नैनीताल:आज पूरे देश में धूमधाम सेक्रिसमस मनाया जा रहा है. इसी क्रम में हम आपको सरोवर नगरी नैनीताल स्थित ऐतिहासिक मेथोडिस्ट चर्च के बारे में अवगत कराएंगे. मेथोडिस्ट चर्च में क्रिसमस के दिन विदेशी और देशी पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. मेथोडिस्ट चर्च की नींव वर्ष 1858 में रखी गई थी. अमेरिकी मेथोडिस्ट मिशनरी के विलियम बटलर ने मेथोडिस्ट चर्च की स्थापना की थी.
एशिया की पहली मेथोडिस्ट चर्च:इतिहासकार प्रो. अजय रावत ने बताया कि मल्लीताल माल रोड पर मेथोडिस्ट चर्च को एशिया के पहले मेथोडिस्ट चर्च के रूप में स्थापित किया गया है. 10 मई 1857 को अमेरिकी मेथोडिस्ट मिशनरी के विलियम बटलर भारत पहुंचे थे. वह संयुक्त अवध प्रांत के बरेली में रहने लगे. वर्ष 1857 के गदर के दौरान शुरू हुए आंदोलनों के कारण बरेली के कमांडर निकलसन ने विलियम बटलर को सुरक्षा की दृष्टि से नैनीताल जाने की सलाह दी थी.
22 सितंबर 1858 को विलियम बटलर नैनीताल पहुंचे:अजय रावत ने बताया कि 22 सितंबर 1858 को विलियम बटलर नैनीताल पहुंचे. नैनीताल पहुंचने के बाद विलियम बटलर ने तत्कालीन कमिश्नर हेनरी रैमजे के सहयोग से साल 1858 में मल्लीताल स्थित पुराने रिक्शा स्टैंड के पास मेथोडिस्ट चर्च की स्थापना की. उन्होंने कहा कि इस चर्च को तैयार होने में लगभग दो साल का समय लगा. 1860 में पहली बार इस चर्च में क्रिसमस की प्रार्थना सभा हुई.