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राज्यसभा चुनाव में BJP का बड़ा दांव: संजय सेठ को बनाया 8वां उम्मीदवार, अब वोटिंग तय; फंसेगी सपा की तीसरी सीट

राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने बड़ा दांव चल दिया है. पूर्व राज्यसभा सांसद संजय सेठ अब बीजेपी के आठवें उम्मीदवार हो गए हैं. ऐसे में अब राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग तय हो गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 15, 2024, 11:20 AM IST

Updated : Feb 15, 2024, 3:45 PM IST

राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने बड़ा दांव चल दिया है.

लखनऊःसंजय सेठ ने भारतीय जनता पार्टी के आठवें प्रत्याशी के तौर पर गुरुवार को राज्यसभा के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. विधानभवन में रिटर्निंग अफसर बृजभूषण दुबे को संजय सेठ ने अपना नामांकन पत्र सौंपा. इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, मंत्री जितिन प्रसाद, आशीष पटेल सहित कई नेता उपस्थित रहे।

इससे पहले भाजपा के सात और प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए थे. इसके अलावा समाजवादी के तीन प्रत्याशियों ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की उपस्थिति में नामांकन पत्र दाखिल किए थे. राज्यसभा की दस सीटों पर हो रहे चुनाव में अब तक 11 उम्मीदवार मैदान में आ गए हैं. अगर दस प्रत्याशी ही रहते तो निर्विरोध चुनाव हो जाता और सभी प्रत्याशी चुनाव जीत जाते, लेकिन अब 11 उम्मीदवार होने से मतदान की स्थिति बन गई है. 27 फरवरी को मतदान की प्रक्रिया पूरी होगी.

सात राज्यसभा सीटों पर जीत के बाद में भारतीय जनता पार्टी के पास 14 विधायक बचेंगे. मगर जीत के लिए 37 विधायकों की आवश्यकता होती है. संजय सेठ को राज्यसभा भेजने के लिए भाजपा को राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी के कुछ विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी. इसके प्रबल आसार हैं कि क्रॉस वोटिंग हो जाए क्योंकि अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल भी विद्रोह की मुद्रा में आ चुकी हैं. इस तरह से सपा के तीसरे उम्मीदवार रामजीलाल सुमन के लिए संकट पैदा हो जाएगा.

गौरतलब है कि संजय सेठ भारतीय जनता पार्टी के पहले भी राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. संजय सेठ लखनऊ के मशहूर बिल्डर हैं और शालीमार नाम से उनकी कंपनी है, जिसमें उनकी पत्नी निदेशक हैं. 2014 में रीयल इस्टेट कारोबारी संजय सेठ सपा से जुड़े थे. 2019 में वह भाजपा में शामिल हुए थे.

सपा की एक सीट खतरे में, बसपा बन सकती है तारणहार

सपा के पास रालोद के 9 वोट मिलाकर कुल 119 विधायक थे. सपा के पास अब 110 वोट हैं. इस हिसाब से सपा की तीसरी सीट एक वोट से फंसती नजर आ रही है. रालोद इंडिया गठबंधन से हट गया है. तीसरी सीट के लिए सपा को एक वोट की जरूरत होगी जिसके उसे जुगत लगानी होगी. हालांकि भाजपा को इस सीट को जीतने के लिए 10 वोटों की जरूरत होगी. सपा के लिए बसपा संजीवनी बन सकती है. तीसरी सीट के लिए उसके एक वोट की जरूरत को यदि बसपा पूरा कर दे तो सपा की तीसरी सीट आराम से निकल जाएगी.

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Last Updated : Feb 15, 2024, 3:45 PM IST

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