बेंगलुरु प्रबुद्धा हत्याकांड: सीएम सिद्धारमैया ने मामले की जांच सीआईडी को सौंपने के दिए निर्देश - Bengaluru Prabuddha Murder Case - BENGALURU PRABUDDHA MURDER CASE
कर्नाटक के बेंगलुरु में सामाजिक कार्यकर्ता के. आर. सौम्या की बेटी की मौत के मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जांच सीआईडी को सौंपने के निर्देश दिए हैं. के. आर. सौम्या ने अपनी इस मांग को लेकर एक प्रतिनिधमंडल के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की और जांच सीआईडी को सौंपने की मांग की थी.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (फोटो - ANI Photo)
बेंगलुरू: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 15 मई को सुब्रमण्यपुर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में हुई बीबीए द्वितीय वर्ष की छात्रा प्रबुद्धा की मौत के मामले की जांच सीआईडी को सौंपने का निर्देश दिया है. सामाजिक कार्यकर्ता के. आर. सौम्या ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उनसे अपनी बेटी की मौत के मामले की जांच सीआईडीको सौंपने का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री ने याचिका स्वीकार करते हुए मामले की जांच सीआईडी को सौंपने का निर्देश दिया. सीएम सिद्धारमैया को लिखे पत्र में केआर सौम्या ने कहा कि 'पिछले 28 वर्षों से मैं, केआर सौम्या, दलितों के शोषित और पीड़ित समुदायों के लिए सामाजिक न्याय, सुरक्षा और समानता के संघर्ष में सक्रिय रूप से लगी हुई हूं, अब अपने जीवन में एक बड़ा झटका महसूस कर रही हूं. मैं अपनी बेटी प्रबुद्धा की भयानक मौत से आहत हूं.'
उन्होंने शिकायत की कि 'मेरी बेटी प्रबुद्धा, जो बेंगलुरु के बीएमएस महिला कॉलेज में अपना बीबीए कर रही थी, की 15 मई, 2024 की शाम को मेरे घर पर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई. हत्या के पहले दिन से ही सुब्रमण्यपुरा पुलिस स्टेशन के जांचकर्ताओं और उनकी टीम ने संदिग्ध तरीके से काम किया.'
उन्होंने कहा कि 'जांच दल ने, जिसने एक न सुनी, पहले तीन-चार दिनों तक इसे आत्महत्या के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया. वे हत्यारे की हर तरह से मदद करते रहे हैं और हत्यारे के माता-पिता जिन्होंने हत्या को छिपाने की कोशिश की, दुर्भावनापूर्ण कार्य करते रहे हैं. अपनी बेटी को खोने के दर्द के बावजूद मैंने न्याय के लिए कड़ी मेहनत की और सीसीटीवी फुटेज पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया, लेकिन वे उपेक्षा कर रहे हैं.'
उन्होंने आगे कहा कि 'वे उस सच्चाई को सुनने से इनकार कर रहे हैं जो मैं जानती हूं. हत्यारे का पिता स्थानीय पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एक बार चला रहा था और पुलिस के साथ घनिष्ठ संपर्क में था और सबूत नष्ट कर दिया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. चूंकि जेजेबी में वकील को कोई जानकारी नहीं दी गई थी, इसलिए आरोपी को 10 दिनों के भीतर जमानत मिल गई और वह बाहर घूम रहा था.'
उन्होंने अनुरोध किया कि 'एकल अभिभावक के रूप में, मैं अपने बच्चों को शिक्षित करने के लिए संघर्ष कर रही थी और अब मुझे अपने जीवन के लिए डर लग रहा है. अपनी बुजुर्ग माँ और बेटे के बारे में भी चिंतित हूं. आप जो सबसे उदार, दयालु लोग हैं, जो उत्पीड़ित लोगों की कठिनाइयों को समझते हैं, कृपया प्रबुद्ध हत्या के मामले को सीआईडीको सौंप दें. मेरी बेटी की आत्मा को शांति मिले और अपराधी और उसका समर्थन करने वालों को सजा दिलाकर मुझे न्याय मिले.'