लखनऊ :RO-ARO (समीक्षा और सहायक समीक्षा अधिकारी) भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है. उनकी इस नाराजगी की गाज गिरनी शुरू हो गई है. पहली कार्रवाई उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक पर हुई है. गड़बड़ी के प्रथम दृष्टया आरोपित पाए जाने पर परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से हटा दिया गया है. उनको राजस्व परिषद की अपेक्षाकृत कमजोर पोस्टिंग दी गई है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पुलिस सेवा बोर्ड और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अफसरों के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. सीएम योगी ने यह कार्रवाई रविवार की शाम की है.
आरओ और एआरओ परीक्षा में लापरवाही को लेकर कार्रवाई यूपी लोकसेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी हटाए गए हैं. आयोग से हटाकर अजय तिवारी को राजस्व परिषद भेजा गया है. गौरतलब है कि नौकरी भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता में गड़बड़ी को लेकर सरकार कटघरे में है. विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है. सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. यह तब हुआ, जब लाखों परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे थे. इसी तरह से पुलिस भर्ती परीक्षा में भी पर्चा लीक हुआ. प्रदेश के करीब 60 लाख युवाओं ने यह परीक्षा दी थी. इसके बाद में बड़ा आंदोलन हुआ और सरकार को यह परीक्षा निरस्त करनी पड़ी. अगले 6 महीने में इसका आयोजन किया जाएगा.
इसी तरह से सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा भी अगले 6 महीने में कराई जाएगी. परीक्षार्थियों को राहत देने के बाद सरकार अब जिम्मेदारों पर कार्रवाई में जुड़ गई है. जिसमें अजय कुमार तिवारी पर पहली कड़ी कार्रवाई की गई है. शासन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अब निकट भविष्य में पुलिस भर्ती बोर्ड में भी बड़ी कार्रवाई की जाएगी. कई अधिकारियों को हटाया जा सकता है.
11 फरवरी 2024 को आयोजित हुई थी परीक्षा
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी 2024 को समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) (RO-ARO) परीक्षा आयोजित की गई थी. इस परीक्षा में कथित रूप से प्रश्नों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के शिकायतें प्राप्त हुई थीं. जिसके संबंध में शासन ने परीक्षा को प्रभावित करने से संबंधित तथ्यों के साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने की विज्ञप्ति जारी की थी. उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों तथा आयोग द्वारा उपलब्ध रिपोर्ट के परिप्रेक्ष्य में शनिवार को ही सीएम योगी ने यह निर्देश दिया कि दोनों सत्रों की परीक्षाओं को निरस्त कर दिया जाए. आगामी 06 माह में पुनः परीक्षा कराई जाए.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि इस प्रकार के आपराधिक कृत्य में सम्मिलित व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी वैधानिक व दण्डात्मक कार्यवाही करने के लिए यह प्रकरण राज्य की एसटीएफ को संदर्भित कर दिया जाए. एसटीएफ शीघ्रातिशीघ्र इसकी विवेचना संपन्न करेगी तथा इस कृत्य में लिप्त सभी उत्तरदायी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
अभयर्थी लगातार कर रहे थे विरोध