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केरल: पार्टी नेताओं के विरोध का सामना कर रहे हैं बीजेपी नेता अनिल एंटनी - बीजेपी नेता अनिल एंटनी

Anil Antony facing resistance from party leaders: केरल में बीजेपी नेता अनिल एंटनी को पार्टी नेताओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है. पार्टी टिकट नहीं मिलने से नाराज हुए नेता उनका विरोध कर रहे हैं.

BJP leader Anil Antony is facing stiff resistance from party leaders in Pathanamthitta (photo etv bharat network)
केरल: विरोध का सामना कर रहे हैं बीजेपी नेता अनिल एंटनी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 5, 2024, 8:51 AM IST

पथानामथिट्टा: बीते दिन पथानामथिट्टा सीट के दावेदारों में से एक केरल कांग्रेस के पूर्व नेता पीसी जॉर्ज ने पथानामथिट्टा में अनिल एंटनी की उम्मीदवारी पर खुलकर नाराजगी जताई. उन्होंने खुले तौर पर कहा कि निर्वाचन क्षेत्र में अनिल एंटनी को कोई नहीं जानता है और उनका मानना है कि पथानामथिट्टा के मतदाताओं के सामने उन्हें पेश करना पार्टी के लिए एक बड़ा काम होगा.

पीसी जॉर्ज को शांत कराने के लिए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने हस्तक्षेप किया और कहा कि पीसी जॉर्ज को बीजेपी में उचित तवज्जो मिलेगी. पीसी जॉर्ज पूनजर विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक रहे. ये पथानमथिट्टा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है. उनके कैथोलिक सूबा और विभिन्न प्रांतीय प्रमुखों के साथ अच्छे संबंध थे. पिछले महीने ही पीसी जॉर्ज ने अपनी जनपक्षम पार्टी का भाजपा में विलय किया था.

भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा पथानामथिट्टा से अनिल एंटनी की उम्मीदवारी की घोषणा के तुरंत बाद मीडिया को अपनी खुली प्रतिक्रिया में जॉर्ज ने यह भी कहा कि अनिल एंटनी का केरल से कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि उनके पिता कांग्रेस नेता एके एंटनी हैं. भाजपा पार्टी कार्यकर्ता और जिला नेता निर्वाचन क्षेत्र में पीसी जॉर्ज की उम्मीदवारी की उम्मीद कर रहे थे. उन्हें हिंदू समुदाय का समर्थन प्राप्त है और भाजपा जिला नेतृत्व को पीसी जॉर्ज के माध्यम से ईसाई वोटों को भी साधने की उम्मीद थी.

पीसी जॉर्ज की प्रतिक्रिया के ठीक बाद भाजपा के कई स्थानीय नेताओं ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की. भाजपा कार्षका मोर्चा के जिला अध्यक्ष श्याम थट्टायिल ने अनिल एंटनी के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट किया. उन्होंने एफबी लाइव में आरोप लगाया कि पार्टी कार्यकर्ताओं और बूथ स्तर के सभी नेताओं ने पथानामथिट्टा में पीसी जॉर्ज की उम्मीदवारी का सुझाव दिया था. श्याम थट्टायिल ने अपने पोस्ट में कहा कि अनिल की उम्मीदवारी एक पितृहीन कार्य है.

किसान मोर्चा नेता ने यह भी कहा कि अनिल एंटनी को निर्वाचन क्षेत्र में एक लाख वोट भी नहीं मिलेंगे. उनके एफबी लाइव के ठीक बाद किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने पार्टी विरोधी गतिविधि का हवाला देते हुए श्याम के निष्कासन की घोषणा की.

किसान मोर्चा नेता ने पीसी के साथ पथानामथिट्टा जनता शीर्षक से पोस्ट साझा किया (मतलब पीसी जॉर्ज के साथ पथानामथिट्टा के लोग). नोट में यह भी कहा गया है कि सर्वे के दौरान पीसी जॉर्ज के नाम पर सभी ने आवाज उठाई थी. विरोध नोट में कहा गया है कि सर्वेक्षण में किसी ने भी अनिल एंटनी के नाम का उल्लेख नहीं किया. इसके बाद श्याम को पार्टी से निकाल दिया गया.

बीजेपी के जिला अध्यक्ष वीए सूरज ने भी एक आधिकारिक पत्र जारी कर कहा है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष श्याम थटैल को संगठन के अनुशासन का उल्लंघन करने और पार्टी विरोधी कदम उठाने के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इसके बाद पार्टी के और भी पदाधिकारी अनिल एंटनी की उम्मीदवारी के विरोध में उतर आए. इस समय अनिल एंटनी खुद पीसी जॉर्ज और उम्मीदवारी को पचा नहीं पा रहे कार्यकर्ताओं को मनाने की कोशिश कर रहे हैं.

बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने भी पीसी जॉर्ज से संपर्क किया और उन्हें सार्वजनिक प्रतिक्रियाओं से दूर रहने को कहा. नेतृत्व ने उन्हें पार्टी में अच्छा स्थान भी दिया. पथानामथिट्टा केरल की उन सीटों में से एक है जहां बीजेपी को जीत की कुछ उम्मीदें हैं. यहां तीनों मोर्चों के लिए क्रिश्चियन और नायर वोट महत्वपूर्ण हैं. एलडीएफ ने पहले ही पूर्व वित्त मंत्री और सीपीआईएम केंद्रीय समिति के सदस्य थॉमस इसाक को पथानामथिट्टा से उम्मीदवार घोषित कर दिया है.

मौजूदा सांसद एंटो एंटनी कांग्रेस की ओर से यूडीएफ उम्मीदवार होंगे. दिग्गज कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. उन्होंने तिरुवनंतपुरम इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई पूरी की और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएससी की. वह एआईसीसी सोशल और डिजिटल मीडिया के राष्ट्रीय समन्वयक और केपीसीसी डिजिटल मीडिया विंग के संयोजक थे. 2002 के गुजरात दंगों और पीएम मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के बाद उन्होंने एक साल पहले कांग्रेस छोड़ दी थी.

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