दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

जम्मू-कश्मीर: बधाल में रहस्यमयी मौत के बाद ग्रामीणों को अस्पताल में भर्ती कराया गया - BADHAAL VILLAGE OF RAJOURI

राजौरी मेडिकल कॉलेज राजौरी के प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत सिंह भाटिया ने उम्मीद जताई कि पीड़ितों को जल्द से जल्द ठीक कर लिया जाएगा.

BADHAAL VILLAGE OF RAJOURI
प्रतीकात्मक तस्वीर. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 23, 2025, 11:33 AM IST

जम्मू : बधाल गांव में रहस्यमयी मौतों की लहर के बाद बुधल राजौरी के ग्रामीणों को निगरानी के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज राजौरी और पुराने अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बधाल गांव में अज्ञात बीमारी के कारण 17 लोगों की मौत के बाद राजौरी प्रशासन द्वारा तीन श्रेणियों के तहत पहले ही कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा चुका है. गांव में डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की कई टीमें तैनात की गई हैं.

बुधवार को चंडीगढ़ स्थित सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (सीएफएसएल) की एक टीम ने बुधल गांव का दौरा किया. राजौरी मेडिकल कॉलेज राजौरी के प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत सिंह भाटिया ने उम्मीद जताई कि पीड़ितों को जल्द से जल्द ठीक कर लिया जाएगा. इसके साथ ही बीमारी का भी पता लगा लिया जाएगा.

साथ ही, ग्रामीणों को क्वारंटीन किया जा रहा है. राजौरी प्रशासन ने बादल पीड़ितों के परिवारों के लिए 150 बिस्तरों वाला निगरानी केंद्र स्थापित किया है. इस सेंटर पर सीसीटीवी से 24 घंटे निगरानी की जाएगी. इनकी सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी तैनात किया गया है.

प्रशासन की ओर से जारी आदेश. (ETV Bharat)

प्रशासन ने बताया कि सेंटर में पीड़ितों को 24 घंटे चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी. इस बीच, बुधवार को केंद्रीय टीम ने गांव का दौरा किया. टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. अमरजीत सिंह भाटिया ने बताया कि चंडीगढ़ और लखनऊ के फोरेंसिक विभाग और गृह मंत्रालय की टीमें यहां मौजूद हैं.

सभी मौतों में एक आम कारण मस्तिष्क की क्षति और तंत्रिका तंत्र को नुकसान है. जीएमसी राजौरी में भर्ती 9 मरीजों में से 5 ठीक हो गए हैं. हमने प्रिवेंटिव सीटी स्कैन भी किया है, लेकिन एक बार यह मस्तिष्क तक पहुंच जाए तो रिकवरी मुश्किल हो जाती है.

हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही बीमारी के कारण का पता लगा लेंगे. हम लोगों को इसके बारे में शिक्षित करेंगे. उनमें जागरूकता बढ़ाएंगे, जैसे कि खाद्य पदार्थों का आदान-प्रदान न करना. इस बीमारी के कारण अब तक 17 मासूम लोगों की जान जा चुकी है.

प्रशासन ने कहा कि लोगों की मौत न हो, इसके लिए प्रभावित परिवारों को 150 बिस्तरों वाले निगरानी केंद्र में रखा जा रहा है. इसमें जीएमसी राजौरी में 50 बिस्तरों वाला निगरानी केंद्र और सरकारी नर्सिंग कॉलेज, पुराने अस्पताल राजौरी में 100 बिस्तरों वाला केंद्र बनाया गया है. हर चीज का ख्याल रखा जाएगा. प्रशासन ने आदेश में कहा कि इन निगरानी केंद्रों में प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी और जरूरत पड़ने पर तत्काल चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जाएगी.

इन केंद्रों पर लोगों के खान-पान और साफ-सफाई का ध्यान रखा जा रहा है. प्रशासन ने कहा कि प्रभावित परिवारों को पौष्टिक भोजन, कपड़े, दवाइयां, साफ-सफाई और बिस्तर जैसी जरूरी सुविधाएं भी मुहैया कराई गई हैं. लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इन केंद्रों में 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे. प्रभावी निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. पुलिस सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं. इसके अलावा पीड़ितों को जो खाना दिया जाएगा, उसकी पहले जांच की जाएगी.

ये भी पढ़ें

ABOUT THE AUTHOR

...view details