सैम पित्रोदा के विरासत की संपत्ति पर टैक्स लगाने के बयान पर मचा बवाल, पार्टी ने दी सफाई - Sam PITRODA On tax
Pitroda comments on inheritance tax in America: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के बोल पर विवाद खड़ा हो गया. उन्होंने अमरेका में विरासत की संपत्ति पर बयान दिया है. पित्रोदा ने इसपर टैक्स लगाने की वकालत की है. इस मुद्दे पर बवाल के बाद कांग्रेस और पित्रोदा ने सफाई दी है.
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने अमेरिका में विरासत कर पर टिप्पणी की(फोटो आईएएनएस)
शिकागो: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में विरासत कर लगता है. यदि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45फीसदी अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है. 55 प्रतिशत सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है. यह एक दिलचस्प कानून है. इसमें कहा गया है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है.
पित्रोदा ने आगे कहा,'भारत में आपके पास वह नहीं है. यदि किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता. तो ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लोगों को बहस और चर्चा करनी होगी. मुझे नहीं पता कि दिन के अंत में निष्कर्ष क्या होगा लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण के बारे में बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात कर रहे हैं जो लोगों के हित में हैं न कि केवल अति-अमीरों के हित में.'
पित्रोदा ने कहा, 'यह एक नीतिगत मुद्दा है. कांग्रेस पार्टी एक नीति बनाएगी जिसके माध्यम से धन वितरण बेहतर होगा. हमारे पास न्यूनतम वेतन नहीं है. भारत में अगर हम देश में न्यूनतम वेतन तय करते हैं और कहते हैं कि आपको गरीबों को इतना पैसा देना होगा, तो यह धन का वितरण है. आज अमीर लोग अपने चपरासियों, नौकरों और घरेलू नौकरों को भुगतान नहीं करते हैं.
उनके पास बहुत धन है लेकिन वे उस पैसे को दुबई और लंदन में छुट्टियों पर खर्च करते हैं. जब आप धन के वितरण के बारे में बात करते हैं, तो ऐसा नहीं है कि आप एक कुर्सी पर बैठते हैं और कहते हैं कि मेरे पास इतना पैसा है और मैं इसे हर किसी को वितरित करूंगा. ऐसा सोचना नादानी है. किसी देश का प्रधानमंत्री ऐसा सोचता है.
इसका मतलब है कि मुझे उसके दिमाग के बारे में कुछ चिंताएं हैं. आप वास्तव में धन के पुनर्वितरण के लिए नीतिगत मुद्दों से निपट रहे हैं और जब आप डेटा मांगते हैं, तो आप वास्तव में चिंतित होते हैं. यह समझने की कोशिश कर रहा हूं कि आज वितरण क्या है, हमारे पास इस सब पर अच्छा डेटा नहीं है. मुझे लगता है कि हमें नीतिगत मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए डेटा की आवश्यकता है. हमें धन वितरित करने के लिए डेटा की आवश्यकता नहीं है. हमें आगे के नीतिगत मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए डेटा की आवश्यकता है.'
जयराम रमेश बोले- पित्रोदा का बयान व्यक्तिगत है:कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट किया, 'सैम पित्रोदा मेरे सहित दुनिया भर में कई लोगों के लिए एक गुरु, मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक रहे हैं. पित्रोदा उन मुद्दों पर स्वतंत्र रूप से अपनी राय व्यक्त करते हैं जिनके बारे में वह दृढ़ता से महसूस करते हैं.
निश्चित रूप से लोकतंत्र में एक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत विचारों पर चर्चा करने, व्यक्त करने और बहस करने के लिए स्वतंत्र है. इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति को प्रतिबिंबित करते हैं. अब वे उनकी टिप्पणियों को सनसनीखेज नहीं बनाते हैं और उन्हें संदर्भ से बाहर करना नरेंद्र मोदी के दुर्भावनापूर्ण और शरारती चुनाव अभियान से ध्यान हटाने का जानबूझकर और हताश प्रयास है जो केवल झूठ पर आधारित है.
बवाल के बाद पित्रोदा ने दी सफाई:विरासत की संपत्ति पर टैक्स लगाने के बयान पर बवाल मचने के बाद सैम पित्रोदा ने सफाई दी है. उन्होंने कहा,'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका में विरासत की संपत्ति पर टैक्स पर एक व्यक्ति के रूप में मैंने जो कहा, उसे गोदी मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया. ताकि प्रधानमंत्री कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में जो झूठ फैला रहे हैं, उससे ध्यान भटका सके. प्रधानमंत्री की मंगल सूत्र और सोना छीनने की टिप्पणी बिल्कुल अवास्तविक है.'
पित्रोदा ने आगे कहा,'मैंने टीवी पर अपनी सामान्य बातचीत में केवल एक उदाहरण के तौर पर अमेरिका में अमेरिकी विरासत कर का उल्लेख किया था. क्या मैं तथ्यों का उल्लेख नहीं कर सकता? मैंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लोगों को चर्चा और बहस करनी होगी. इसका कांग्रेस समेत किसी भी पार्टी की नीति से कोई लेना-देना नहीं है.'