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सासें हो रही हैं कम, आओ पेड़ बचाएं हम, मंत्री-विधायकों के आशियाने बनाने 29 हजार पेड़ों की बलि - BHOPAL 29000 TREE SAVING MOVEMENT

भोपाल में मंत्री-विधायकों के बंगले बनाने के लिए काटे जा रहे 29 हजार पेड़ों को बचाने के विरोध में शहरवासी एक जुट हो गए हैं. हाथों में तख्तियां लेकर युवा, बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं ने पेड़ों को बचाने के लिए तरह-तरह के नारे लगाए और पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर पूजा अर्चना की.

BHOPAL 29000 TREE SAVING MOVEMENT
मंत्री-विधायकों के आशियाने बनाने 29 हजार पेड़ों की बलि (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 14, 2024, 10:41 PM IST

भोपाल। राजधानी में मंत्री-विधायकों के बंगले बनाने के लिए काटे जा रहे पेड़ो का विरोध चरम सीमा तक पहुंच चुका है. शुक्रवार शाम को शिवाजी नगर स्थित नूतन कालेज के सामने इन पेड़ों को बचाने के लिए हजारों की संख्या में शहरवासी एकजुट हुए. इस दौरान हाथों में तख्तियां लेकर युवा, बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं ने पेड़ों को बचाने के लिए तरह-तरह के नारे लगाए और पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर पूजा अर्चना की.

सासें हो रही हैं कम, आओ पेड़ बचाएं (ETV Bharat)

पर्यावरणविद और प्रबुद्धजनों ने चलाया अभियान

बता दें कि बीते एक सप्ताह से तुलसी नगर और शिवाजी नगर में 29 हजार पेड़ों को बचाने के लिए पर्यावरणविद, समाजसेवी और प्रबुद्धजन सोशल मीडिया पर अभियान चला रहे थे. इसी का असर रहा कि शुक्रवार शाम को नूतन कालेज के सामने पेड़ों को बचाने के लिए बड़ी संख्या में शहरवासी एकत्रित हुए. इससे पहले भी बीते 3 दिनों से लोग शिवाजी नगर में विभिन्न तरीकों से सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे थे.

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री समेत कई लोगों को भेजे पत्र

पर्यावरण प्रेमी उमाशंकर तिवारी ने बताया कि "एक तरफ सरकार पर्यावरण संरक्षण के नाम पर हर वर्ष लाखों पेड़ लगा रही है. इनका संरक्षण करने वालों को पुरस्कृत किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर सरकार मंत्री और विधायकों के बंगले बनाने के लिए 29 हजार पेड़ों की बलि देना चाहती है. यदि सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो हमें इन पेड़ों को बचाने के लिए उग्र प्रदर्शन करना पड़ेगा. अब तक वो इन पेड़ों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, नगरीय प्रशासन मंत्री और एनजीटी समेत एक दर्जन से अधिक स्थानों पर शिकायत पत्र भेज चुके हैं."

500 करोड़ रुपये की ऑक्सीजन देते हैं 29,000 पेड़

कोलकाता में 250 पेड़ काटने के एक मामले में इससे होने वाले नुकसान का आंकलन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अलग से एक एक्स्पर्ट कमेटी का पैनल बनाया था. इस पैनल ने फरवरी 2021 में सुप्रीम कोर्ट को जो रिपोर्ट सौंपी, उसके अनुसार एक हेरिटेज पेड़ या बड़ा पेड़ प्रतिवर्ष एक लाख 74 हजार रुपये के बराबर ऑक्सीजन देता है. यदि ये पेड़ सौ साल तक रहता है तो एक करोड़ रुपये से अधिक राशि के बराबर प्राणवायु लोगों को मिलती है. ऐसे में वैज्ञानिक तर्काे और सुप्रीम कोर्ट के आधार पर 29 हजार पेड़ों से 100 साल में करीब 29,000 करोड़ रुपये से अधिक की ऑक्सीजन वायुमंडल को मिलेगी.

1.16 लाख लोगों के जीवनभर की ऑक्सीजन खत्म

यदि एक पेड़ 100 फीट लंबा और 18 इंच मोटा है तो यह छह हजार पाउंड ऑक्सीजन प्रतिदिन देता है. इसके अलावा वातावरण मेें उपस्थित हानिकारक कार्बन डाईआक्साइड को भी शोषण करता है. यदि औसत निकाला जाए तो एक बड़ा पेड़ 4 लोगों के जीने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन देता है. इस प्रकार यदि 29 हजार पेड़ काटे जाते हैं तो अनुमान के मुताबिक 1.16 लाख लोगों के जीवन भर लेने लायक आक्सीजन खत्म हो जाती है.

इन परिजयोनाओं के लिए अब तक काटे गए पेड़

  • स्मार्ट सिटी के निर्माण में - 6,000
  • बीआरटीएस कॉरिडोर बनाने में - 3,000
  • सीबीडी, टीटी नगर - 3,000
  • शौर्य स्मारक, अरेरा हिल्स - 2,000
  • विधायक आवास बनाने - 1,150
  • सिंगारचोली सड़क निर्माण और चौड़ीकरण - 1,800
  • हबीबगंज स्टेशन निर्माण - 150
  • खटलापुरा से एमवीएम कालेज तक सड़क चौड़ीकरण - 200
  • मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए - 3,000
  • तीसरी रेल लाइन - 8,000
  • कोलार सिक्सलेन - 4,000
  • रातीबड़-भदभदा रोड - 1,800

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बड़े पेड़ों का विस्थापन सफल नहीं

भोपाल में विकास के नाम पर पेड़ों की बलि दी जा रही है. हालांकि, इन पेड़ों को विस्थापित कर कलियासोत, केरवा व चंदनपुरा आदि जंगलों में लगाने के दावे किए गए. लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से इसमें भी सफलता नहीं मिली. इन पेड़ों ने कुछ ही दिनों में दम तोड़ दिया. जबकि अधिकारी पेड़ों के बदले चार गुना तक पौधे लगाने के दावा करते रहे हैं. लेकिन जब ये बड़े होकर पेड़ बनेंगे तब तक तो पर्यावरण का काफी नुकसान हो चुका होगा. शहर की हरियाली धीरे-धीरे उजड़ जाएगी.

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