प्रयागराज:संगम नगरी में महाकुंभ 2025 से पहले प्रयागराज जाने वाले हाइवे और सड़कों के किनारे बने ढाबे, रेस्टोरेंट और होटल्स को भी श्रद्धालुओं के स्वागत और सम्मान करने के लिए ट्रेंड किया जाएगा. इसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से 75 ढाबों और रेस्टोरेंट के साथ ही होटल्स का चयन किया गया है.चयनित होटल्स ढाबा और रेस्टोरेंट के मालिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण के दौरान खानपान,बैठने की सुविधा के साथ ही पार्किंग के लिए किस प्रकार की व्यवस्था की जानी है, यह बताया जाएगा. इसके साथ ही प्रशिक्षण लेने के बाद इन ढाबों रेस्टोरेंट और होटल्स में निवेश करने पर 25 फीसदी तक सब्सिडी भी दी जाएगी.
प्रयागराज में जनवरी 2025 में शुरू होने वाले महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के साथ नव्य स्वरूप देने के लिए यूपी की योगी सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है. उसी कड़ी में योगी सरकार की तरफ से कुंभ मेले में जाने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को मुख्य मार्गो पर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए ढाबों, रेस्टोरेंट और होटल्स को नया स्वरूप देने का प्रयास कर रही है. इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से ट्रेनिंग से लेकर सब्सिडी तक देने की तैयारी है.
मुख्य मार्गो के 75 ढाबों, रेस्टोरेंट और होटल का हुआ चयन:क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह के मुताबिक प्रयागराज आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को बेहतरीन अनुभव हो उसके लिए सरकार की तरफ से पहल की जा रही है.उसी के तहत जिले में आने जाने के लिए जो मुख्य मार्ग हैं, उसपर पड़ने वाले प्रमुख ढाबों, रेस्टोरेंट और होटल्स को स्मार्ट बनाने के लिए कार्य शुरू किया गया है. इस कार्य के लिए होटल्स, रेस्टोरेन्ट और ढाबों के 75 प्रतिनिधियों का चयन किया जा चुका है.जिनको ट्रेंड करने के लिए शुक्रवार से ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू किया जा चुका है. इसमें लखनऊ से प्रयागराज, कानपुर से प्रयागराज,रीवा से प्रयागराज, चित्रकूट से प्रयागराज,मिर्जापुर से प्रयागराज और वाराणसी से प्रयागराज हाइवे पर पड़ने वाले ढाबे, रेस्टोरेंट और होटल्स को शामिल किया गया है.
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ट्रेनिंग के दौरान क्या क्या बताया जा रहा है:कुंभ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतरीन अनुभव दिलाने के लिए यूपी सरकार की तरफ से रास्ते में पड़ने वाले चयनित होटल ढाबों और रेस्टोरेंट्स के मालिक को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. शुक्रवार से शुरू हुए इस ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत उनके प्रतिष्ठान में आने जाने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को खाने पीने के साथ ही स्वच्छता और बैठने के अलावा पार्किंग की अच्छी व्यवस्था करने का पाठ पढ़ाया जा रहा है.
बता दें, कि प्रयागराज जाने वाले मुख्य सड़कों के उन ढाबों होटल और रेस्टोरेंट का चयन किया गया है. जहां पर बुनियादी सुविधाओं की कमी थी.ऐसे में प्रतिष्ठानों के रसोई के साथ ही बैठने वाली जगह और पार्किंग स्थल को नया स्वरूप देने की योजना तैयार की गयी है.प्रशिक्षण लेने वालों को सरकार की तरफ से सहयोग और सब्सिडी दोनों दी जाएगी. प्रदेश की नई पर्यटन नीति में प्रदेश में एग्रो और इको टूरिज्म के साथ धार्मिक,आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नई ऊंचाईयों पर ले जाने योजना बनाकर काम किया जा रहा है.
पर्यटन विभाग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कर रहा काम:उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूरे प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाकर काम कर रही है. जिसके तहत पर्यटन क्षेत्र में 22 नई गतिविधियों को जोड़ा गया है. इसमें वेलनेस रिसार्ट,हेरिटेज होम स्टे,बजट होटल,हेरिटेज होटल,स्टार होटल,इको टूरिज्म की ईकाइयां,कारवां टूरिज्म, यूनिट,प्रदर्शनी,तीर्थयात्रा, धर्मशालाएं,आल वेदर सीजनल कैंप,जलाशय,झील, वेलनेस टूरिज्म तथा एडवेंचर टूरिज्म भी शामिल हैं. जिनका विस्तार करने के लिए प्रमुख सड़कों के बड़े ढाबे, रेस्टोरेंट और होटल्स को शामिल किया गया है.उसी कार्य को सफल बनाने के लिए होटल्स, ढाबों और रेस्टोरेंट को बेहतर बनाने के लिए उनके प्ररिनिधियों को प्रशिक्षित करने का काम शुरू किया गया है.इसी के साथ उन्हें निवेश के लिए दी जाने वाली राशि में 25 फीसदी की सब्सिडी भी दिए जाने की योजना है.
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