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जिंदगी की जंग हार गया मासूम: बोरवेल में गिरे 5 साल के प्रहलाद की मौत, 16 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला गया बाहर - BOREWELL RESCUE OPERATION

झालावाड़ में बोरवेल में गिरे 5 साल के बच्चे को सुबह निकाल लिया गया, लेकिन अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया.

बोरवेल में गिरे प्रहलाद की मौत
बोरवेल में गिरे प्रहलाद की मौत (ETV Bharat Jhalawar)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 24, 2025, 8:14 AM IST

Updated : Feb 24, 2025, 9:59 AM IST

झालावाड़ :डग के पाड़ला गांव में रविवार को खेलने के दौरान करीब 250 फीट बोरवेल गड्ढे में गिरे पांच वर्षीय बालक प्रहलाद की सोमवार तड़के मौत हो गई. करीब 16 घंटे से अधिक समय तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी मासूम को बचाया नहीं जा सका. सोमवार तड़के करीब 3:45 एसडीआरएफ और एनडीआरफ की टीम ने बालक को रेस्क्यू कर बोरवेल गड्ढे से बाहर निकाला था. इसके बाद मौके पर मौजूद एंबुलेंस की सहायता से उसे डग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भिजवाया गया, जहां डॉक्टर की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया.

जिला परिषद के सीईओ शंभू दयाल मीणा ने बताया कि डग के पालड़ा गांव में रविवार को खेलने के दौरान 5 वर्षीय मासूम बालक प्रहलाद 250 फीट गहरे खुले बोरवेल में जा गिरा था. सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची और बालक को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दो एनएलटी मशीनों सहित पांच जेसीबी मशीनों को बोरवेल के पास खुदाई करने के लिए लगवाए गए थे. पथरीला इलाका होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में मिट्टी के नीचे धसने का लगातार खतरा बना हुआ था.

बोरवेल में गिरे 5 साल के प्रहलाद की मौत (ETV Bharat Jhalawar)

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ऐसे में जिला प्रशासन ने इस तरह के हालातों में काम करने वाले लोगों से संपर्क किया. वहीं, प्रशासन ने भी झालावाड़ से एसडीआरएफ और कोटा जिले से एनडीआरएफ टीम की मदद ली. मौके पर चिकित्सा विभाग की ओर से बालक को ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही थी. रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग में बोरवेल में करीब 30 फीट पर बालक फंसा हुआ था. करीब 16 घंटे चले लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आज तड़के 3:45 बजे बालक को बोरवेल गड्ढे से बाहर निकाल लिया गया था. इसके बाद मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस से उसे डग के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने प्रहलाद को मृत घोषित कर दिया.

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जिम्मेदार कौन ?:हाईकोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी स्थान पर बोरवेल का गड्डा करवाने के लिए प्रशासन और ग्राम पंचायत की अनुमति लेनी आवश्यक होती है. इसके बावजूद बिना अनुमति के ग्रामीण क्षेत्रों में कई बोरवेल के गड्ढे किए जाते रहे हैं. ऐसे में कई बार बोरवेल से पानी न निकलने के बाद इन गड्ढो को खुला ही छोड़ दिया जाता है, जिसके कारण प्रदेश में कई मासूमों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है.

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गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार : मासूम प्रहलाद की दुखद मृत्यु के बाद क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. पोस्टमार्टम के बाद, बालक का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया. तहसीलदार सत्यनारायण नरवरिया ने सभी पटवारी और गिरदावर को आदेश जारी करते हुए सड़क के किनारे या खुले में पड़े बोरवेल के गड्ढों, बिना मुंडेर के कुओं को तीन दिन के भीतर बंद कराने के निर्देश दिए. जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी से अपील की कि खुले बोरवेल और ट्यूबवेल को तुरंत बंद करवाया जाए और उनकी पूरी पैकिंग सुनिश्चित की जाए. कलेक्टर ने पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया. पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर ने भी खुले गड्ढों को तुरंत बंद करवाने की चेतावनी दी, अन्यथा कार्रवाई की बात की.

Last Updated : Feb 24, 2025, 9:59 AM IST

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