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बिहार उपचुनाव में किसकी बजेगी घंटी? यह उपचुनाव है या सभी के लिए लिटमस टेस्ट

बिहार की 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को 2025 से पहले सेमीफाइनल माना जा रहा है. 13 नंवबर को यहां चुनाव होगा.

बिहार में उपचुनाव
बिहार में उपचुनाव (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 10, 2024, 7:36 PM IST

Updated : Nov 10, 2024, 7:45 PM IST

पटना: बिहार में हो रहे चार विधानसभा उपचुनाव के परिणाम का सरकार बनने या बिगड़ने जैसी कोई बात नहीं है. लेकिन होने वाला उपचुनाव एनडीए, इंडिया गठबंधन और जन सुराज तीनों के लिए लिटमस टेस्ट है. यह उपचुनाव ये संकेत जरूर देगा कि लालू यादव का MY और NDA का आधार वोट कितना अब भी एक जुट है?. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में गठबंधन दलों के दावे में MY और नीतीश कुमार के लवकुश समीकरण भी कई लोकसभा क्षेत्रों में दरकता दिखा.

बिहार में विधानसभा उपचुनाव: बिहार में जिन चार विधान सभा क्षेत्रों में 13 नवंबर को वोटिंग होनी है, उनमें बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी सीट शामिल है। दरअसल, यहां उपचुनाव इसलिए होने जा रहा है क्योंकि बेलागंज के विधायक सुरेंद्र यादव, इमामगंज के विधायक जीतन राम मांझी, रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह और तरारी के विधायक सुदामा प्रसाद जहानाबाद, गया, बक्सर और आरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुन लिए गए है.

बिहार उपचुनाव (ETV Bharat)

उपचुनाव INDIA के लिए लिटमस टेस्ट: बिहार विधानसभा की दिन चार सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. उसमें तीन सीटों पर अभी इंडिया गठबंधन का कब्जा है. तरारी से सीपीआईएमएल, रामगढ़ और बेलागंज सीट पर आरजेडी का कब्जा था. इस उप चुनाव में इंडिया गठबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी. अपने सीटिंग सीट को बचाना, लगातार तेजस्वी यादव इन तीनों सीटों पर चुनाव प्रचार कर रहे हैं.

पहली बार एनडीए का इतना व्यापक गठबंधन:विधानसभा के चुनाव में पहली बार एनडीए का इतना व्यापक गठबंधन बना है. 2020 विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़े थे. जिसका नुकसान एनडीए खासकर जदयू को उठाना पड़ा था. एनडीए में बीजेपी, जेडीयू, लोजपा के अलावा जीतनराम मांझी की पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. वैसे 2024 लोकसभा चुनाव में इसी गठबंधन ने बिहार में 40 में से 30 सीट पर जीत हासिल की थी.

Bihar GFX1 (ETV Bharat)

जगदानंद और शुधाकर सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर:दरअसल,रामगढ़ सीट पर जगदानंद सिंह और बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह की भी प्रतिष्ठा दाव लगी हुई है. क्योंकि इस सीट पर जगदानंद सिंह के छोटे बेटे और सुधाकर सिंह के छोटे भाई अजीत सिंह राजद के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं बेलागंज सीट आरजेडी का सबसे मजबूत सीट माना जाता है. 1995 से अब तक लगातार इस सीट पर सुरेंद्र यादव का कब्जा रहा है और इस बार उनके पुत्र यहां से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि तरारी सीट पर पिछले दो चुनाव से सीपीआईएमएल के सुदामा प्रसाद जीते रहे हैं. इसीलिए इन सीटों पर फिर से जीत हासिल करना इंडिया गठबंधन के लिए किसी लिटमस टेस्ट से काम नहीं होगा.

उपचुनाव प्रशांत किशोर के लिए लिटमस टेस्ट:पिछले दो वर्षों से बिहार में पदयात्रा करने वाले प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर को पार्टी का गठन किया. जन सुराज के गठन के दिन ही प्रशांत किशोर ने घोषणा कर दी थी कि आगामी बिहार विधानसभा के उपचुनाव में उनकी पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अपनी घोषणा के अनुसार प्रशांत किशोर ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए. पार्टी के गठन के दिन ही प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि विधान सभा के उपचुनाव में ही बिहार के सभी बड़े दलों को वह सलटा देंगें. जिस तरीके से उन्होंने दावे और वादे किए थे उसे पर यदि भरोसा किया जाए तो उनके लिए भी यह उपचुनाव लिटमस टेस्ट से काम नहीं है.

