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कांग्रेस का मेनिफेस्टो लोकसभा चुनाव का 'मास्टस्ट्रोक'!, घोषणापत्र की बड़ी बातें - Congress Manifesto Release

Congress Manifesto Release: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया. पार्टी के मेनिफेस्टो में 5 न्याय और 25 गारंटी शामिल हैं.घोषणा पत्र में देश में शासन व्यवस्था को फिर से व्यवस्थित करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप देश की जनता का साथ साझा किया.

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By Amit Agnihotri

Published : Apr 5, 2024, 4:21 PM IST

Updated : Apr 5, 2024, 4:42 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटी कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को घोषणा पत्र जारी किया. पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में देश में शासन व्यवस्था को फिर से व्यवस्थित करने के लिए एक विस्तृत रोडमैप देश की जनता का साथ साझा किया. दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी ने 5 न्याय और 25 गारंटी का ऐलान किया. घोषणा पत्र जारी करते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जम कर निशाना साधा. पार्टी नेताओं ने केंद्र सरकार की नीतियों, खामियों को गिनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. कांग्रेस ने अपनी घोषणापत्र में न्याय देने, नई आर्थिक नीतियों के माध्यम से धन के पैदा करने और मौजूदा खामियों को दूर करने की अपनी योजना को जनता के समक्ष रखा. बता दें कि कांग्रेस ने अपनी घोषणा पत्र को 'न्याय पत्र' नाम दिया है.

कांग्रेस ने जारी किया मेनिफेस्टो
अब देखना है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की 5 न्याय और 25 गारंटी क्या गुल खिलाती है. आगे कांग्रेस ने अपनी घोषणापत्र में MSP को कानून बनाने, जाति जनगणना कराने पर बल दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस मेनिफेस्टो में चरणबद्ध तरीके से लगभग 30 लाख मौजूदा सरकारी रिक्तियों को भरने की बात कहकर बीजेपी को चुनावी समर में कमजोर करने वाला ब्रह्मास्त्र चलाया है. घोषणा पत्र समिति के सदस्य टीएस सिंह देव ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टो में किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए एमएसपी के लिए नए कानून की गारंटी दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र की सत्ता संभालती है तो वह विवादास्पद रक्षा रोजगार योजना अग्रिवीर को खत्म कर देगी, जिसके तहत युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती किया जाता है. बता दें कि कांग्रेस मेनिफोस्टो में युवा, महिला, किसान पर अधिक से अधिक फोकस किया गया है. पार्टी के घोषणा पत्र में गरीब परिवार की महिलाओं को साल में 1 लाख रुपये देने का भी वादा किया गया है. पार्टी का दावा है कि, उसका घोषणापत्र वर्क, वेल्थ और वेलफेयर पर आधारित है.

कांग्रेस का घोषणापत्र 2024 चुनाव का 'मास्टरस्ट्रोक'
वहीं टीएस सिंह देव ने आगे केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि 'मोदी सरकार की पिछले 10 वर्षों की नीतियों ने समाज और शासन प्रणाली दोनों में संकट पैदा किया है'. उन्होंने यह भी कहा कि 'कांग्रेस का घोषणापत्र न केवल मौजूदा समस्याओं का समाधान करेगा बल्कि सभी के लिए समृद्ध भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त करेगा.' वहीं, AICC पदाधिकारी दीपिका पांडे सिंह ने कहा, "गरीब महिलाओं के खातों में 1 लाख रुपये वार्षिक धन हस्तांतरण का वादा ग्रामीण वर्ग को बहुत जरूरी राहत प्रदान करेगा।" उन्होंने कहा, "2025 से महिलाओं के लिए केंद्र सरकार की सभी नौकरियों में आधी सीटें आरक्षित करने से आधी आबादी को आत्मविश्वास मिलेगा।" कांग्रेस जो मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगा प्रदान करेगा. उन्होंने मतदाताओं का विश्वास बहाल करने के लिए चुनाव आयोग, सीआईसी और सीएजी, मानवाधिकार आयोग जैसे निकायों की स्वायत्तता की रक्षा करने का वादा किया. साथ ही कांग्रेस के घोषणापत्र में चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए मतदान ईवीएम के जरिए कराए जाने की बात कही. हालांकि कांग्रेस ने अपनी घोषणापत्र में यह भी जिक्र किया कि VVPAT से पर्ची का मिलान किया जाएगा. कुल मिलाकर कांग्रेस ईवीएम की पारदर्शिता कानूनों में संशोधन करेगी.
कांग्रेस सत्ता में आएगी तो क्या करेगी?
बता दें कि, देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी जो केंद्र की मोदी सरकार पर सीबीआई, ईडी जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग का आरोप लगाती आ रही है, ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक नया कानून पारित करने का भी वादा किया. कांग्रेस मेनिफोस्टो में यह भी वादा किया कि पुलिस के साथ-साथ अन्य जांच एजेंसियां ​​भी कानून के अनुसार सख्ती से काम करेंगी और उन्हें राज्य विधानसभाओं और संसद की निगरानी में लाया जाएगा. पिछली यूपीए सरकार और मोदी सरकार के प्रदर्शन के बीच तुलना करते हुए, एआईसीसी पदाधिकारी अभिषेक दत्त ने कहा उन्होंने कहा, 'जहां भारतीय अर्थव्यवस्था 2004 से 2014 तक 6.7 प्रतिशत की औसत दर से बढ़ी, वहीं 2014-2024 तक यह लगभग 5.9 प्रतिशत रही.' उन्होंने आगे कहा, 'केंद्र के बड़े-बड़े दावों के बावजूद आप अंतर देख सकते हैं, हमारा ध्यान लोगों के लिए काम के अवसर, देश के लिए धन और सामाजिक कल्याण पर होगा'. दत्त ने बताया, 'शहरी बेरोजगारी को शहरों के लिए ग्रामीण रोजगार योजना की तरह मनरेगा (MGNREGA) के माध्यम से संबोधित किया जाएगा और एक नया कानून बनाया जाएगा. 'शहरी बेरोजगारी को शहरों के लिए ग्रामीण रोजगार योजना की तरह मनरेगा के माध्यम से संबोधित किया जाएगा और गिग इकॉनमी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए एक नया कानून होगा जिनके पास कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है. औद्योगिक एवं श्रम कानूनों में भी सुधार किये जायेंगे। इसके अलावा बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न शुल्कों की भी समीक्षा की जाएगी. छोटे व्यवसायों को लाभ पहुंचाने के लिए दोषपूर्ण जीएसटी (GST) को एक नए संस्करण के साथ बदल दिया जाएगा.'

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Last Updated : Apr 5, 2024, 4:42 PM IST

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