अयोध्या :राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के बाद सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि वर्षों के लंबे अंतराल के उपरान्त आज मन भावुक है, भाव विभोर है, भाव विह्वल है. सीएम ने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से भारत का गौरव लौटा है.
हर नगर, हर ग्राम अयोध्याधाम
सीएम योगी ने कहा, इस ऐतिहासिक और पावन अवसर पर भारत का हर नगर- हर ग्राम अयोध्याधाम है. हर मार्ग श्रीरामजन्मभूमि की ओर आ रहा है. हर मन में राम नाम हैं. हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगी है. हर जिह्वा राम-राम जप रही है. रोम-रोम में राम रमे हैं. पूरा राष्ट्र राममय है. ऐसा लगता है हम त्रेतायुग में आ गए हैं. सीएम योगी ने कहा, आखिर भारत को इसी दिन की प्रतीक्षा थी. भाव-विभोर कर देने वाली इस दिन की प्रतीक्षा में लगभग पांच शताब्दियां बीत गईं.
सदियों तिरस्कार झेलती रही अयोध्या
सीएम ने कहा- जिस अयोध्या को "अवनि की अमरावती" और "धरती का बैकुंठ" कहा गया, वह सदियों तक अभिशप्त रही. तिरस्कार झेलती रही. अपनी ही भूमि पर सनातन आस्था पददलित होती रही, चोटिल होती रही. राम का जीवन हमें संयम की शिक्षा देता है और भारतीय समाज ने संयम बनाए रखा. हर एक नए दिन के साथ हमारा संकल्प और दृढ़ होता गया. आज पूरी दुनिया अयोध्या के वैभव को निहार रही है. हर कोई अयोध्या आने को आतुर है.
रामनगरी का तीव्र गति से हो रहा विकास
योगी ने कहा, जिस सुनियोजित एवं तीव्र गति से अयोध्यापुरी का विकास हो रहा है, वह प्रधानमंत्री जी के दृढ़संकल्प, इच्छाशक्ति एवं दूरदर्शिता के बिना संभव नहीं था. कुछ वर्षों पहले तक यह कल्पना से परे था कि अयोध्या में एयरपोर्ट होगा. यहां चार लेन सड़क होगी. सरयू में क्रूज चलेंगे. सांस्कृतिक अयोध्या, आयुष्मान अयोध्या, स्वच्छ अयोध्या, सक्षम अयोध्या, सुरम्य अयोध्या, सुगम्य अयोध्या, दिव्य अयोध्या और भव्य अयोध्या के रूप में पुनरोद्धार के लिए हजारों करोड़ रुपये लग रहे हैं. यहां राम जी की पैड़ी, नया घाट, गुप्तार घाट, ब्रह्मकुंड आदि विभिन्न कुंडों के कायाकल्प, संरक्षण, संचालन और रखरखाव का कार्य हो रहा है. रामायण परंपरा की 'कल्चरल मैपिंग' कराई जा रही है, राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण हो रहा है.
यह एक नगर या तीर्थ भर का विकास नहीं है, यह उस विश्वास की विजय है, जिसे 'सत्यमेव जयते' के रूप में भारत के राजचिह्न में अंगीकार किया गया है. यह लोकआस्था- जन विश्वास की विजय है. भारत के गौरव की पुर्न प्रतिष्ठा है. सीएम ने भव्य दिव्य श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के स्वप्न को साकार रूप देने में योगदान करने वाले सभी वास्तुविदों, अभियंताओं, शिल्पियों और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया.
रामराज्य के नागरिकों की तरह करें आचरण
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि छोटे-छोटे मंदिर के सामने दूरदर्शन पर इस कार्यक्रम को सुनने वाले हमारे समाज के करोड़ों बंधु यहां पहुंच नहीं पाए. ऐसे घर-घर के हमारे नागरिक सज्जन, माता, भगिनी भावविभोर हैं. मैंने सुना है कि इस अनुष्ठान को पूर्ण करने के लिए प्रधानमंत्री ने कठोर व्रत पूरा किया है.जितना कठोर व्रत करने को कहा गया था, उससे ज्यादा कठोर व्रत उन्होंने किया. अब हमको भी तप करना है. रामराज्य के नागरिकों की तरह व्यवहार का तप-आचरण करना होगा. कहा कि रामलला के साथ भारत का स्व लौट आाया है. एक नया भारत खड़ा होगा, इसका प्रतीक आज का कार्यक्रम है.
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