दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

एक साल में पूरी हो सुनवाई, इंद्राणी मुखर्जी विदेश नहीं जा सकतीं: सुप्रीम कोर्ट - SUPREME COURT ON INDRANI MUKERJEA

इंद्राणी मुखर्जी ने अदालत के सामने कहा था कि वसीयत को क्रियान्वित करने के उद्देश्य से स्पेन जाना चाहती है.

Supreme Court On Indrani Mukerjea
प्रतीकात्मक तस्वीर. (IANS)

By Sumit Saxena

Published : Feb 12, 2025, 2:12 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इंद्राणी मुखर्जी की याचिका खारिज कर दी. इंद्राणी पर अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या का आरोप है. उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें उन्हें विदेश जाने की अनुमति नहीं दी गई थी.

इस मामले की सुनवाई जस्टिस एम एम सुंदरेश और राजेश बिंदल की बेंच ने की. सीबीआई के वकील ने मुखर्जी को किसी भी तरह की राहत दिए जाने का पुरजोर विरोध किया. वकील ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है और सुनवाई आधी हो चुकी है तथा 90 से अधिक गवाहों से पूछताछ हो चुकी है. बेंच के समक्ष दलील दी गई कि मुखर्जी कथित तौर पर वसीयत को क्रियान्वित करने के उद्देश्य से स्पेन जाना चाहती हैं. हालांकि, बेंच ने कहा कि उनके पास वहां पावर ऑफ अटॉर्नी है और उन्हें व्यक्तिगत रूप से वहां जाने की कोई जरूरत नहीं है.

मुखर्जी के वकील ने दलील दी कि बायोमेट्रिक्स पंजीकृत किया जाना है, जो पावर ऑफ अटॉर्नी धारक नहीं कर सकता. पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया कि पिछले 10 वर्षों में वह विदेश नहीं गई हैं और 92 गवाह हैं, जिनसे अभी पूछताछ होनी है. पीठ ने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि मुखर्जी वापस आएंगी.

वकील ने जोर देकर कहा कि एक अवसर ऐसा भी था, जब उनके पास वैध पासपोर्ट था और हिरासत की अवधि में दो अवसरों पर उन्होंने जमानत की अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया. वकील ने कहा कि पिछले चार महीनों से ट्रायल कोर्ट खाली है और कार्यवाही पूरी होने में लंबा समय लग सकता है.

हालांकि, पीठ ने यह स्पष्ट किया कि वह याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई राहत देने के लिए इच्छुक नहीं है. पीठ ने ट्रायल कोर्ट को एक वर्ष के भीतर मामले की कार्यवाही करने का निर्देश दिया. पीठ ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि ट्रायल चल रहा है, हम इस चरण में अनुरोध पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं हैं. आज से एक वर्ष के भीतर ट्रायल में तेजी लाएं.

पिछले साल जुलाई में एक विशेष अदालत ने मुखर्जी की अगले तीन महीनों में 10 दिनों के लिए स्पेन और यूनाइटेड किंगडम की यात्रा करने की याचिका को स्वीकार कर लिया था. सीबीआई ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने पिछले साल सितंबर में विशेष अदालत के आदेश को खारिज कर दिया. मुखर्जी ने हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

ये भी पढ़ें

ABOUT THE AUTHOR

...view details