प्रयागराज: महाकुंभ में संगम स्नान के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं से प्रयागराज आने-जाने वाले सभी रास्ते चोक हो चुके हैं. पिछले 4 दिनों से हालात यह हैं कि अब पुलिस को लोगों से गुजारिश करनी पड़ रही है कि वे वापस लौट जाएं, प्रयागराज न आएं. इस बीच, रेलवे ने भी भीड़ को देखते हुए संगम घाट स्टेशन बंद कर दिया है. फिलहाल, प्रयागराज के सभी 7 एंट्री प्वाइंट पर 15 से 30 किमी तक लंबा महाजाम लगा है.
यही हाल तीर्थराज प्रयागराज शहर के अंदर भी है. संगम जाने वाले हर रास्ते पर आदमी ही आदमी नजर आ रहे हैं. मानो तिल रखने की जगह न हो. चूंकि 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का स्नान है, इसलिए भीड़ लगातार बढ़ती ही जा रही है. गंगा में डुबकी लगाने के इच्छुक लोगों को दोनों तरफ मिलाकर 35 से 40 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है.
5 फरवरी की रात से उमड़ने लगी भीड़: 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ के बाद महाकुंभ में अचानक से भीड़ कम हो गई थी. इसके बसंत पंचमी के अंतिम शाही स्नान के दिन भी वैसी भीड़ नहीं उमड़ी. बसंत पंचमी के बाद 5 फरवरी तक हालात सामान्य ही रहे. कभी खचाखच नजर आने वाले संगम घाट पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ कम ही नजर आई. इसके बाद 5 फरवरी की रात से महाकुंभ क्षेत्र में भीड़ बढ़ने लगी.
अगले दिन 6 फरवरी को प्रयागराज आने वाले रास्तों पर जाम लगने लगा. फिर भी हालात इतने बेकाबू नहीं थे. 7 फरवरी से स्थिति यह हो गई कि प्रयागराज से जुड़ने वाले सभी 7 प्रमुख मार्ग चोक होने लगे. परेशानी तब और बढ़ी जब महाकुंभ नगर में भी भीड़ लगातार बढ़ती गई. धीरे-धीरे शहर के अंदर भी यही नौबत बन आई. चाहे वह नैनी का इलाका हो या झूंसी का. संगम से सटे क्षेत्रों में जिधर देखो, उधर ही लाखों लोग नजर आने लगे. 8 और 9 फरवरी को तो प्रयागराज के अंदर और बाहर, दोनों ही तरफ सिर्फ जाम ही जाम नजर आया, जो अब तक वैसा ही है.
अब तक कितने श्रद्धालु पहुंचे: एक अनुमान के मुताबिक पिछले 4 दिन में 5 करोड़ से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं. एक दिन पहले सिर्फ रविवार की बात करें तो यह संख्या 1 करोड़ 57 लाख है. जबकि सोमवार को दोपहर तक स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 83 लाख तक पहुंच चुकी थी. शाम 6.30 बजे तक यह आंकड़ा 1 करोड़ 10 लाख पर पहुंच गया. ये सिलसिला लगातार जारी है. संगम समेत मेला क्षेत्र के सभी 12 घाटों पर लोग लगातार पहुंच रहे हैं. अनुमान है कि सोमवार को गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या डेढ़ करोड़ तक भी जा सकती है. इसके साथ ही करीब 10 से 12 लाख लोग अभी रास्ते में हैं. इस तरह से देखा जाए तो दो दिन में ढाई करोड़ के करीब लोग प्रयागराज संगम स्नान कर चुके हैं.
![संगम पर लोगों की भीड़.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-02-2025/up-prj-04-mahakumbh-jam-7212585_10022025114121_1002f_1739167881_931.jpg)
किन मार्गों पर कितने किमी लंबा जाम: प्रयागराज को जोड़ने वाले सभी प्रमुख 7 मार्गों पर वाहनों की लंबी कतार देखने को मिल रही है. कहीं-कहीं तो यह जाम 25 से 30 किमी तक है. आइए जानिए इन मार्गों पर फिलहाल क्या है स्थिति.
- . प्रयागराज-वाराणसी मार्ग- 20 किमी
- प्रयागराज-मिर्जापुर मार्ग - 10 से 12 किमी.
- लखनऊ-रायबरेली-प्रतापगढ़ मार्ग-25 से 30 किमी
- प्रयागराज-जौनपुर मार्ग-15 से 17 किमी
- प्रयागराज-चित्रकूट-10 किमी
- प्रयागराज-रीवा-25 से 30 किमी
- प्रयागराज-कौशांबी-10 किमी तक लंबा जाम लगा है.
