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माउंट विंसन फतह करने वाली सबसे उम्रदराज महिला बनीं ज्योति रात्रे, 55 में जवानों को पछाड़ा - JYOTI RATRE MOUNT VINSON

भोपाल की पर्वतारोही ज्योति रात्रे ने अत्यधिक ठंड (-52 डिग्री सेल्सियस) और खराब मौसम के बावजूद 29 दिसंबर 2024 को अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन पर तिरंगा फहराया.

Jyoti Ratre hoisted tricolor on Mount Vinson
ज्योति रात्रे ने माउंट विंसन पर लहराया तिरंगा (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 30, 2024, 3:53 PM IST

Updated : Dec 30, 2024, 4:29 PM IST

भोपाल: देश में नव वर्ष की तैयारियां जोरों पर हैं. लोग इसे हर्षोल्लास के साथ मनाने की कोशिश में जुटे हैं. वहीं नया साल इस बार भोपाल के लिए एक नई उपलब्धि लेकर आया है. दरअसल शहर में रहने वाली 55 वर्षीय पर्वतारोही ज्योति रात्रे ने अंटार्कटिका की सबसे उंची चोटी पर तिरंगा फहराने का गौरव हासिल किया है. ऐसा करने वाली वह मध्य प्रदेश की पहली और भारत की सबसे उम्र दराज महिला बन गई हैं. उनकी इस उपलब्धि से शहर के लोग भी गौरावान्वित हो रहे हैं.

माउंट विंसन तक पहुंचने वाली सबसे उम्र दराज पर्वतारोही

भोपाल की 55 वर्षीय पर्वतारोही ज्योति रात्रे ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन (4,892 मीटर) के हाई कैंप (3,780 मीटर) तक पहुंचकर एक बड़ा मुकाम हासिल किया है. अत्यधिक ठंड (-52 डिग्री सेल्सियस) और मौसम खराब होने के बाद भी उन्होंने 29 दिसंबर 2024 को अपने प्रयास, साहस और दृढ़ संकल्प से माउंट विसंन पर तिरंगा फहराया.

ज्योति रात्रे ने माउंट विंसन पर लहराया तिरंगा (Etv Bharat)

ज्योति रात्रे ने बताया "उनका लक्ष्य विश्व के 7 महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों तक पहुंचना है. अब तक वह 7 में से 5 शिखर तक पहुंच चुकी थीं. इनमें माउंट एवरेस्ट (एशिया), माउंट एल्ब्रुस (यूरोप), माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका), माउंट अकोंकागुआ (दक्षिण अमेरिका) और माउंट कोसिउज़्को (आस्ट्रेलिया) शामिल है. अब उन्होंने अंटार्कटिका के माउंट विंसन के हाई कैप पर तिरंगा फहराया है. उनका अगला लक्ष्य अगला लक्ष्य माउंट डेनाली (उत्तरी अमेरिका) है."

दुर्गम रास्ते और कठिन चुनौतियों का सामना

ज्योति रात्रे ने बताया कि "हाई कैंप तक का ये सफर शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर बेहद चुनौतीपूर्ण रहा. बेस कैंप से लो कैंप तक 10 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए, 25 किलो वजन वाली स्लेज खींचनी पड़ी और 15 किलो का सामान कंधों पर उठाकर ले जाना पड़ा. इसके बाद, लो कैंप से हाई कैंप तक का सफर और भी कठिन था. सभी को कट-आफ टाइम के भीतर रस्सियों के सहारे चढ़ाई करनी पड़ी. लगभग 50 से 60 डिग्री की ढलान पर उन्होंने 1,200 मीटर का एलिवेशन पार किया, जहां तेज़ ठंडी हवाएं और -30 डिग्री सेल्सियस का तापमान चुनौतीपूर्ण साबित हुआ."

पर्वतारोहण में खर्च कर दी करोड़ों की जमा पूंजी

ज्योति के पति केके रात्रे ने बताया "ज्योति का आखिरी पड़ाव उत्तर अमेरिका की सबसे उंची चोटी देनाली फतह करना है. इसके बाद उनका सेवन समिट मिशन पूरा होगा. इन अभियानों में काफी पैसा खर्च हुआ है. एवरेस्ट फतह में ही 30 लाख रुपये से ज्यादा खर्च हो चुका है. माउंट विसंन फतह का खर्च 60 लाख रुपये है. इन सब में परिवार की जमापूंजी खर्च हो चुकी है. हालांकि कुछ स्पॉन्शरशिप भी मिली है."

