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Chetna Rescue Operation 9th Day: टनल खोदने का काम पूरा, फिर क्यों हो रही चेतना को निकालने में देरी? - BOREWELL RESCUE UPDATE

चेतना को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए मंगलवार को 9वें दिन प्रशासन जुटा हुआ है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है.

चेतना का रेस्क्यू ऑपरेशन
चेतना का रेस्क्यू ऑपरेशन (ETV Bharat Kotputli Behror)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 29, 2024, 9:56 AM IST

Updated : Dec 31, 2024, 12:21 PM IST

जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल (ETV Bharat Kotputli Behror)

कोटपूतली-बहरोड :3 साल की चेतना को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए सोमवार को घटना के 9वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बच्ची की मूवमेंट आखिरी बार मंगलवार को ही नजर आई थी. लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के बाद भी 9वें दिन प्रशासन के हाथ खाली हैं. टनल का काम पूरा होने के बावजूद अभी तक बच्ची तक रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच पाई है. दरअसल, टनल में अज्ञात गैस का रिसाव हो रहा है, जिससे टीम को सांस लेने में परेशानी हो रही है. ऐसे में दूसरे एक्सपर्ट को बुलाया गया है.

जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि बोरिंग के समानांतर पाइलिंग मशीन से 170 फीट का गड्ढा खोदकर होरिजेंटल सुरंग बनाकर बच्ची के पास पहुंचने का प्रयास एनडीआरएफ के प्रशिक्षित रेस्क्यू कर्मी कर रहे हैं. एनडीआरएफ की टीम 150 फीट गहरे बोरवेल को खोदकर होरिजेंटल टनल बनाकर रेस्क्यू का काम कर रहे हैं. रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है.

बता दें कि पिछले 4 दिन से एल आकर बनाकर पत्थर की खुदाई की जा रही थी, लेकिन नीला पत्थर आने से कटाई में दिक्कत आ रही थी. सोमवार रात को टनल खुदाई का काम पूरा कर लिया गया है. टनल के भीतर दम घुटने के कारण बच्ची तक टीम नहीं पहुंच पा रही है. मेडिकल की टीम भी मौके पर मौजूद है.

रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है (ETV Bharat Kotputli Behror)

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ये रहा घटनाक्रम

  1. 23 दिसंबर 2024 :सोमवार दोपहर करीब 1:30 बजे 3 साल की चेतना खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गई. रोने की आवाज सुनकर परिजनों ने पुलिस-प्रशासन को सूचित किया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ.
  2. 24 दिसंबर 2024 :बीच में तकनीकी कारणों से रेस्क्यू ऑपरेशन को रोका गया था. चार घंटे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को दोबारा शुरू किया गया. रिंग रॉड और अंब्रेला तकनीक की मदद से बच्ची को बचाने का प्रयास किया जा रहा था. इसके लिए गड्ढे में 15 लोहे की छड़ों को डाला गया. 150 फीट गहरे गड्ढे में से 30 फीट ऊपर बच्ची को खींचा गया, लेकिन इसके बाद वो फंस गई.
  3. 25 दिसंबर 2024 :रिंग रॉड और अंब्रेला जैसे जुगाड़ फेल होने के बाद फरीदाबाद से पाइलिंग मशीन मंगवाई गई. पाइलिंग मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने से पहले जेसीबी की मदद से गड्ढे खोदने का काम शुरू किया गया. गड्ढे में लगातार ऑक्सीजन सप्लाई भी भेजी जा रही थी. हालांकि, इस दौरान भी कैमरे में बच्ची का मूवमेंट नजर नहीं आ रहा था.
  4. 26 दिसंबर 2024 :उत्तराखंड से स्पेशल टीम को बुलाया गया, जिसके बाद पाइलिंग मशीन से लगातार खुदाई की गई. इस दौरान रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
  5. 27 दिसंबर 2024 :कई बार रोकने के बाद फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. चेतना को बाहर निकालने के लिए 'रैट माइनर्स' की टीम ने मोर्चा संभाला. रैट माइनर्स ने ही उत्तराखंड में टनल में फंसे मजदूरों को सुरंग खोदकर निकाला था.
  6. 28 दिसंबर 2024 :बोरवेल के गड्ढे के बगल में 170 फीट का गड्ढा खोदा गया. खुदाई करके उसमें केसिंग डालने का काम भी पूरा किया गया. 90 डिग्री पर अंदर की तरफ करीब 10 फीट की सुरंग बनाने के लिए एनडीआरएफ की टीम सुरक्षा उपकरणों के साथ नीचे उतरे.
  7. 29 दिसंबर 2024 :170 फीट खुदाई कर सुरंग बनाई गई और करीब 2 फीट तक की L आकार की खुदाई की गई. इस दौरान रास्ते में पहाड़ आ जाने से खुदाई में दिक्कत आ रही है.
  8. 30 दिसंबर 2024 :सुरंग की खुदाई का काम पूरा हुआ. टनल से अज्ञात गैस निकलने के कारण सांस लेने में परेशानी आ रही, जिसके कारण रेस्क्यू टीम बच्ची तक नहीं पहुंच पाई.

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घटनास्थल पर जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह, कोटपूतली विधायक हंसराज पटेल मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान का जायजा ले रहे हैं. घटनास्थल पर कोटपूतली बहरोड़ जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल, एडिशनल एसपी वैभव शर्मा, उपखंड अधिकारी बृजेश कुमार सहित जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन बच्ची को बचाने के लिए लगातार रेस्क्यू अभियान में अपना सहयोग कर रहा है. वहीं, बच्ची के परिजनों ने प्रशासन पर आरोप लगाए हैं कि 8 दिन बीत गए हैं और प्रशासन बच्ची के बारे में कुछ भी नहीं बता रहे हैं.

Last Updated : Dec 31, 2024, 12:21 PM IST

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