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कर्नाटक : बेलेकेरी लौह अयस्क अवैध निर्यात मामले में कांग्रेस विधायक सैल को 7 साल की सजा

Special Court In Karnataka, कर्नाटक की विशेष कोर्ट ने लौह अयस्क अवैध निर्यात मामले में कांग्रेस विधायक सैल को 7 साल की सजा सुनाई.

Collage of Congress MLA Satish Sail and Special Court in Bengaluru
कांग्रेस विधायक सतीश सैल और बेंगलुरु की विशेष अदालत का कोलाज (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

बेंगलुरु: कर्नाटक की एक विशेष अदालत (जनप्रतिनिधि) ने बेलेकेरी लौह अयस्क अवैध निर्यात मामले में करवार के कांग्रेस विधायक सतीश सैल और छह अन्य को 2009-10 में जब्त लौह अयस्क की चोरी और निर्यात के मामले में 7 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. कुल छह मामलों में अदालत ने विधायक सतीश सेल और तत्कालीन बंदरगाह संरक्षक महेश बिलिये को 24 अक्टूबर को दोषी ठहराया था और शनिवार को सजा का ऐलान किया.

दोषियों को धोखाधड़ी के मामले में 7 वर्ष, षडयंत्र के मामले में 5 वर्ष तथा अयस्क चोरी के मामले में 3 वर्ष की सजा सुनाई गई. सतीश सैल के साथ ही बंदरगाह संरक्षक महेश बिलिये, लालवुहल कंपनी के मालिक प्रेमचंद गर्ग, श्रीलक्ष्मी वेंकटेश्वर ट्रेडर्स के मालिक खराडापुडी महेश, स्वास्तिक कंपनी के मालिक केवी नागराज और गोविंदराजू, आशापुरा कंपनी के मालिक चेतन और आईएलसी कंपनी के मालिक सोमशेखर (मृत्यु हो चुकी) को सजा सुनाई गई है.

अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ छह मामलों के संबंध में 40 करोड़ रुपये (6 करोड़ रुपये, 9 करोड़ रुपये, 9 करोड़ रुपये, 9.52 करोड़ रुपये, 9.25 करोड़ रुपये और 90 लाख रुपये) का जुर्माना भी लगाया. इसके अलावा, अदालत ने कर्नाटक सरकार को जुर्माना राशि जब्त करने का आदेश दिया. अदालत के आदेश में बेलेकेरी से लौह अयस्क के अवैध निर्यात से जुड़े छह मामले शामिल हैं.

सीबीआई ने बेलेकेरी बंदरगाह के तत्कालीन बंदरगाह संरक्षक महेश जे बिलिये और अन्य के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 13 सितंबर, 2012 को मामला दर्ज किया था. साथ ही सीबीआई ने बंदरगाह पर वन अधिकारियों द्वारा जब्त किए गए लौह अयस्क की कथित चोरी की जांच के लिए मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने कहा कि वन अधिकारियों द्वारा जब्त किए गए 5,00,000 मीट्रिक टन अयस्क में से 1,29,553.54 मीट्रिक टन अयस्क चोरी हो गया.

मामले की जांच करने वाले तत्कालीन लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े ने 'ईटीवी भारत' से कहा कि बेलेकेरी बंदरगाह अयस्क मामले में दोषियों को सजा सुनाए जाने में भले ही देर हो गई हो. लेकिन जब सजा देर से सुनाई जाती है, तो दोषियों के लिए उसे पूरा करना भी उतना ही मुश्किल होता है. उन्होंने कहा कि कानून सबके लिए समान है, चाहे वह आम लोग हों या सार्वजनिक हस्तियां। इस मामले में आए फैसले से न्याय व्यवस्था में विश्वास और बढ़ेगा. और मैं इस फैसले से खुश हूं. भविष्य में हमें पहले से पता होना चाहिए कि जो भी दोषी होगा, उसे कानून के तहत सजा भी मिलेगी. हेगड़े, जिन्होंने 2009-10 में इस मामले को प्रकाश में लाया था, ने व्यापक जांच की थी और कर्नाटक सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी.

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