नई दिल्ली: रंगमंच के शौकीन लोगों के लिए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की ओर से 28 जनवरी से भारत रंग महोत्सव का आगाज हो चुका है. भारंगम के पहले दिन प्रसिद्ध अभिनेता और एनएसडी के पूर्व छात्र राजपाल यादव उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए. ETV भारत के साथ खास बातचीत में राजपाल ने बताया कि वह अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं कि उनको भारंगम का रंगदूत बनने का मौका मिला. इस बार का भारंगम विशेष होने वाला है. उन्होंने कहा कि NSD किसी मंदिर से कम नहीं है. इसको मेरा सलाम है. साथ ही भारंगम और रंगमंच से जुड़े सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं.
बीज बनकर ईमानदारी का वृक्ष बनना चाहिए: राजपाल आगे बताते हैं कि जिस जमीन से वह पढ़ लिख कर रंगमंच को समझे और दुनिया में नाम कमाया. वहां का रंगदूत बन कर खुशी हुई. NSD के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी की ओर से यह अवसर दिया गया. मैं उनका आभारी हूं. एक रंगदूत के तौर पर राजपाल का मानना है कि रंगमंच के कलाकारों को एक बीज बनना चाहिए और ईमानदारी के तौर पर आगे बढ़ना चाहिए और तरक्की करते हुए वृक्ष बनना चाहिए. OTT में रंगमंच के भविष्य के मुद्दे पर राजपाल ने बताया कि मंच मंच होता है. कही पर्दा होता है कहीं नुक्कड़ नाटक होता है लेकिन फायदा सब में होता है.
13 शहरों में 'भारंगम'का आयोजन: NSD की ओर से अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच महोत्सव, भारत रंग महोत्सव, (बीआरएम) के 25वें संस्करण का आयोजन कर रहा है. 'भारंगम'का आयोजन 28 जनवरी से 16 फरवरी, 2025 तक भारत, नेपाल और श्रीलंका के 13 शहरों में किया जा रहा है. इस बार का भारंगम 'वसुधैव कुटुम्बकम, बंदे भारंगम' की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता के माध्यम से इस महोत्सव की पहुंच को और व्यापक बना रहा है. इस बार 'एक रंग: श्रेष्ठ रंग' भारत रंग महोत्सव 2025 का यह नारा रचनात्मक अभिव्यक्ति में एकता और विविधता में एकता के भाव को दर्शाने वाला है.
9 देशों की 200 से ज्यादा अनूठी प्रस्तुतियां: 20 दिनों तक चलने वाले भारंगम 2025 में 09 अलग-अलग देशों की 200 से ज्यादा अनूठी प्रस्तुतियों दिखाई जाएंगी, जिन्हें भारत और विदेशों में 13 स्थानों पर प्रदर्शित किया जाएगा. इस महोत्सव में भाग लेने वाले अंतर्राष्ट्रीय थिएटर समूह रूस, इटली, जर्मनी, नॉर्वे, चेक गणराज्य, नेपाल, ताइवान, स्पेन और श्रीलंका से शामिल हैं. पहली बार, भारत रंग महोत्सव अपनी सीमाओं से परे जा रहा है. इस बार नेपाल और श्रीलंका में भी इसके उप-अध्याय आयोजित किए जाएंगे. दिल्ली में मुख्य आयोजन के अलावा, भारत में अगरतला, अहमदाबाद, बेंगलुरु, भटिंडा, भोपाल, गोवा, गोरखपुर, जयपुर, खैरागढ़ और रांची जैसे शहरों में भी यह महोत्सव अपनी रंगत बिखेरेगा.