अयोध्या-प्रयागराज हाईवे पर लंबा जाम: महाकुंभ से श्रद्धालुओं के अयोध्या आने का सिलसिला जारी है. इसको लेकर अयोध्या-प्रयागराज हाईवे और सुलतानपुर सीमा तक वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है. यह देखकर सुलतानपुर पुलिस ने बैरिकेड लगाकर वाहनों को रोक दिया. अब लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन बंद कर दिया गया है. बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, अंबेडकरनगर जिले की सीमा पर वहां की पुलिस बैरिकेड लगाकर वाहनों को अयोध्या की ओर नहीं आने दे रहे हैं. पुलिस के अनुसार सिर्फ बड़े वाहनों को डायवर्ट किया गया है. जबकि श्रद्धालुओं की मानें तो दोपहिया वाहनों को भी आने-जाने नहीं दिया जा रहा.
संगम घाट स्टेशन 14 फरवरी तक बंद: महाकुंभ में चल रहे स्नान को लेकर यात्राओं के भेद लगातार प्रयागराज में बढ़ती जा रही है. इसका असर प्रयागराज में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. वहां के बस अड्डा और रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं की अत्यधिक भी पहुंच रही है. इस बीच सोशल मीडिया और कुछ खबरों के मुताबिक प्रयागराज जंक्शन बंद होने की रिपोर्ट चल पड़ी. उत्तर रेलवे ने स्पष्टीकर दिया है कि लखनऊ मंडल के तहत प्रयागराज संगम स्टेशन को आवागमन के लिए बंद किया गया है, जबकि प्रयागराज जंक्शन का संचालन पूर्ण की तरह हो रहा है. उत्तर रेलवे की ओर से जारी सूचना के अनुसार प्रयाग जिला प्रशासन के आदेश अनुसार प्रयागराज संगम स्टेशन को 9 फरवरी दोपहर 1.30 बजे से 14 फरवरी की रात 12.00 तक यात्रियों के आवागमन के लिए बंद रखा गया है.
प्रयागराज के दूसरे स्टेशनों से ट्रेनों का संचालन: वहीं महाकुंभ आने के लिए प्रयागराज चौकी नैनी प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ, प्रयागराज रामबाग और झूंसी से नियमित और स्पेशल ट्रेनों का संचालन विधिवत किया जा रहा है. उत्तर रेलवे की तरफ से जारी सूचना में कहा गया है कि यात्रियों और श्रद्धालुओं को प्रयागराज कुंभ पहुंचने के लिए रेलवे द्वारा स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. रेलवे की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए वहां पर रेलवे स्टेशनों पर एकल दिशा का प्लान लागू है. तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे को सुगम यात्रा के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं प्रयागराज जंक्शन में अगले आदेश तक प्रवेश केवल सिटी साइट की ओर से ही होगा. स्टेशन प्रेशर में आश्रय स्थलों के माध्यम से ही प्लेटफार्म पर यात्री पहुंच सकेंगे.
रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़: श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे ने संगम घाट स्टेशन 14 फरवरी तक बंद कर दिया है. सभी स्टेशनों पर लोगों की भारी भीड़ जुट गई है. इसके बाद लोगों को शहर के अंदर भी 15 से 20 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है. मेला क्षेत्र जाने वाले सभी रास्तों का यही हाल है. भीड़ के दबाव को देखते हुए रेलवे ने यह कदम उठाया है.
शहर में भी चारों तरफ जाम: कमोबेश शहर में भी यही स्थिति है. कोई ऐसी गली और चौराहा नहीं बचा है, जहां जाम की स्थिति ना हो .लिहाजा रोजमर्रा की जरूरत की चीजें भी लोगों को मुश्किल से मिल पा रही हैं. जाम में फंसे श्रद्धालुओं का बुरा हाल हो रहा है. संगम स्नान में पहुंच रहे श्रद्धालु 15 से 20 किलोमीटर पैदल चलकर आने को मजबूर हैं .अगर आना-जाना दोनों जोड़ा जाए तो 35 से 40 किलोमीटर श्रद्धालुओं को पैदल चलना पड़ रहा है.
नहीं मिल रहीं शटल बसें, पीपा पुल बंद: सरकार ने दावा तो 500 शटल बसें चलाने का किया है, लेकिन श्रद्धालुओं का कहना है कि हमें बस नहीं मिलती हैं, बल्कि प्राइवेट साधन से संगम आना पड़ता है. प्राइवेट साधन मनमाने ढंग से पैसा वसूल रहे हैं .उन पर भी सरकार का कोई अंकुश नहीं है. बढ़ती भीड़ के दबाव के कारण पुलिस और भीड़ के बीच में जगह-जगह झड़प की भी खबरें आ रही हैं. इस दौरान आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के होने के कारण सभी पीपा पुल बंद किए गए हैं. यहां तक कि लेटे हनुमान मंदिर और किला घाट रोड को पूरी तरह से खाली कर दिया गया है. इससे भी संगम पर भीड़ का दबाव बढ़ा है.
