उत्तराखंड का नकलरोधी कानून केंद्र के लिए बना मॉडल देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार के नकलरोधी कानून को केंद्र सरकार भी देश में लागू करने जा रही है. सोमवार को लोकसभा में केंद्र सरकार ने इसका बिल पेश कर उत्तराखंड सरकार के कठोर नकलरोधी कानून पर भी अपनी मुहर लगा दी है. लोकसभा में बिल पेश किए जाने के बाद सीएम धामी ने केंद्र सरकार के इस निर्णय पर आभार जताया है. सीएम धामी ने कहा ये नकलरोधी कानून, नकल माफियों पर न सिर्फ शिकंजा कसेगी बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए एक कवच के रूप में भी काम करेगी.
केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में 'लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण' बिल पेश किया है. यह बिल जल्द ही देश में नकलरोधी कानून का रूप लेगा. उत्तराखंड में इस तरह का कानून मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में फरवरी 2023 में लागू हो चुका है. यह नकालरोधी कानून देश के सबसे कठोर कानूनों में शुमार है. धामी सरकार के इस नकलरोधी कानून को केंद्र ने भी मॉडल के रूप में लिया है. अब जल्द इसे देशभर में लागू करने का निर्णय लिया है.
उत्तराखंड में लागू कठोर नकलरोधी कानून ने नकल माफियाओं की कमर तोड़ दी है. राज्य में कानून लागू होने के बाद इसके परिणाम भी देखने को मिले हैं. प्रदेश में कानून लागू होने के बाद, अब राज्य में प्रतियोगी परीक्षाएं न सिर्फ समय पर हो रही हैं बल्कि रिकॉर्ड समय में परिणाम जारी होने के साथ ही युवाओं को नौकरी भी मिल रही है.
सीएम धामी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युग दृष्टा हैं, भविष्य को देखने वाले हैं. उन्होंने कहा युवाओं और प्रतिभागियों को किस प्रकार की कठिनाइयां आती हैं पीएम उसको भली भांति जानते हैं. पीएम हर वो काम करते हैं जिसकी लोगों को आवश्यकता होती है. लिहाजा, नकलरोधी कानून की देश को जरूरत है, जो पीएम मोदी के नेतृत्व में धरातल पर उतर रहा है.
उत्तराखंड के कठोर नकलरोधी कानून के मुख्य बिंदु-
- संगठित होकर नकल कराने और अनुचित साधनों में लिप्त पाए जाने वाले मामलों में आजीवन कैद की सजा.
- इस कानून में 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.
- आरोपियों की संपत्ति भी जब्त करने की व्यवस्था इस कानून में की गई है.
- नकल करते पकड़े जाने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है. 10 लाख रुपये जुर्माना भी रखा गया है.
- अभ्यर्थी के नकल करते पाए जाने पर आरोप पत्र दाखिल होने की तारीख से दो से पांच साल के लिए निलंबित किया जाएगा.
- दोष साबित होने पर उसे 10 साल के लिए सभी परीक्षा देने से निलंबित कर दिया जाएगा.
- दोबारा नकल करते पाए जाने पर आरोप पत्र दाखिल करने से पांच से 10 साल के लिए निलंबित किया जाएगा.
- दोष साबित होने पर उसे आजीवन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल नहीं होने दिया जाएगा.