नई दिल्ली:कांग्रेस ने पंजाब में आम आदमी पार्टी को टक्कर देने के लिए सोमवार को एक और कैडिंडेट लिस्ट जारी की. कांग्रेस की तरफ से जारी नई लिस्ट में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, जिन्हें लुधियाना से टिकट दिया गया है. बता दें कि इस सीट से मौजूदा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू बीजेपी में शामिल हो गए हैं. वहीं, खडूर साहिब लोकसभा सीट से कुलबीर सिंह जीरा, कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को गुरदासपुर से टिकट दिया गया है. कांग्रेस ने इस बार खडूर साहिब लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद जसवीर सिंह गिल को टिकट नहीं दिया है. वहीं पार्टी ने पूर्व मंत्री विजय इंदर सिंगला से आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. इस सीट से वर्तमान सांसद मनीष तिवारी को इस बार चंडीगढ़ सीट से उम्मीदवार बनाया गया है.
कांग्रेस के 4 दिग्गज AAP के खिलाफ मैदान में
पंजाब के AICC प्रभारी देवेंद्र यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि, पंजाब की चार लोकसभा सीटों पर दिग्गजों को उतारकर कांग्रेस ने बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी यादव ने कहा कि, वे मजूबत उम्मीदवारों को उतार कर बताना चाहते है कि पंजाब को लेकर कांग्रेस कितनी गंभीर और मजबूत है. पिछले 2019 के चुनावों में, कांग्रेस ने पंजाब की कुल 13 लोकसभा सीटों में से 8 पर जीत हासिल की थी. उस समय पंजाब में बीजेपी और शिअद का गठबंधन था. भाजपा ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा और 2 सीटें जीतीं और शिअद ने 10 सीटों पर चुनाव लड़ा और 2 सीटें जीतीं. हालांकि, इस बार वे अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं.
'अलग होकर भी एक हैं शिअद और बीजेपी'
ईटीवी भारत से बातचीत में पंजाब प्रदेश कांग्रेस इंचार्ज देवेंद्र यादव ने आगे कहा कि, पंजाब में भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल का अब कोई प्रभाव नहीं रहा. हालांकि, वे आपस में मिले हुए हैं. उन्होंने कहा कि, पंजाब में उनका मुकाबला सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी से है. यादव ने कहा कि, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस केंद्र की नीतियों को निशाना बना रही है. देवेंद्र यादव ने कहा कि, वैसे पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे के प्रतिद्वंदी हैं, लेकिन दोनों पार्टियां राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सहयोगी हैं. उन्होंने कहा कि, अरविंदर सिंह लवली ने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के कारण इस्तीफा दिया है. उन्होंने पहले दिल्ली में AAP के साथ गठबंधन को मंजूरी दे दी थी. हालंकि, उन्हें नहीं लगता कि उनके इस्तीफे से पंजाब चुनाव पर इसका कोई प्रभाव पड़ेगा.