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नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ समझौते को लेकर सवाल उठने पर कांग्रेस ने भाजपा से पूछे तीखे सवाल - Jammu Kashmir Assembly Elections

By Amit Agnihotri

Published : Aug 24, 2024, 7:52 PM IST

Jammu Kashmir Assembly Elections, जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ समझौते को लेकर सवाल उठाने पर भाजपा की आलोचना की है. कांग्रेस पदाधिकारियों ने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच समझौता हो गया है, लेकिन सीट बंटवारे पर बातचीत अभी चल रही है. पढ़िए पूरी खबर...

Congress slams BJP for questioning its pact with National Conference
कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ समझौते पर सवाल उठाने के लिए भाजपा की आलोचना की (प्रतीकात्मक तस्वीर-ANI)

नई दिल्ली : कांग्रेस ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन पर सवाल उठाने के लिए भाजपा की आलोचना की और कहा कि भगवा पार्टी चुनाव हारने से डर रही है. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के एआईसीसी प्रभारी भरत सिंह सोलंकी ने ईटीवी भारत से कहा, 'भाजपा का पहले भी पीडीपी के साथ गठबंधन था, लेकिन अब वह एनसी के साथ हमारे गठबंधन पर सवाल उठा रही है. दरअसल, वे विधानसभा चुनाव हारने से डर रहे हैं और इसलिए ऐसे गैर-मुद्दे उठा रहे हैं.'

बता दें कि 22 अगस्त को विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे की नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के आवास पर हुई मुलाकात के दौरान गठबंधन पर सैद्धांतिक रूप से मुहर लग गई थी, लेकिन दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे के फार्मूले पर अभी भी बातचीत चल रही थी. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव तीन चरणों में 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे, जबकि नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में मतदान वाली 24 सीटों में से कांग्रेस 9 या 10 पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है. इनमें कश्मीर क्षेत्र की चार सीटें भी शामिल हैं, जिन्हें दो क्षेत्रीय दलों एनसी और पीडीपी का गढ़ माना जाता है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक चार सीटों में से कांग्रेस ने 2014 में दो सीटें देवसर और शांगस जीती थीं. तीसरी सीट डुरू में पूर्व जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख गुलाम अहमद मीर पीडीपी के सैयद फारूक अहमद अंद्राबी से मात्र 161 वोटों के मामूली अंतर से हार गए थे. चौथी सीट कोकरनाग है, जहां 2014 में पीडीपी के अब्दुल रहीम लाथर ने जीत दर्ज की थी.

इस संबंध में एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि हम उन सीटों के लिए मांग कर रहे हैं, जिन पर हम जीते थे और जिन पर हम दूसरे स्थान पर रहे थे. कांग्रेस पदाधिकारियों के सामने चुनौती यह है कि कोकरनाग सीट परिसीमन के बाद आरक्षित सीट बन गई है और पार्टी को वहां कोई नया उपयुक्त चेहरा तलाशना होगा. पार्टी सूत्रों का कहना है कि अन्यथा वरिष्ठ नेता पीरजादा मोहम्मद सैयद इस क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं. जम्मू-कश्मीर से लौटने के तुरंत बाद राहुल और खड़गे ने 23 अगस्त को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें शुक्रवार को ही लगभग 10 नामों की पहली सूची घोषित करने की योजना बनाई गई.

हालांकि, सीईसी केवल पांच सीटों पर उम्मीदवारों को मंजूरी दे सकी, क्योंकि एनसी के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत रुक जाने के कारण कश्मीर की चार सीटों पर निर्णय नहीं लिया जा सका. सोलंकी ने कहा कि हम एक राष्ट्रीय पार्टी हैं और जम्मू-कश्मीर दोनों क्षेत्रों की सीटों पर हमारा दावा है. उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे पर बातचीत चल रही है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा. पार्टी सूत्रों के अनुसार, पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 29 अगस्त है और पार्टी के पास इसके लिए अभी भी कुछ समय है.

सोलंकी ने कहा कि एनसी और पीडीपी दोनों ही पहले भाजपा की सहयोगी रही हैं. भाजपा-पीडीपी सरकार के साझा न्यूनतम कार्यक्रम में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के साथ बातचीत शुरू करने की बात कही गई थी. अब वे क्षेत्रीय दलों को क्यों निशाना बना रहे हैं? नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी दोनों ही राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया ब्लॉक का हिस्सा थे, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए सिर्फ़ कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच ही समझौता हुआ था. कांग्रेस ने तब भाजपा पर पर्दे के पीछे से पीडीपी का समर्थन करने का आरोप लगाया था. साथ ही कहा था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस भी पीडीपी से चिंतित है.

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