों से निपट रहा है.

पार्टी नेताओं को सुझाव भी देगा कानून विभाग
कांग्रेस का सोशल मीडिया सेल पिछले कुछ वर्षों से फर्जी खबरों से निपट रहा है, लेकिन कांग्रेस अब कानूनी तरीके से ऐसी खबरों पर कार्रवाई करने पर विचार कर रही है. सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों से निपटने के अलावा कानून विभाग त्वरित कार्रवाई भी करेगा और पार्टी नेताओं को सुझाव भी देगा, जो अक्सर जांच एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करते हैं या उन्हें नीतिगत मुद्दों पर कानूनी लड़ाई लड़ने की जरूरत होती है.

ताजा मामला कर्नाटक के मुख्यमंत्री के सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिव कुमार का है, जिनके लिए सिंघवी कर्नाटक हाईकोर्ट में वकील के तौर पर पेश हुए. पार्टी ने छत्तीसगढ़ के नेता देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी का भी विरोध किया था.

कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "हम यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध और शिक्षक भर्ती में घोटाले का मुद्दा उठाते रहे हैं. ऐसे मामलों को किस श्रेणी में रखा जाएगा? अगर हम सरकार की कमियों को उजागर करेंगे तो क्या यह अपराध होगा. उत्तर प्रदेश में नई सोशल मीडिया नीति लोकतंत्र पर हमला करने और सरकार की नीतियों की प्रशंसा करने वालों को पुरस्कृत करने के अलावा और कुछ नहीं है. लेकिन इससे सच्चाई नहीं छिप पाएगी. उन्होंने आगे कहा, "पहले उन्हें यह परिभाषित करने दें कि राष्ट्र-विरोधी क्या है."

अब ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा...
बता दें, भाजपा ने हाल ही में कांग्रेस पर फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया था. एक कथित पत्र में दावा किया गया था कि कांग्रेस हिंदुओं को विभाजित करने की योजना बना रही है, लेकिन यह पत्र फर्जी निकला. पूर्व में, कांग्रेस का सोशल मीडिया सेल पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी के बारे में फर्जी समाचार पोस्ट से लड़ता रहा है, जो भाजपा के आईटी सेल के निशाने पर रहे हैं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, "अब ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."

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