Bihar GFX2 (ETV Bharat)

4 सीटों पर हो रहा है उपचुनाव:2024 लोकसभा चुनाव में बिहार विधानसभा के चार सदस्य लोकसभा के चुनाव में जीत हासिल की थी. रामगढ़ के राजद विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से सांसद बने थे. इमामगंज के हम विधायक जीतनराम मांझी गया से सांसद चुने गए थे. बेलागंज के राजद विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव जहानाबाद से सांसद चुने गए थे और तरारी के सीपीआईएमएल विधायक सुदामा प्रसाद आरा से सांसद चुने गए थे. सांसद चुने जाने के कारण इन चारों सीटों से इस्तीफा दे दिया था. बिहार में होने वाले उपचुनाव में इन राजनीतिक दलों की एंट्री के बाद चुनाव अब दिलचस्प हो गया है.

उपचुनाव को लेकर बीजेपी का दावा:चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी का दावा है कि चारों सीटों पर एनडीए की जीत सुनिश्चित है. इसके पीछे उनका तर्क है कि बिहार में जो भी विकास के काम हुए हैं चाहे वह केंद्र सरकार की योजना से हुआ हो या बिहार सरकार की योजना से हुआ है. इसके अलावा उनका तर्क है कि बीजेपी का बिहार की सभी वर्गों में पहुंच है जनता दल यू का एक मजबूत जनाधार है.

एनडीए से मुकाबला होगा कठिन:उन्होंने कहा कि इसके अलावा चिराग पासवान और जीतनराम मांझी का भी मजबूत जन आधार. विपक्षी गठबंधन पर तंज करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में कांग्रेस के कार्यकर्ता किसी गांव में नहीं मिल रहे हैं बिहार के कुछ इलाकों में वामपंथी दलों का वजूद है. राजद के सहयोगी दल कितने कमजोर है. यही कारण है कि एनडीए के सामने यह लोग कहीं टिक नहीं पा रहे हैं.

4 सीट जीतने का राजद के दावा:राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि बिहार में होने वाले चार सीटों के उप चुनाव में बिहार के लोगों में एनडीए के प्रति रोष दिख रहा है. वहीं तेजस्वी यादव के काम के प्रति लोगों के मन में विश्वास जगा है. अपने छोटे से कार्यकाल में तेजस्वी यादव ने जो काम किए हैं और नेता प्रतिपक्ष के रूप में जो उन्होंने सरकार के किए कामों को सार्वजनिक किया है. इससे लोगों का विश्वास तेजस्वी यादव में हुआ है. आरजेडी प्रवक्ता का दावा है कि पहले से ही तीन सीट पर इंडिया गठबंधन का कब्जा था. इस बार एक सीट और बढ़कर सभी चार सीट पर कब्जा करेंगे.

Bihar GFX3 (ETV Bharat)

जन सुराज का दोनों गठबंधन पर तंज:जन सुराज बिहार विधानसभा का उपचुनाव अपनी विचारधारा और नीतियों को लेकर लड़ रहा है। जन सुराज परिवारवाद जातिवाद और धर्म के नाम पर चुनाव नहीं लड़ रही है. जबकि विपक्षी दोनों गठबंधन परिवारवाद के आधार पर चुनाव लड़ रही है. दोनों गठबंधन अपने परिवारवाद को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.

जन सुराज के प्रवक्ता ने कहा कि हम अपनी विचारधारा और योग्य उम्मीदवारों के सहारे चुनावी मैदान में हमने समाज के सभी वर्गों को समान प्रतिनिधित्व दिया है. यह उपचुनाव प्रशांत किशोर का लिटमस टेस्ट नहीं सभी दालों का लिटमस टेस्ट है. इस लिटमस टेस्ट में सभी बड़े दल पहले ही राजनीतिक रूप से फेल हो गए जब वे लोग परिवार को बढ़ावा देते हुए उम्मीदवार का चयन किया.

Bihar GFX4 (ETV Bharat)

"प्रशांत किशोर के राजनीतिक पार्टी अभी बहुत नई है. बिहार में जिन चार सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं वहां पर प्रशांत किशोर की पार्टी यदि दो नंबर और तीन नंबर पर भी रहती है तो यह बड़ी बात होगी, लेकिन अभी की स्थिति यही है कि इन चार सीटों में कुछ सीटों पर प्रशांत किशोर टक्कर देने की स्थिति में है. नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया दावा किया गया कि सभी 40 सीट जीतेंगे लेकिन 40 सीट एनडीए नहीं जीत पाई."- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

पीके ने दी है सभी को चुनौती: रवि उपाध्याय ने कहा कि मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए तेजस्वी यादव को शहाबुद्दीन के बेटे को बेलागंज में उतरना पड़ा. उन्होंने कहा कि इस उप चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी ने सभी बड़े राजनीतिक दलों के सामने एक बड़ी चुनौती पेश की है. यही कारण है कि कोई भी गठबंधन यह नहीं दावा कर सकता है कि वह यह सीट निश्चित रूप से जीत रही है.

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Last Updated : Nov 10, 2024, 7:45 PM IST

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