48 साल की उम्र में ऐसे लगा शौक

केके रात्रे ने बताया "साल 2017 में ज्योति मनाली घूमने गई थी. जिसके बाद उन्हें हिमालय का सौंदर्य देखकर इसे बार-बार देखने का मन हुआ. यहीं से उन्होंने तय किया कि वह माउंट एवरेस्ट पर जाएंगी. लेकिन उनके पास इसके लिए कोई अनुभव नहीं था. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण नहीं मिल पाया क्योंकि 40 साल की उम्र के बाद माउंट एवरेस्ट फहत के लिए प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है. ज्योति 55 साल की उम्र में अब तक 17 उंचे पर्वतों की चढ़ाई पूरी कर चुकी हैं."

खुद का व्यापार, पति बिजली कंपनी में अधिकारी

बता दें कि ज्योति रात्रे का खुद का बिजनेस है. वह स्कूल और कार्पोरेट सेक्टर में यूनिफार्म की डील करती हैं. उनकी खुद की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और बल्क सप्लाई है. इससे जो भी कमाई होती है, ज्योति उसे पर्वतारोहण पर खर्च करती हैं. उनके पति केके रात्रे मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में डिप्टी चीफ जनरल मैनेजर हैं. ज्योति के शौक को आगे बढ़ाने में उनका भी काफी योगदान है.

2023 में एक क्रू मेंबर की वजह से छोड़ना पड़ी एवरेस्ट फतह

बता दें कि ज्योति साल 2023 में माउंट एवरेस्ट की यात्रा पर गई थीं. इस दौरान उन्होंने 8200 मीटर तक चढ़ाई पूरी कर ली थी. लेकिन इसी बीच एक क्रू मेंबर की तबियत खराब हो गई. जिसकी वजह से उन्हें अपना शेरपा बीमार व्यक्ति को देना पड़ गया और ज्योति को एवरेस्ट फतह करने से सिर्फ 650 मीटर पहले वापस लौटना पड़ा. हालांकि उन्होंने 2024 में फिर प्रयास किया और 19 मई 2024 को नेपाल के माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी की.

अब तक ज्योति रात्रे ने इन पहाड़ों पर की चढ़ाई

  • 8 मई 2017 - सौर ताल ट्रैक, 3770 मीटर
  • 30 जून 2018 - पिन पार्वती पास, 5319 मीटर
  • 10 जुलाई 2019 - महागुनिस टाप अमरनाथ, 4276 मीटर
  • 20 अक्टूबर 2020 - देव तिब्बा टाप, 5226 मीटर
  • 22 अक्टूबर 2020 - नार्बू पीक, 5226 मीटर
  • 8 जुलाई 2021 - यूरोप की हाईएस्ट पीक एल्ब्रुस, 5642 मीटर
  • 15 अगस्त 2021 - अफ्रीका की किलिमंजारो, 5895 मीटर
  • 26 जनवरी 2022 - एवरेस्ट बेस कैंप, 5364 मीटर
  • 16 अगस्त 2022 - सतोनपंथ ग्लेशियर, 5800 मीटर
  • 25 दिसंबर 2022 - चिली स्थित बेरमेजो पास माउंटेन, 3937 मीटर
  • 3 जनवरी 2023 - दक्षिण्ण अमेरिका के अंकोगुआ पर्वत, 6960 मीटर
  • 12 अप्रैल 2023 - नेपाल की नागार्जुन हिल, 5100 मीटर
  • 17 अप्रैल 2023 - नेपाल की आईस लैंड पीक फतह, 6100 मीटर
  • 23 मई 2023 - नेपाल की माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई 8200 मीटर चढ़ने के बाद छोड़ी
  • 19 अक्टूबर 2023 - आस्ट्रेलिया का माउंट कोजिअस्को, 2228 मीटर
  • 19 मई 2024 - नेपाल के माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी की, 8849 मीटर
Last Updated : Dec 30, 2024, 4:29 PM IST

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