जनगांव, (तेलंगाना): आज के दौर में जहां रिश्तों को सबसे ऊपर माना जाता है, वहीं कुछ लोग पैसे और संपत्ति के आगे मानवता को भी भूल जाते हैं. तेलंगाना के जनगांव जिले से आई एक घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है. यहां एक बेटे ने संपत्ति के लालच में अपने ही पिता के शव को पूरे चार दिनों तक घर के बाहर रख दिया, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई.
यह अमानवीय घटना कोडकांडला मंडल के एडुनुतला गांव में हुई. 60 वर्षीय वेलिकाट्टे यादगिरी का सोमवार को हैदराबाद में निधन हो गया था. यादगिरी की दो पत्नियां थीं-रेणुका और पद्मा. रेणुका से उन्हें रमेश नाम का एक बेटा था, जबकि पद्मा से उपेंद्र और शोभा नाम के बच्चे थे.
स्थानीय लोगों के अनुसार, यादगिरी के नाम पर कुल 15 एकड़ जमीन थी. उन्होंने इसमें से 5 एकड़ जमीन अपने बेटे रमेश और उपेंद्र को दे दी थी. इसके बाद अपनी बेटी शोभा का विवाह करते समय उसे 3 एकड़ जमीन दी थी, शेष 2 एकड़ जमीन उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी पद्मा के नाम पर कर दी थी.
कुछ दिनों से बीमार चल रहे यादगिरी की मौत के बाद, उनकी दूसरी पत्नी पद्मा और बेटी शोभा उनके पार्थिव शरीर को लेकर रमेश के घर पहुंचीं. यहां से शुरू हुआ नाटक.