रेस्टोरेंट-ढाबों पर राशन खत्म: श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के कारण खाने-पीने की भी समस्या हो गई है. नैनी, झूंसी, फाफामऊ की तरफ हालात यह हैं कि नाश्ते-पानी और ढाबों-रेस्टोरेंट पर राशन खत्म हो गया है. पिछले 4 दिन से करोड़ों लोग प्रयागराज की तरफ आ रहे हैं. इतने लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. गंगा से सटे इलाकों की हर गली-नुक्कड़ पर सिर्फ भीड़ ही दिखाई दे रही है. नैनी में एडीए कॉलोनी की रह सड़क सिर्फ और सिर्फ श्रद्धालु ही नजर आ रहे हैं.
घंटों जाम, तपती धूप में जल रहीं गाड़ियां: प्रयागराज के सभी रास्तों में लोग घंटों जाम में फंस रहे हैं. दूसरी तरफ जाम में फंसी गाड़ियों में तपती धूप में आग लग जा रही है. ऐसी ही दो घटनाएं रविवार को सामने आई. पहली घटना में दोपहर बेला कछार के पास मलाक हरहर रेलवे क्रासिंग के पास घटी. जाम में फंसी गाड़ियों के बीच एक नई स्कॉर्पियो में अचानक आग लग गई. जाम इतना भीषण था कि जब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ी घटनास्थल पर पहुंच पाती, तब तक स्कॉर्पियो पूरी तरह से जलकर खाक हो गई. इसके आगे खड़ी कार में भी आग लग गई. हालांकि फायर ब्रिगेड ने उसे तुरंत बुझा लिया फिर भी आधी गाड़ी जल गई. घटना दोपहर करीब 2:30 बजे की बताई जा रही है. यहां करीब 5 घंटे से जाम लगा हुआ था. धूप इतनी तेज थी कि स्कॉर्पियो में अचानक से आग लग गई. कार दरभंगा कॉलोनी, प्रयागराज निवासी नीतू सिंह की थी. वह अपने परिवार के साथ वाराणसी से विवाह समारोह में शामिल होने के बाद वापस प्रयागराज लौट रही थीं. मालक हरहर पुल से नीचे आते समय जाम में फंसी हुई थी. तभी अचानक से कार में आग लग गई. गाड़ी में दो पुरुष चार महिलाएं बैठी हुई थीं, जिन्होंने आग लगने पर किसी तरह से कूद कर अपनी जान बचाई. प्रयागराज के चीफ फायर ऑफिसर आरके पांडे ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही यूनिट को मौके पर भेजा गया पर जाम और 3 किलोमीटर का सफर तय करने में समय लगा. किसी तरह से घटनास्थल पर पहुंच कर देखा गया तो स्कॉर्पियो तेजी से जल रही थी. दूसरी तरफ चीफ फायर ऑफिसर रविंद्र शंकर मिश्र को सूचना मिली कि हरदोई की स्लेटी रंग की एमजी हेक्टर कार में भी आग लग गई. क्लच प्लेट जलने के कारण हीट जनरेट हुआ और कार ने आग पकड़ ली. जिस वक्त आग लगी उस समय उसमें 3 वयस्क और 3 बच्चे सवार थे.
विंध्याचल धाम में श्रद्धालुओं की भीड़, संभालना मुश्किल: विंध्याचल धाम श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी है कि संभालना मुश्किल हो रहा है. महाकुंभ से स्नान कर लाखों की संख्या में मां विंध्यवासिनी मंदिर श्रद्धालु पहुंच गए हैं. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन मंदिर के पास पहुंचीं. विंध्याचल धाम की हर गली और बाजार के साथ गंगा घाट पर केवल भीड़ ही भीड़ दिखाई दे रही है. महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग भीड़ के चलते परेशान दिखाई दे रहें. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने मंदिर के पास पहुंचकर अधिकारियों को निर्देशित किया है. जिस लाइन में भीड़ कम हो, उस लाइन में श्रद्धालुओं को ले जाकर दर्शन कराएं. महाकुंभ से लगातार वाहनों का दबाव मिर्जापुर में बना हुआ है. एक दिन में 5 लाख से ज्यादा वाहनों का आवागमन हो रहा है. मां विंध्यवासिनी के दर्शन भी 24 घंटे में 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु कर रहे हैं. विंध्याचल धाम के अटल चौक से लेकर नटवा तिराहे तक वाहनों की लाइन लगी हुई है. विंध्याचल धाम के सभी वाहन स्टैंड फुल हो चुके हैं. होटल भी नहीं खाली हैं. नटवा तिराहे से औराई, भदोही, वाराणसी जाने वाले मार्ग पर भी वाहनों की लंबी-लंबी लाइन लगी हुई है.