पटना :'मेरा गवना लोटा से हुआ था'. यह कहना है बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष बने नंद किशोर यादव का. नंदकिशोर यादव बिहार विधानसभा के बीजेपी कोटा से नए स्पीकर बने हैं. उन्होंने यह बातें ईटीवी भारत से वह खास बातचीत के दौरान कही. साथ ही कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.
चौखट और खिड़की भी खोल ले गए थे पुलिस वाले : नंद किशोर यादव ने बताया कि 1974 का आंदोलन हुआ था तो उस समय वह जेल गए थे. पुलिस प्रशासन ने उनके घर की कुर्की जब्ती तक कर ली थी. यहां तक कि घर के चौखट और खिड़की भी खोल कर ले गए थे.
लोटा से किया गया था गवना : विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि डेढ़ सालों तक हमारा परिवार बिना खिड़की दरवाजे के कपड़े के परदे के पीछे रहता था. उस समय मेरी शादी हुई थी. गवना की तारीख तय कर दी गई थी. ऐसे में गवना लोटा से किया गया था. हालांकि अब उनकी पत्नी किरण देवी इस दुनिया में नहीं है.
28 साल से सदन के सदस्य : नंदकिशोर यादव ने कहा कि उन्होंने अपने 28 साल के विधायकी जीवन में कई संघर्ष को देखा है. उन्होंने वार्ड काउंसलर से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. फिर वह पटना के डिप्टी मेयर बने. लगातार सात बार विधायक बने. नंदकिशोर यादव सबसे कम उम्र के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी बने थे. पटना जिला अध्यक्ष, भारतीय युवा मोर्चा अध्यक्ष और बिहार प्रदेश अध्यक्ष कुल मिलाकर 16 सालों तक अध्यक्ष के पद पर रहे थे. नंदकिशोर यादव बिहार बीजेपी लगातार दो बार अध्यक्ष बने थे. उनसे पहले और उनके बाद कोई भी दो बार अध्यक्ष नहीं बना है.
''वार्ड काउंसलर से लेकर विधानसभा अध्यक्ष बनने का सफर कठिन जरूर रहा लेकिन इस दौरान मेरे संबंध सभी दलों के नेताओं से बेहतर रहे हैं. 28 साल के दौरान जो भी दायित्व मिला, उस हर दायित्व का उन्होंने निर्वहन किया.''-नंदकिशोर यादव, विधानसभा अध्यक्ष