नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में वर्ष 2024-25 सत्र के लिए होने जा रहे छात्रसंघ चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया और नामांकन पत्रों की जांच (स्क्रूटनी) का काम गुरुवार को शाम सात बजे खत्म हो गया. दोपहर तीन बजे नामांकन की समय सीमा खत्म होने के बाद 3:15 बजे से नमांकन पत्रों की जांच शुरू हुई. शाम 7:00 बजे तक चली नामांकन पत्रों की जांच के बाद कुल 87 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र सही पाए गए. अध्यक्ष पद पर 28, उपाध्यक्ष पद पर 19, सचिव पद पर 22 और संयुक्त सचिव पद पर 18 विद्यार्थियों ने नामांकन दाखिल किया. वहीं, इनमें 15 से ज्यादा छात्राएं भी शामिल हैं, जिसमें विद्यार्थी परिषद की ओर से 6 प्रत्याशियों ने सभी चारों पदों पर नामांकन किया है.
वहीं 8 से ज्यादा प्रत्याशियों ने एनएसयूआई से चारों पदों पर नामांकन किया है. इसी तरह एसएफआई और आइसा की ओर से भी चारों पदों पर एक से ज्यादा उम्मीदवारों ने नामांकन किय. इसकी वजह से नामांकन करने वाले प्रत्याशियों की संख्या 90 के करीब पहुंच गई. अब शुक्रवार को नामांकन वापस लेने का दिन है. दोपहर 12:00 बजे तक प्रत्याशी अपना-अपना नामांकन वापस ले सकेंगे. डूसू चुनाव समिति की ओर से कहा गया है किसी भी प्रत्याशी का नामांकन फोन के माध्यम से मैसेज करने पर वापस नहीं माना जाएगा. उसे चुनाव समिति के कार्यालय में आकर ही नामांकन वापस लेना होगा.
दरअसल अब नामांकन पत्रों की जांच के बाद, सभी छात्र संगठन अपने प्रत्याशियों का चयन कर अंतिम रूप से घोषणा करेंगे और बाकी के प्रत्याशियों के नामांकन को वापस कराएंगे. इस तरह से सभी संगठनों की ओर से आधिकारिक प्रत्याशियों की घोषणा शुक्रवार को हो जाएगी. इसके बाद करीब 20 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रहने की संभावना है. डूसू चुनाव में पहली बार आइसा और एसएफआई गठबंधन करके दो-दो पदों पर चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें आइसा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर, जबकि एसएफआई सचिव और संयुक्त सचिव पर चुनाव लड़ेगा.
संभावित उम्मीदवारों ने जमकर दिखाया दम: नामांकन के अंतिम दिन प्रमुख रूप से एबीवीपी और एनएसयूआई की ओर से संभावित उम्मीदवारों ने पूरा दमखम दिखाया. दोनों संगठन की ओर से सभी चारों पदों पर नामांकन करने वाले प्रत्याशियों के समर्थक छात्रों ने जमकर पर्चे उड़ाए और पूरे दिन ढोल नगाड़ों पर थिरकते हुए माहौल बनाया.
तीन बजे नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद जब स्क्रूटनी शुरू हुई, तो सभी प्रत्याशियों को चुनाव समिति कार्यालय में बुला लिया गया ताकि उनके नामांकन पत्रों की जांच उनके सामने हो सके और प्रत्याशी बेवजह अपना नामांकन पत्र खारिज करने का आरोप न लगा सकें. इधर प्रत्याशी चुनाव कार्यालय में अपने-अपने नामांकन पत्रों की जांच करा रहे थे, वहीं उनके समर्थक डीयू आर्ट फैकल्टी के बाहर जमकर चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे. नामांकन का आखिरी दिन होने के चलते पूरे दिन छात्रा मार्ग पर जाम की स्थिति रही.
वामपंथी छात्र संगठनों का नहीं दिखा जोर: वहीं इसबार वामपंथी छात्र संगठनों आइसा और एसएफआई की ओर से शांतिपूर्ण तरीके से बिना ढोल नगाड़े के नामांकन किया गया. स्क्रूटनी के बाद दोनों संगठनों के संभावित प्रत्याशी, चुनाव समिति कार्यालय से बिना किसी शोर शराबे के निकल गए. उनके समर्थक छात्र छात्राएं भी शांतिपूर्ण तरीके से ही बाहर खड़े होकर उनके चुनाव कार्यालय से निकलने का इंतजार करते देखे गए. हालांकि, उन्होंने भी माला पहनाकर अपने संभावित प्रत्याशियों का स्वागत किया और उन्हें लेकर आर्ट फैकल्टी की ओर चले गए.
एनएसयूआई और एबीवीपी ने निकाला जुलूस: इस दौरान एनएसयूआई और विद्यार्थी परिषद की ओर से जब उनके संभावित प्रत्याशी नामांकन पत्रों की जांच के बाद चुनाव कार्यालय से बाहर निकले, तो उन्हें समर्थक छात्रों ने कंधे पर उठाकर माला पहनाकर नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला और उन्हें लेकर आर्ट्स फैकल्टी की ओर चले गए. दोनों छात्र संगठनों के समर्थक छात्र गाड़ियों के ऊपर खड़े होकर भी नारेबाजी करते हुए दिखाई दिए.
प्रचार सामग्री से पटा दिखा मार्ग: डूसू चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों ने अपने चुनाव प्रचार में जमकर पैसा खर्च किया है. छात्रा मार्ग पूरी तरह से बैनर पोस्ट से पटा रहा. बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर लगाकर विद्यार्थी परिषद और एनएसयूआई की ओर से अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है. नामांकन के दौरान एनएसयूआई और विद्यार्थी परिषद की ओर से पैंफलेट भी उड़ाए गए.
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