लखनऊःसंजय सेठ ने भारतीय जनता पार्टी के आठवें प्रत्याशी के तौर पर गुरुवार को राज्यसभा के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. विधानभवन में रिटर्निंग अफसर बृजभूषण दुबे को संजय सेठ ने अपना नामांकन पत्र सौंपा. इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, मंत्री जितिन प्रसाद, आशीष पटेल सहित कई नेता उपस्थित रहे।
इससे पहले भाजपा के सात और प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए थे. इसके अलावा समाजवादी के तीन प्रत्याशियों ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की उपस्थिति में नामांकन पत्र दाखिल किए थे. राज्यसभा की दस सीटों पर हो रहे चुनाव में अब तक 11 उम्मीदवार मैदान में आ गए हैं. अगर दस प्रत्याशी ही रहते तो निर्विरोध चुनाव हो जाता और सभी प्रत्याशी चुनाव जीत जाते, लेकिन अब 11 उम्मीदवार होने से मतदान की स्थिति बन गई है. 27 फरवरी को मतदान की प्रक्रिया पूरी होगी.
सात राज्यसभा सीटों पर जीत के बाद में भारतीय जनता पार्टी के पास 14 विधायक बचेंगे. मगर जीत के लिए 37 विधायकों की आवश्यकता होती है. संजय सेठ को राज्यसभा भेजने के लिए भाजपा को राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी के कुछ विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी. इसके प्रबल आसार हैं कि क्रॉस वोटिंग हो जाए क्योंकि अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल भी विद्रोह की मुद्रा में आ चुकी हैं. इस तरह से सपा के तीसरे उम्मीदवार रामजीलाल सुमन के लिए संकट पैदा हो जाएगा.
गौरतलब है कि संजय सेठ भारतीय जनता पार्टी के पहले भी राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. संजय सेठ लखनऊ के मशहूर बिल्डर हैं और शालीमार नाम से उनकी कंपनी है, जिसमें उनकी पत्नी निदेशक हैं. 2014 में रीयल इस्टेट कारोबारी संजय सेठ सपा से जुड़े थे. 2019 में वह भाजपा में शामिल हुए थे.