रायपुर: छत्तीसगढ़ के सियासी रण में बीजेपी ने अपना बेस्ट प्रदर्शन किया है. 11 लोकसभा सीटों में से 10 सीटों पर भाजपा ने विजय हासिल की. हाई प्रोफाइल सीट राजनांदगांव पर भूपेश बघेल हार गए हैं. भूपेश बघेल को संतोष पांडेय ने हराया है. कोरबा सीट पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहा है. ज्योत्सना महंत ने सरोज पांडेय को कड़ी टक्कर में शिकस्त दी है.
10 सीटों पर बीजेपी का कब्जा:बीजेपी ने सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, महासमुंद, जांजगीर चांपा, रायगढ़, बस्तर, कांकेर, राजनांदगांव लोकसभा सीट पर अच्छा प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की.
- रायपुर सीट पर बृजमोहन अग्रवाल ने रिकॉर्ड तोड़ 5 लाख 75 हजार 285वोटों से जीत दर्ज की.
- सरगुजा सीट से चिंतामणि महाराज ने कांग्रेस की शशि सिंह को 64 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया है.
- बिलासपुर लोकसभा सीट पर तोखन साहू ने कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव को 1 लाख 64 हजार 558 वोटों से हराया.
- दुर्ग लोकसभा सीट से विजय बघेल ने राजेंद्र साहू को 4 लाख 38 हजार 226 वोटों से हराया.
- रायगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी के राधेश्याम राठिया ने कांग्रेस की मेनका सिंह को 2 लाख 40 हजार 391 वोटों से हराया.
- जांजगीर चांपा लोकसभा सीट से बीजेपी की कमलेश जांगड़े ने कांग्रेस प्रत्याशी शिव कुमार डहरिया को 60 हजारवोटों से मात दी.
- महासमुंद लोकसभा सीट से बीजेपी की रूप कुमारी चौधरी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता ताम्रध्वज साहू को 1 लाख 45 हजार 456 परास्त किया.
- रायपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल ने5 लाख 75 हजार 285वोटों के बड़े मार्जिन से कांग्रेस के विकास उपाध्याय को हरा दिया है.
- बस्तर लोकसभा सीट से बीजेपी के महेश कश्यप ने कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री कवासी लखमा को55 हजार 245वोटों से हरा दिया है.
- कांकेर लोकसभा सीट से बीजेपी के भोजराज नाग ने कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर को सिर्फ1884वोटों से हरा दिया.
कांग्रेस ने बचा ली कोरबा लोकसभा सीट: कोरबा लोकसभा सीट से कांग्रेस की ज्योत्सना महंत चुनाव जीत गई हैं. ज्योत्सना महंत ने बीजेपी की तेज तर्रार नेता सरोज पांडेय को 43 हजार 2 सौ 83वोटों से हराया.
कौन हैं चिंतामणि महाराज:चिंतामणि महाराज संत गहिरा गुरु के बेटे हैं. वो लंबे वक्त से सक्रिय राजनीति में रहे हैं. 2018 विधानसभा चुनाव में वो सामरी से कांग्रेस के टिकट पर विधायक भी चुने जा चुके हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट नहीं मिलने के बाद से वो नाराज चल रहे थे. चुनाव से ठीक पहले चिंतामणि महाराज ने कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी का दामन थामा. चिंतामणि महाराज के सरगुजा क्षेत्र में लाखों की संख्या में भक्त हैं. सरगुजा के बड़े इलाके में संत गहिरा गुरु का अच्छा खासा असर रहा है. चिंतामणि महाराज को इसका फायदा मिला और उन्होने इस सीट से जीत दर्ज की. चिंतामणि महाराज ने 64582 मतों से शशि सिंह को शिकस्त दी.
कौन हैं विजय बघेल:विजय बघेल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भतीजे हैं. विधानसभा चुनाव में विजय बघेल ने चाचा भूपेश बघेल के खिलाफ ताल ठोकी थी. विधानसभा चुनाव में उनको करारी हार का सामना करना पड़ा था. विधानसभा में हार के बावजूद विजय बघेल पर पार्टी ने भरोसा जताया और उनको लोकसभा चुनाव का टिकट दिया. विजय बघेल ओबीसी कोटे से आते हैं. दुर्ग लोकसभा सीट पर ओबीसी वोटरों की संख्या काफी है. लिहाजा पार्टी ने ओबीसी वोटरों को ध्यान में रखते हुए विजय बघेल को मैदान में उतारा था.
कौन हैं राधेश्याम राठिया: राधेश्याम राठिया ने बीजेपी में कार्यकर्ता के पद से राजनीति की शुरुआत की और आज वो सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं. राधेश्याम राठिया की छवि एक जुझारु नेता की शुरु से रही है. क्षेत्र में उनकी छवि बीजेपी के दिग्गज नेता के रुप में की जाती है. राधेश्याम राठिया 90 के दशक से भारतीय जनता से पार्टी से जुड़े हैं. राधेश्याम राठिया ने अपनी राजनीति की शुरुआत उप सरपंच के पद से चुनाव जीतकर की. उनकी प्रतिभा को देखते हुए पार्टी ने उनको अहम जिम्मेदारियां सौंपी.
कौन हैं कमलेश जांगड़े: कमलेश जांगड़े भारतीय जनता पार्टी में लंबे वक्त से कई पदों पर काम कर चुकी हैं. जांगड़े जांजगीर चांपा जिले की जिला उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं. जांगड़े के परिवार लंबे वक्त से संघ की पृष्ठभूमि से जुड़ा रहा है. कमलेश जांगड़े की गिनती बीजेपी के तेज तर्रार महिला नेताओं में की जाती है.