रुद्रप्रयाग:केदारनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह में लगे सोने का मुद्दा एक फिर विवादों में आ गया है. बीते दिन ही बद्रीकाश्रम ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने इस मामले पर बड़ा बयान दिया था, जिस पर आज 16 जुलाई मंगलवार को बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का बयान आया है. उन्होंने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय का बयान:बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का वो एक संत के रूप में बेहद सम्मान करते हैं, लेकिन वो शंकराचार्य हैं या नहीं इस बहस में नहीं पड़ना चाहते. उन्होंने कहा कि, केदारनाथ धाम मंदिर सोना चोरी को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जो बयान दिया है, इसके बाद वो अनुरोध करते हैं कि अगर उनके पास कोई तथ्य हैं तो उसको सामने लेकर आएं या फिर कोर्ट और किसी सक्षम अथॉरिटी के पास जाएं. केवल सनसनी और विरोध पैदा करने के लिए ऐसा बयान नहीं देना चाहिए.
केदारनाथ मंदिर से सोना गायब होने के आरोप पर बीकेटीसी का जवाब:बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को लेकर कहा कि जितनी वो प्रेस वार्ता करते है, उतनी तो कोई राजनेता भी नहीं करता है. अजेंद्र अजय ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराने में प्रदेश सरकार और मंदिर समिति का कोई योगदान नहीं हैं. जिस दानी दाता ने मंदिर को स्वर्ण मंडित किया है, उन्होंने अपने ज्वैलर्स के माध्यम से केदारनाथ मंदिर में सोना पहुंचाया और वो सोना केदारनाथ धाम के गर्भगृह में लगा है. इसमें 23 किलो ग्राम के लगभग सोना है. स्पोर्ट के लिए लगाई गई तांबे की प्लेटों का वजन करीब 1000 किलो ग्राम है.
अजेंद्र अजय ने बताया कि सोना लगाने से पहले धाम में चांदी की प्लेटे लगी थीं, जिनका वजन 230 किलोग्राम था, तो कुछ लोगों ने अंदाजा लगाया कि सोने की प्लेटों का वजन भी इतना ही होगा. लेकिन दोनों में काफी अंतर होता है. चांदी की शुद्ध प्लेट होती है, जबकि स्वर्ण मंडित करवाने में तांबे के प्लेटों पर सोने का वर्क (लेयर) चढ़ाया जाता है. देश के किसी भी मंदिर में जिसमें स्वर्ण मंडित कार्य किया गया है, वहां तांबे की प्लेटों पर ही सोने की लेयर चढ़ाई जाती है. इसलिए विवाद पैदा करने के लिए ऐसी बातें की जा रही हैं.
दानी दाता की भावना को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया गया:अजेंद्र अजय ने बताया कि केदारनाथ मंदिर में जो भी कार्य हुआ है, वो दानी दाता ने अपने माध्यम से करवाए हैं. इन्ही दानी दाता ने इससे पहले काशी विश्वनाथ, सोमनाथ मंदिर, सिद्दि विनायक मंदिर, अयोध्या राम मंदिर जैसे तमाम स्थानों पर स्वर्ण मंडित करवाने जैसे तमाम कार्य किए हैं. उनकी भावना को भी ठेस पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.