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हवा से बातें करता है घुड़सवार राजू, थाईलैंड एशियन गेम्स में गोल्ड पर लगाएगा लंबी छलांग - EQUESTRIAN PLAYER RAJU SINGH

मध्य प्रदेश के भिंड के हरपालपुरा गांव से निकले राजू सिंह भदौरिया जल्द ही थाईलैंड में आयोजित 2025 एशियन गेम्स में घुड़सवारी का कमाल दिखाएंगे. भिंड से पीयूष श्रीवास्तव की रिपोर्ट में पढ़िए राजू सिंह भदौरिया की उपलब्धि...

EQUESTRIAN PLAYER RAJU SINGH
थाईलैंड एशियन गेम्स में गोल्ड पर लगाएगा लंबी छलांग (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 20, 2024, 6:22 PM IST

Updated : Dec 20, 2024, 8:28 PM IST

भिंड (पीयूष श्रीवास्तव): बदलते समय के साथ-साथ अब चंबल भी बदल रहा है, क्योंकि इस क्षेत्र के युवा अब बिहार और बंदूकों से आगे बढ़कर देश-विदेश में नाम रोशन कर रहे हैं. खासकर खेल जगत में ग्वालियर चंबल-अंचल के न जाने कितने ही युवा कोहिनूर बन चुके हैं. ऐसा ही अनमोल रत्न भिंड जिले से निकला है. नाम है राजू भदौरिया, जो घुड़सवारी में हवा से बातें करते हैं. महज 20 वर्ष की उम्र में राजू ने छोटे से गांव हरपालपुरा से थाईलैंड की छलांग लगा दी है. वे जल्द ही आने वाले थाईलैंड में आयोजित 2025 एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

बेटे की उपलब्धि से खुश हैं मां

राजू की मां कुसमा देवी कहती हैं कि "अपने बेटे के लिए खुश हैं. उसने सभी त्याग सफल कर दिए. जब 8 साल का तभी मामा उसे अपने साथ भोपाल ले गए थे, कहते थे गांव का माहौल है, भोपाल में पढ़ाई करेगा तो कुछ बन जाएगा. मामा लोकेंद्र भी भोपाल में स्थित खेल अकादमी में इक्वेस्ट्रियन सेक्शन में घोड़ों की देखभाल किया करते थे. उन्हें देखते-देखते राजू ने घुड़सवारी सीख ली. वहीं कोच ने जब उसे घुड़सवारी करते देखा तो उसे अच्छे से ट्रेनिंग देकर घुड़सवारी के खेल में आगे बढ़ाया."

राजू ने एशियन गेम्स के लिए क्वालीफाई किया (ETV Bharat)

छोटी सी उम्र में मिला विक्रम और एकलव्य अवार्ड

राजू का खेल समय के साथ बेहतर होता गया. पहले इक्वेस्ट्रियन की जूनियर कैटेगरी में कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और सफलता हासिल की और मेडल्स जीते. जिनके बूते साल 2018 में प्रदेश सरकार ने उन्हें एकलव्य पुरस्कार से सम्मानित किया. वे जिले के पहले खिलाड़ी हैं, जिन्हें इतनी कम उम्र में पहले विक्रम अवार्ड और फिर एकलव्य अवार्ड दिया गया.

नेशनल चैंपियनशिप में ठोकी एशियन चैंपियनशिप की कील

राजू सिंह भदौरिया ने हाल ही में राजस्थान के जयपुर में आयोजित हुई नेशनल इक्वेस्ट्रियन चैंपियनशिप में भाग लिया. एक नहीं बल्कि दो मेडल प्राप्त किया. उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अपनी घोड़ी मटकली और मेवलिन के साथ हिस्सा लिया था. जिसमे उन्होंने 38.8 और 40.6 के साथ अपना बेहतरीन टाइम में खेल पूरा किया. इसके साथ ही राजू भदौरिया का चयन 2025 में आयोजित होने जा रही थाईलैंड में एशियन चैंपियनशिप के लिए फर्स्ट क्वालीफाई कर लिया.

घुड़सवारी के दौरान छलांग लगाते राजू (ETV Bharat)

एमपी के पहले घुड़सवार खिलाड़ी, एशियन गेम्स में करेंगे प्रतिनिधित्व

राजू इस उपलब्धि के बाद काफी खुश हैं और निरंतर मेहनत कर रहे हैं. भिंड में राजू का खेल प्रेरक और कोच रह चुके राधे गोपाल यादव कहते हैं कि "राजू भिंड के युवाओं के लिए प्रेरणा है. उसने इतनी छोटी सी उम्र में बड़े मुकाम को हासिल किया है. राजू मध्य प्रदेश का पहला खिलाड़ी होगा. जो घुड़सवारी में एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा. इस बात की पूरी उम्मीद है कि न सिर्फ एशियन गेम्स बल्कि मैं अपने खेल से आने वाले ओलंपिक खेलों में भी भारत के लिए मेडल जरूर लाएगा."

खेल प्रेरक राधे राधेगोपाल के साथ राजू (ETV Bharat)

प्रदर्शन के लिए कोच को देते हैं श्रेय

बता दें कि इन दिनों राजू सिंह भदौरिया राजस्थान के जयपुर में जहां वे एशियन गेम्स के लिए निरंतर प्रशिक्षण ले रहे हैं. राधे गोपाल यादव ने बताया कि "जब 2023 में उसका चयन एशियन गेम्स के लिए हुआ था, तो उस दौरान भारत सरकार द्वारा ट्रेनिंग के लिए उसे पेरिस भेजा गया था. इस बार उसकी ट्रेनिंग जयपुर और भोपाल खेल एकेडमी में की जा रही है."

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मध्यप्रदेश राज्य घुड़सवार अकादमी के राजू भदौरिया का हुआ भारतीय टीम में चयन

वहीं राजू "अपनी उपलब्धियों का श्रेय अपने मुख्य कोच खेल एकेडमी के कोच कैप्टन भागीरथ को देते हैं. उनका कहना है कि वे आज जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, वहां कोच कैप्टन भागीरथ के बिना पहुंचना संभव नहीं था. अब वे पूरी मेहनत कर रहे हैं कि आने वाले 2025 एशियन गेम्स में पहुंच कर वे भारत के लिए गोल्ड मेडल जरूर लाएं."

पांच बार विदेश में जीते मेडल

बता दें भिंड के छोटे से गांव हरपालपुर के रहने वाले राजू आज देश और विदेश में ना सिर्फ भिंड बल्कि मध्य प्रदेश का नाम भी रोशन कर रहे हैं. वे अब तक इंटरनेशनल प्रतिस्पर्धा में 5 मेडल जीते हैं. जिनमें एक रजत और एक कांस्य है. जबकि 3 गोल्ड मेडल शामिल है. भारत की इक्वेस्ट्रियन जूनियर टीम में रहते उनकी रैंकिंग पहली थी. वहीं सीनियर टीम में शामिल होने के बाद उनकी भारत में रैंक 2 है.

Last Updated : Dec 20, 2024, 8:28 PM IST

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