विपक्षी एकता दिखाने की कवायद, कांग्रेस ने राहुल की यात्रा में यूपी के सहयोगियों को किया आमंत्रित - Rahuls yatra to show unity
Congress invited UP allies : यूपी में भारत जोड़ो न्याय यात्रा 14 से 25 फरवरी तक रहेगी. कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी, आरएलडी जैसी पार्टियों को इसमें आमंत्रित किया है. कांग्रेस, मायावती को भी निमंत्रण भेज सकती, जिन्होंने I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल होने से इनकार कर दिया है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.
नई दिल्ली :कांग्रेस उत्तर प्रदेश में विपक्षी एकता दिखाने की योजना बना रही है. उसने एसपी, आरएलडी और कुछ छोटे समूहों जैसे सहयोगियों को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है, जो 14 से 25 फरवरी तक राज्य में होगी. यूपी के एआईसीसी प्रभारी अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत से कहा, 'हमने अपने सभी सहयोगियों को यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. इससे एकता का संदेश जाएगा.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, हालांकि एसपी और आरएलडी के साथ व्यापक चुनावी समझौता है, लेकिन बीएसपी सुप्रीमो मायावती को भी निमंत्रण भेजा जा सकता है, जिन्होंने I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
कांग्रेस ने इन सभी दलों को पिछले साल भी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, जब यह यात्रा पश्चिमी यूपी से गुजरी थी और केवल तीन दिन चली थी.
इस बार कांग्रेस को न्याय यात्रा से काफी उम्मीदें हैं जो 11 दिन यूपी में रहकर 22 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरेगी. पांडे ने कहा कि 'हमें निश्चित रूप से उम्मीद है कि यात्रा राज्य में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में मदद करेगी और गठबंधन की संभावनाओं को भी बढ़ावा देगी.' यात्रा, लोकसभा चुनाव और पार्टी की सोशल मीडिया रणनीति की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए एआईसीसी प्रभारी 30 जनवरी और 31 जनवरी को लखनऊ में थे.
पांडे ने कहा कि 'हमने सभी 80 लोकसभा सीटों की समीक्षा की है. हमने राज्य के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारियां आवंटित की हैं जो लोकसभा चुनाव नियंत्रण कक्ष का प्रबंधन करेंगे. मैं कई वरिष्ठ नेताओं और पूर्व लोकसभा सदस्यों से भी मिला.'
एआईसीसी पदाधिकारी की यह टिप्पणी सपा द्वारा 16 सीटों पर उम्मीदवारों की एकतरफा घोषणा पर सार्वजनिक रूप से असंतोष व्यक्त करने के एक दिन बाद आई है, जिनमें से कुछ पर, कांग्रेस उम्मीदवारों की मांग कर रही थी.
इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस को 11 सीटें देने का एकतरफा एलान किया था. सपा की घोषणाओं के बाद, राज्य इकाई के प्रमुख अजय राय ने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा था कि आने वाली यात्रा से पता चलेगा कि यूपी में किसकी पकड़ है.
पांडे ने कहा कि 'मैंने सपा द्वारा प्रत्याशियों की एकतरफा घोषणा की बात कही थी. आमतौर पर, यह सीट-बंटवारे की बातचीत के समापन के बाद संयुक्त रूप से किया जाता है. लेकिन गठबंधन में ऐसी चीजें होती रहती हैं. फिलहाल, सपा के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत चल रही है और जल्द ही संपन्न हो जाएगी. आगामी चुनाव साथ मिलकर लड़ने पर व्यापक सहमति है लेकिन सीटों के ब्योरे पर काम किया जा रहा है.'
22 सीट चाहती है कांग्रेस :सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि 'कांग्रेस-सपा का गठबंधन हो गया है.' पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, राज्य के नेता चाहते हैं कि कांग्रेस को कम से कम 22 सीटें मिलनी चाहिए जो पार्टी ने 2009 के लोकसभा चुनावों में जीती थीं, लेकिन सपा, जो रालोद को सात सीटें देने पर सहमत हो गई है. इस ओर इशारा कर रही है कि सीटों का बंटवारा जमीनी स्तर की स्थिति को प्रतिबिंबित करना चाहिए.
राज्य में सपा के 5 सांसदों और 111 विधायकों के मुकाबले कांग्रेस के पास केवल एक सांसद और दो विधायक हैं. फिर भी, कांग्रेस सपा के साथ सीट बंटवारे की हालिया दौर की बातचीत के दौरान अपनी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देने का हवाला देती रही है. कांग्रेस ने सपा को रालोद कोटे की सीटें तय करने की अनुमति दी थी. राज्य के वरिष्ठ नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा, 'यात्रा गांधी परिवार के पारंपरिक गढ़ अमेठी और रायबरेली भी जाएगी. लोग यात्रा का इंतजार कर रहे हैं.'