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CBI ने कलकत्ता हाईकोर्ट से की ममता सरकार की शिकायत, संदेशखाली केस की रिपोर्ट भी सौंपी - Sandeshkhali Case

Sandeshkhali Case: सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में अवैध भूमि कब्जा, जबरन वसूली और महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों की जांच पर प्रारंभिक रिपोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंप दी है.

Calcutta HC
कलकत्ता हाई कोर्ट (ETV Bharat)

By IANS

Published : May 2, 2024, 4:54 PM IST

कोलकाता: सीबीआई ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में अवैध भूमि कब्जा, जबरन वसूली और महिलाओं के उत्पीड़न के मामलों की जांच पर प्रारंभिक रिपोर्ट कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंप दी है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य एक सीलबंद लिफाफे में प्रारंभिक रिपोर्ट जमा करने के बाद सीबीआई के वकील ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को संदेशखाली में भूमि रिकॉर्ड प्रदान करने में राज्य सरकार की ओर से सहयोग न मिलने की भी शिकायत की.

सीबीआई के वकील ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी को उसके समर्पित पोर्टल के माध्यम से संदेशखाली में अवैध भूमि कब्जाने से संबंधित लगभग 900 शिकायतें मिली हैं. उन्होंने तर्क दिया कि बिना राज्य सरकार के सहयोग मामले में जांच को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा.

CBI को दस्तावेज सौंपे राज्य सरकार
सीबीआई के वकील की दलील सुनने के बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह एक सप्ताह के भीतर सीबीआई अधिकारियों की ओर से मांगे जा रहे सभी दस्तावेज सरकार को सौंपने को कहा. खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह सीबीआई को हर तरह से सहयोग करें, ताकि वह इस मामले में अपनी जांच को सुचारू रूप से आगे बढ़ा सके.

सीबीआई के साथ सहयोग करे राज्य सरकार
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं किया है, इसलिए राज्य सरकार से यह अपेक्षा की जाती है कि वह इस मामले में सीबीआई के साथ पूरा सहयोग करेगी. खंडपीठ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के पहले के आदेश का भी हवाला दिया। इसी साल 10 अप्रैल को कोर्ट ने राज्य सरकार को 15 दिनों के भीतर संदेशखाली की सड़कों पर जरूरी रोशनी की व्यवस्था करने को कहा था.

13 जून को होगी अगली सुनवाई
शिकायत के आधार पर इस आदेश को राज्य सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आदेश का पालन नहीं करना अदालत की अवमानना ​​होगा. डिवीजन बेंच ने मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को भी पक्ष बनाने की अनुमति दी. अदालत अब 13 जून को केस की सुनवाई करेगी.

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