शिलांग :बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन चल रहा है. इसमें स्थानीय छात्र बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. बढ़ती हिंसा से भारतीय छात्र प्रभावित हुए हैं. उन्हें सुरक्षित लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने शुक्रवार को कहा कि 405 भारतीय छात्रों को बांग्लादेश से सुरक्षित निकाल लिया गया है. इन छात्रों को दावकी एकीकृत जांच चौकी के जरिए लाया गया.
कॉनराड संगमा ने कहा,'हम बांग्लादेश की स्थिति से अवगत हैं. दुनिया के कई हिस्सों से बहुत सारे छात्र वहां पढ़ रहे हैं, और बहुत सारे छात्र प्रभावित हुए हैं. जैसे ही हमें सूचना मिली, हमने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी और 405 भारतीय छात्रों को दावकी के रास्ते बांग्लादेश से निकाल लिया गया. इनमें से करीब 80 लोग मेघालय से हैं और बाकी देश के दूसरे हिस्सों से हैं. हमने नेपाल, भूटान से कुछ छात्रों और पर्यटकों को भी निकाला है. लोगों की आवाजाही जारी है.'
कॉनराड संगमा ने आगे कहा, 'हमारे पास मेघालय में पहले से ही नोडल अधिकारी हैं. हम ढाका में भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी किसी भी तरह की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए सीधे हमारे संपर्क में हैं. एक विशेष ईस्टर्न मेडिकल कॉलेज में करीब 36 छात्र फंसे हुए हैं. इनकी संख्या कम-ज्यादा हो सकती है. हम वहां के अधिकारियों के संपर्क में हैं.'
उन्होंने कहा कि जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि मार्ग साफ हो गया है, तब तक स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है. बहुत से अभिभावक स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं और मैं यह बताना चाहता हूं कि हम लगातार संपर्क में हैं. कॉलेज में और उसके आसपास की स्थिति ठीक है लेकिन रास्ते में कुछ स्थिति हो सकती है.