भोपाल।बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 3 दिन के अंदर 10 हाथियों की मौत से हड़कंप है. केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार की कई जांच एजेंसियां जांच में जुटी हैं. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर उच्चस्तरीय दल भी उमरिया भेजा गया है. ये टीम बांधवगढ़ पहुंचकर हाथियों की मौतों की जांच में जुटी हैं. इधर, शुक्रवार रात मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाथी की मौतों को गंभीरता से लेते हुए इमरजेंसी मीटिंग बुलाई. इसमें उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री के सख्त तेवर, जिम्मेदार नहीं बचेंगे
प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार हाथियों के पेट में कोदू निकला है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन इसी कोदू को हाथियों की मौत का जिम्मेदार मान रहा है. हालांकि जांच टीमें सभी एंगल से जांच में जुटी हैं. अभी भी हाथियों की मौत का स्पष्ट कारण सामने नहीं आ सका है. इधर, बांधवगढ़ में हाथियों की मौतों के बाद मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव काफी सख्त दिखाई दे रहे हैं. सीएम आवास पर इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर मुख्यमंत्री ने अफसरों से चर्चा की. मीटिंग में अपर मुख्य सचिव डॉ.राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वन अशोक वर्णवाल के साथ ही कई अफसर मौजूद रहे. शनिवार सुबह मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा "हाथियों की मौतें गंभीर विषय है. जो भी इस मामले में जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."
मुख्यमंत्री को 24 घंटे में रिपोर्ट देगी टीम
बैठक में सबसे पहले मुख्यमंत्री ने हाथियों की मौत की पूरी जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने इस मामले के सभी पहलुओं की जानकारी लेकर उच्चस्तरीय दल बांधवगढ़ भेजने के निर्देश दिए. बैठक में एक्सपर्ट ने बताया कि हाथियों की मृत्यु के संबंध में की गई जांच की रिपोर्ट आने में 4 दिन लगेंगे. इस अवधि में घटना से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर जांच की जारी है. वहीं, वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार और दो वरिष्ठ अधिकारी मामले की जाच के लिए उमरिया जाएंगे. वन राज्य मंत्री के साथ अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल और राज्य वन बल प्रमुख पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव भी उमरिया जाएंगे. ये अधिकारी 24 घंटे में रिपोर्ट बनाकर सीएम को सौंपेंगे.
क्या है मामला, कैसे शुरू हुआ मौत का सिलसिला
29 अक्टूबर को बांधवगढ़ में जब फॉरेस्ट का बीट गार्ड भ्रमण कर रहा था तो उसे एक जगह पर 10 हाथी जमीन पर पड़े दिखे. ये सभी हाथी बीमार थे. इसके बाद बांधवगढ़ प्रबंधन में हड़कंप मच गया. तुरंत हाथियों का इलाज शुरू किया गया. लेकिन कुछ ही देर में 4 हाथियों को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया. इस तरह से 29 अक्टूबर को ही 4 हाथियों की मौत हुई. अगली सुबह से रात तक में एक-एक करके इलाजरत 4 और हाथियों की मौत हो गई. फिर अगले दिन इलाजरत 2 और हाथियों की मौत हुई है. इस तरह से यह आंकड़ा टोटल 10 तक पहुंच गया. वहीं, जिस कोदो की फसल पर 13 हाथियों का ये झुंड गया हुआ था, और जिस कोदो की फसल को खाया है, उसे वन विभाग की टीम ने नष्ट करवा दिया.