नई दिल्ली : कांग्रेस ने बेरोजगारी के मुद्दे पर रविवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था के ‘मोदानी-करण’ के कारण ही देश में नौकरियों का भयंकर अकाल है, जो पिछले 10 साल के 'अन्याय काल' की पराकाष्ठा है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर हमला करते हुए भारतीय श्रम बाजार में रोजगार सृजन में दीर्घकालिक रुझानों के विश्लेषण का हवाला दिया. उन्होंने कहा, 'देश में नौकरियों का अकाल अर्थव्यवस्था के मोदानी-करण के कारण हुआ है.'
रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार युवाओं के लिए न्याय की तत्काल आवश्यकता का उल्लेख कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब भारत में बेरोजगारी को लेकर किए गए एक नए विश्लेषण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले 10 साल के कार्यकाल के दौरान पैदा हुए रोजगार संकट को सामने ला दिया है. रमेश ने कहा कि यह विश्लेषण दुनिया के सबसे अच्छे अर्थशास्त्रियों में से एक, 'लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स' के प्रोफेसर द्वारा किया गया है.
रमेश ने कहा, '10 साल पहले की तुलना में मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान कम लोग काम-धंधे में लगे हैं, युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं और नौकरियों में वेतन कम मिल रहा है.' विश्लेषण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'नौकरी करने वाले भारतीयों का प्रतिशत अभी भी 10 साल पहले की तुलना में कम है. प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में युवा बेरोजगारी दर सबसे अधिक ऊंचाई पर पहुंच गई है. यह आज आठ प्रतिशत से ऊपर है, जो 10 साल पहले के चार प्रतिशत के आंकड़े से काफी ज्यादा है.'
रमेश ने कहा कि 30 से भी ज्यादा वर्षों में पहली बार वेतन पाने वाले श्रमिकों की हिस्सेदारी कम हुई है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में यह आंकड़ा 15 प्रतिशत से लगातार बढ़कर लगभग 25 प्रतिशत हो गया था, लेकिन अब वापस 22 प्रतिशत पर आ गया है. रमेश ने दावा किया, 'यहां तक कि बचे हुए उन भाग्यशाली लोगों, जिनके पास नौकरियां हैं, उनकी कमाई भी महंगाई के हिसाब से मोदी सरकार के कार्यकाल में बिल्कुल नहीं बढ़ी है. वेतन पाने वाले श्रमिकों की कमाई पांच साल पहले की तुलना में 12 प्रतिशत और ग्रामीण मजदूरों की कमाई पांच प्रतिशत कम है.'