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कांग्रेस ने अजित पवार की आलोचना की, कहा- उनकी टिप्पणी महायुति में भ्रम दिखाती है

Maharashtra Assembly Elections 2024, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार का यह कहना कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान पश्चिमी राज्य में काम नहीं करेगा. कांग्रेस ने इसे महायुति में भ्रम दर्शाने की बात कही है.

Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (file photo-IANS)

By Amit Agnihotri

Published : Nov 8, 2024, 9:28 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने कहा है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का बटेंगे तो कटेंगे वाले बयान पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार का यह कहना कि यह बयान पश्चिमी राज्य में काम नहीं करेगा, भाजपा नीत महायुति के भीतर भ्रम को दर्शाता है.

इस बारे में कांग्रेस नेताओं ने आगे कहा कि टिप्पणी से पता चलता है कि अजित पवार, जो अपने चाचा शरद पवार की पार्टी को तोड़कर 2023 में उपमुख्यमंत्री बने थे, भगवा पार्टी से खुद को दूर करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन यह कदम अब उनकी मदद नहीं करेगा.

महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीएम संदीप ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं ने उनके खेल को समझ लिया था और महायुति के मुकाबले इंडिया गठबंधन को बढ़त दे दी थी. विधानसभा चुनाव में भी वे ऐसा ही करेंगे. अजित पवार ने सत्ता के लिए अपने चाचा शरद पवार को छोड़ दिया, लेकिन शायद उन्हें भाजपा का सहयोगी होने के दुष्परिणामों का एहसास हो गया है और वे दूरी बनाए रखना चाहते हैं. लेकिन यह कदम बहुत देर से उठाया गया है और उन्हें भगवा पार्टी के साथ जाने के नकारात्मक प्रभाव का सामना करना पड़ेगा.

एआईसीसी पदाधिकारी ने इस बात पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या अजित पवार चुनाव के बाद पाला बदलने की योजना बना रहे हैं, उन्होंने कहा, "यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर मैं प्रतिक्रिया नहीं देना चाहूंगा." संदीप ने कहा कि महायुति की तुलना में इंडिया गठबंधन सबसे अच्छा गठबंधन प्रतीत होता है, जिसने 2022 में सत्ता में आने के बाद से लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं किया है. उन्होंने कहा, "न केवल 'बटेंगे तो काटेंगे' वाली टिप्पणी, बल्कि महायुति के भीतर भ्रम की स्थिति पूरे राज्य में दिख रही है, क्योंकि उन्हें गुटीय झगड़ों के अलावा बड़ी संख्या में विद्रोहियों का सामना करना पड़ रहा है."

संदीप ने कहा, "इसके विपरीत, इंडिया गठबंधन का संयुक्त अभियान सुचारू रूप से चल रहा है और हमारे सभी शीर्ष नेता ज़मीन पर हैं. हम जो मुद्दे उठा रहे हैं, वे मतदाताओं से जुड़ रहे हैं." वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने विभाजनकारी राजनीति को लेकर भगवा पार्टी की आलोचना की. थोराट ने ईटीवी भारत से कहा, "कांग्रेस कभी भी लोगों को धर्म के आधार पर नहीं बांटती है. यह भाजपा है जो दशकों से ऐसा करती आ रही है. आवश्यक वस्तुओं की ऊंची कीमतों से हर कोई प्रभावित होता है."

महाराष्ट्र में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षकों में से एक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की उस टिप्पणी पर सवाल उठाया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि लाल कवर वाले संविधान की प्रति दिखाने वाले नेता शहरी नक्सली हैं और जो कोई जाति की बात करेगा, उसे लात मार दी जाएगी. सिंह देव ने ईटीवी भारत से कहा, "वह एक वरिष्ठ नेता हैं. क्या लोगों की समस्याओं को लात मारकर हल करना लोकतांत्रिक कदम है. इसके बजाय, सभी समस्याओं का समाधान चर्चा के माध्यम से किया जाता है. हमें राष्ट्र के लिए एक नई दृष्टि की आवश्यकता है और इसके लिए जाति जनगणना की आवश्यकता है."

उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हीं मुद्दों पर लोकसभा की लड़ाई लड़ी थी, जहां हमने संविधान की सर्वोच्चता और इसे बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया था. विधानसभा चुनाव में भी यही किया जाएगा. लाल रंग बहुत सी चीजों पर पाया जाता है जिन्हें शुभ भी माना जाता है. संविधान की प्रति को लाल कवर में दिखाने की आलोचना क्यों?" उन्होंने कहा, "सार्वजनिक जीवन में यह सामान्य बात होनी चाहिए. भगवा पार्टी हमारे नेता राहुल गांधी द्वारा नागपुर में आयोजित हालिया सम्मेलन सहित 'संविधान बचाओ' सम्मेलनों की श्रृंखला से चिंतित प्रतीत होती है."

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