मध्य प्रदेश

madhya pradesh

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

ETV Bharat / bharat

चीते हंसते दौड़ते अफ्रीका से आए, कूनो में हुए 110 बार बेहोश फिर क्यों ना आया होश? होगी जांच - Cheetah Kuno News

पर्यावरणविद अजय दुबे ने नामीबिया से श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क लाए गए चीतों की मौत पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि चीतों को 110 बार बेहोश किया गया था. अजय दुबे ने पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र सिंह और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को पत्र लिखकर जांच की मांग की है.

Cheetah Kuno News
कूनो में चीतों की मौत पर सस्पेंस (ETV Bharat Graphics)

भोपाल: चीता परियोजना के तहत नामीबिया से लाए गए चीतों की मौत की एक वजह क्या उन्हें 110 बार ट्रैंक्यूलाइज यानि बेहोश किया जाना भी है. पर्यावरणविद अजय दुबे ने एमपी में चीता परियोजना में नामीबिया से आए चीतों की देखरेख को लेकर आरोप लगाते हुए सवाल उठाए हैं कि, ''जब ये चीते यहां लागे जाएंगे तो उनकी देखरेख का डॉक्टर भी वहीं से आएगा फिर क्या वजह थी कि एक साल बाद ही डॉक्टर इस्तीफा देकर चला गया और उसे रोका नहीं गया.'' दुबे ने इस पूरे मामले में पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र सिंह के साथ राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को पत्र भी लिखा है.

क्या ट्रैंक्यूलाइज किए जाने से हुई चीतों की मौत
पर्यावरणविद अजय दुबे ने वन विभाग की एक जानकारी सार्वजनिक करते हुए 'X' हैंडल पर ट्वीट कर सवाल उठाया है कि, ''कूनो में मुख्य वन्यजीव संरक्षक की अनुमति लिए बगैर ही 110 बार चीतों को बेहोश किया गया. इससे कई चीतों की मौत पर प्रश्न खड़ा हो गया है.'' उन्होने ईटीवी भारत से बातचीत में ये बताया कि ''जब नामीबिया से ये चीते लाए जा रहे थे तब एक शर्त ये भी थी कि चीते वहीं के डॉक्टर की निगरानी में रहेंगे. फिर क्या वजह थी कि अफ्रीकन डॉक्टर एडविन टॉडरिफ इस्तीफे देकर चले गए.''

किससे पूछकर किया गया ट्रेंक्यूलाइज
पर्यावरणविद अजय दुबे ने कहा कि, ''कूनो नेशनल पार्क से जुड़े दस्तावेज में ये स्पष्ट बताया गया है कि चीतों को 110 से अधिकर बार ट्रेंक्यूलाइज किया गया. यानि उन्हें बेहोश किया गया. ये किसकी अनुमति से हुआ और सबसे बड़ी बात कि इस तरह से बेहोश किये जाने ने क्या चीते की इम्यूनिटी पर असर नहीं डाला होगा. बेहोश किए जाने से सबसे पहले किडनी पर असर पड़ता है फिर बाकी इंटरनल पार्ट भी प्रभावित होते हैं.''

पर्यावरणविद ने की चीतों की मौत की जांच की मांग (ETV Bharat)

Also Read

भारत आये चीतों की आजादी की तारीख मुकर्रर, खुलकर लेंगे सांस, अफ्रीका जैसी ताबड़तोड़ पकड़ेंगे रफ्तार

सबसे तेज दौड़ने वाले पवन चीते की मौत, पीएम मोदी के जन्मदिन पर लाया गया था कूनो

पर्यावरण मंत्री को लिखी चिट्ठी जांच की मांग
पर्यावरणविद अजय दुबे ने इस मामले को लेकर केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि, ''इस प्रोजेक्ट में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का भी उल्लंघन किया गया.'' दुबे ने विभाग के पत्र के हवाले से कहा कि, ''चीतों को 110 बार से भी ज्यादा बार बेहोश किया गया और इसके लिए मुख्यवन जीव संरक्षक की मंजूरी नहीं ली गई जो कि अधिनियम की धारा 11 की अनुसूची एक का पूरी तरह से उल्लंघन है. दूसरा जो प्रोसेस की गई उसका कोई रिकार्ड भी नहीं रखा गया.''

Last Updated : 3 hours ago

ABOUT THE AUTHOR

...view details