नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के नेता जल्द चुनाव आयोग से मुलाकात कर सकते हैं. कांग्रेस आयोग को बताएगी कि वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है. साथ ही जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में वृद्धि, अपने वरिष्ठ नेताओं के लिए सुरक्षा कवर की कमी, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने पर प्रशासन की ओर से प्रतिबंध और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने पर अपनी चिंताओं को भी साझा करेगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार अपने दो चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू के साथ चुनाव तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए 8-10 अगस्त को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, केंद्र सरकार को सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने हैं.
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस मामलों के प्रभारी सचिव भरत सिंह सोलंकी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, "हमारा प्रतिनिधिमंडल 8 अगस्त को चुनाव आयोग से मिलेगा. हम निर्वाचन आयोग को बताएंगे कि हम चुनाव के लिए तैयार हैं. हमारे कार्यकर्ता तैयार हैं. लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव सीमावर्ती क्षेत्र में एक सकारात्मक लोकतांत्रिक कदम होगा. हम अपनी चिंताओं को भी उनके साथ साझा करेंगे."
पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस पिछले कुछ महीनों में जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमलों की संख्या में अचानक वृद्धि, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उचित सुरक्षा कवर की कमी और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर प्रशासन के प्रतिबंध को लेकर चिंतित है.
पूर्व विधायक रविंदर शर्मा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, "हम चुनाव आयोग के समक्ष अपने सुझाव रखेंगे. जाहिर है, जम्मू क्षेत्र में आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी पर चिंता है जो अतीत में शांतिपूर्ण रहा था. इसके अलावा, हमारे वरिष्ठ नेताओं को उचित सुरक्षा कवर की कमी का मुद्दा भी है. पिछले कुछ सालों में रिवाइज्ड थ्रेट की धारणाओं के आधार पर हमारे नेताओं और पूर्व मंत्रियों की सुरक्षा घटा दी गई है. हमें लगता है कि इस तरह के आकलन दोषपूर्ण हैं और उचित मानदंडों की कमी से ग्रस्त हैं. इसके उलट, भाजपा नेताओं के पास बेहतर सुरक्षा कवर है जिसमें वाहन शामिल हैं."