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पंजाब के शौर्य चक्र विजेता शिक्षक की हत्या में खालिस्तानी आतंकियों का हाथ, NIA ने SC को दी जानकारी

NIA tells SC, एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पंजाब के शौर्य चक्र विजेता शिक्षक की हत्या में खालिस्तानी आतंकियों का हाथ था.

By Sumit Saxena

Published : 6 hours ago

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (ANI)

नई दिल्ली : खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच, NIA ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) से जुड़े कनाडा स्थित एक व्यक्ति ने 2020 में पंजाब में शौर्य चक्र विजेता शिक्षक बलविंदर सिंह संधू की हत्या की साजिश रची थी.

संधू की 16 अक्टूबर, 2020 को पंजाब के तरनतारन जिले के भिखीविंड में उनके आवास-सह-विद्यालय में दो अज्ञात व्यक्तियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. NIA ने आरोपी हरभिंदर सिंह की जमानत याचिका के जवाब में हलफनामा दायर किया. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा दायर हलफनामा एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जब निज्जर की हत्या की जांच के संबंध में कनाडा और भारत के बीच संबंध खराब हो गए हैं.

हलफनामे में कहा गया है कि जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि संधू की हत्या की साजिश कनाडा निवासी सनी टोरंटो (केएलएफ का संचालक) और लखवीर सिंह रोडे (प्रतिबंधित संगठन केएलएफ का स्वयंभू प्रमुख) ने भारत में खालिस्तान विरोधी तत्वों को खत्म करने के लिए रची थी. एनआईए ने कहा कि केएलएफ के नेतृत्व का मानना ​​है कि वे भारत में खालिस्तान विरोधी लोगों को निशाना बनाकर मृतप्राय खालिस्तान आंदोलन को पुनर्जीवित कर सकते हैं. हलफनामे में कहा गया है कि "भारत में खासकर पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से रोडे और टोरंटो ने संधू की हत्या को अंजाम देने के लिए सुखमीत पाल सिंह उर्फ ​​सुख भिखारीवाल से संपर्क किया."

एनआईए ने कहा कि अपराध में शामिल गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्हें आरोपी सुखमीत पाल सिंह उर्फ ​​सुख भिखारीवाल, कनाडा में रहने वाले खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के संचालक सनी टोरंटो और जरनैल सिंह भिंडरावाला के भतीजे और आतंकवादी संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के प्रमुख लखवीर सिंह उर्फ ​​रोडे ने अपराध करने का निर्देश दिया था. एनआईए ने कहा कि संधू साजिश का एक लक्ष्य बन गया, क्योंकि उसे पंजाब में आतंकवाद के चरम के दौरान आतंकवादी तत्वों के खिलाफ अपने बहादुर संघर्ष के लिए 14 अप्रैल, 1993 को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.

एनआईए ने गृह मंत्रालय की अधिसूचना पर 26 जनवरी, 2021 को मामले में फिर से एफआईआर दर्ज की थी. घटना के दिन, योजना के अनुसार, याचिकाकर्ता/आरोपी हरभिंदर सिंह ने सुबह-सुबह बाइक पर सह-आरोपी इंद्रजीत सिंह को गुरु हरकिशन पब्लिक स्कूल, सुर सिंह में छोड़ दिया. एजेंसी ने कहा कि मुख्य शूटर गुरजीत सिंह उर्फ अपनी बाइक पर आया और इंद्रजीत सिंह को अपने साथ ले गया और फिर इंद्रजीत सिंह ने बाइक चलाना शुरू कर दिया और कॉमरेड बलविंदर सिंह के घर-सह-स्कूल में पहुंचने के बाद, गुरजीत सिंह घर में घुस गया और कॉमरेड बलविंदर सिंह पर गोलियां चला दीं. हलफनामे में कहा गया है, “उसने वहां कई गोलियां चलाईं. इसके बाद गुरजीत सिंह और इंद्रजीत सिंह मौके से भाग गए.”

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