श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं. बुधवार को सीएम पद की शपथ लेने के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को जनता की असुविधा कम से कम करने का निर्देश दिया है.
पदभार संभालने के बाद एक्स पर अपने पहले पोस्ट में सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मैंने जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक से बात की है कि जब मैं सड़क मार्ग से कहीं जाऊं तो कोई 'ग्रीन कॉरिडोर' या यातायात रोक नहीं होना चाहिए. मैंने उन्हें जनता की असुविधा कम से कम करने और सायरन का कम से कम इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है."
उन्होंने आगे कहा कि लाठी दिखाने या आक्रामक हाव-भाव से पूरी तरह बचना होगा. वह अपने कैबिनेट सहयोगियों से भी यही उदाहरण अपनाने को कह रहे हैं. उमर ने कहा कि हर चीज में हमारा आचरण लोगों के अनुकूल होना चाहिए. हम यहां लोगों की सेवा करने के लिए हैं, उन्हें असुविधा पहुंचाने के लिए नहीं.
उमर की यह टिप्पणी उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर और नौकरशाहों सहित वीआईपी लोगों की आवाजाही के दौरान स्थानीय लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों के मद्देनजर आई है, जिसके लिए अक्सर राजमार्गों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने पड़ते हैं.
वहीं, शपथ ग्रहण समारोह के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उमर ने जम्मू के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की. उन्होंने कहा, "मैंने जम्मू से उपमुख्यमंत्री चुनकर अपना वादा पूरा किया. यह जम्मू के लोगों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि हम उन्हें साथ लेकर चलने वाले हैं." उन्होंने यह भी कहा कि कैबिनेट में तीन पद खाली हैं और जल्द ही इन्हें भरने के लिए काम किया जाएगा.
नौशेरा से विधायक सुरिंदर चौधरी ने जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इसके अलावा मेंढर से विधायक जावेद राणा ने मंत्री के रूप में शपथ ली और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करने वाले चंब से निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा को भी कैबिनेट में शामिल किया गया है.
मैं जम्मू क्षेत्र के लोगों की सेवा करूंगा...
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने अपनी नई भूमिका और आगे की चुनौतियों पर बात करते हुए कहा, "मेरे कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी डाल दी गई है. पिछले 10 सालों के खालीपन को भरना बहुत मुश्किल है." उन्होंने कहा, "मुझे सीएम उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि मैं जम्मू क्षेत्र के लोगों की सेवा करूंगा, भले ही यह काम चुनौतियों से भरा हो."
वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस की मंत्री सकीना इटू ने मतदाताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा, "लोगों ने हम पर भरोसा जताया है और हमें उनकी सेवा करनी है. मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगी."
दोनों क्षेत्रों के लोगों की पीड़ा दूर करेगी सरकार...
वहीं, शपथ ग्रहण के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों की चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "नई सरकार दोनों क्षेत्रों के लोगों की पीड़ा को दूर करेगी. हम दोनों क्षेत्रों के साथ समान व्यवहार करेंगे और उनकी कठिनाइयों को दूर करने के लिए काम करेंगे."
सरकार को लोगों के अधिकारों की बहाली के लिए लड़ना होगा...
श्रीनगर से एनसी सांसद सैयद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए दो सबसे बड़ी चुनौतियां होंगी- शासन चलाना और 5 अगस्त, 2019 को लोगों से छीने गए अधिकारों की बहाली के लिए लड़ना. मेहदी ने सरकार की जिम्मेदारियों को और स्पष्ट करते हुए कहा कि हमें केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की नीतियों का विरोध करना चाहिए और अनुच्छेद 370 को निरस्त करते समय खोए गए अधिकारों को बहाल करने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमें शासन चलाना चाहिए और अधिकारों की बहाली के लिए लड़ना चाहिए."
कांग्रेस के सरकार में शामिल न होने के फैसले पर मेहदी ने कहा, "यह कांग्रेस का आंतरिक फैसला हो सकता है, लेकिन वे सरकार का हिस्सा हैं. वे कैबिनेट का हिस्सा नहीं हो सकते हैं, लेकिन वे सरकार का हिस्सा हैं."
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