नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री ने शनिवार 1फरवरी को देश के लिए आम बजट पेश किया. इस बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए कई घोषणा की गई. इन घोषणाओं में मेक फॉर इंडिया, मेक फ़ॉर द वर्ल्ड विनिर्माण के लिए आवश्यक युवाओं को कौशल से लैस करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञ और साझेदारी के साथ 5 नेशनल सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर स्किलिंग की स्थापना की जाएगी. इसके साथ ही 2014 के बाद से आरंभ किए गए पांच आईआईटी में 6500 अतिरिक्त छात्रों को शिक्षा सुविधा देने के लिए अतिरिक्त अवसंरचना का निर्माण किया जाएगा. 500 करोड़ रुपये के व्यय के साथ सेंटर ऑफ एक्सिलेंस इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर एडुकेशन की स्थापना की जाएगी.
आईआईटी और मेडिकल सीटों की संख्या बढ़ने से आएंगे सकारात्मक परिणाम :आगामी पांच वर्षों में अतिरिक्त 75,000 सीटों की वृद्धि के लक्ष्य के साथ, अगले वर्ष मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त सीटों को जोड़ा जाएगा. इन सभी घोषणाओं को लेकर के दिल्ली विश्वविद्यालय के महाराजा अग्रसेन कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर संजीव तिवारी ने कहा कि बहुत समय से इंतजार था कि सरकार शिक्षा पर विशेष ध्यान दे. इस बजट में सरकार ने शिक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दिया है और पिछले बजट के मुकाबले 13% से ज्यादा आवंटन शिक्षा के बजट के लिए किया है. यह अभूतपूर्व बजट है. प्रोफेसर तिवारी ने कहा कि मेडिकल सीटों की संख्या बढ़ाना. आईआईटी के लिए सीटों की संख्या बढ़ाना और बिहार जैसे राज्य में नेशनल फूड टेक्नोलॉजी के लिए केंद्र की स्थापना करना इसके व्यापक परिणाम सामने आएंगे.
यह बजट शिक्षा के लिए वरदान साबित होगा :बिहार के लिए इतना बड़ा प्रोजेक्ट देना स्वागत योग्य कदम है. उन्होंने कहा कि पहले इतनी बड़ी घोषणाएं शिक्षा के लिए कभी नहीं की गई. यह बजट शिक्षा के लिए वरदान साबित होगा. वही, स्कूल के शिक्षक राहुल गुर्जर ने कहा कि सरकार का शिक्षा के लिए बजट में की गई घोषणाएं अभूतपूर्व हैं. मेडिकल सीटों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत बड़ा सुधार होगा. देश में डॉक्टरों की कमी काफी समय से महसूस की जा रही है. डॉक्टरों की कमी पूरी होने से मध्यम वर्ग के लोग जो सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए जाते हैं, उनको भी सहूलियत मिलेगी. यह बजट शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्र के लिए सराहनीय है.
स्कूल तथा उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं की डिजीटल पुस्तकों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारतीय भाषा पुस्तक परियोजना का कार्यान्वयन किया जाएगा. आगामी तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर केंद्र स्थापित किए जाएंगे. वित्तीय वर्ष 2025-26 में 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे.