मुंबई: एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार को मुंबई के बांद्रा ईस्ट में गोली मारकर हत्या की गई दी गई. मुंबई पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज राजेश कश्यप (19) के रूप में की गई है.
मुंबई पुलिस को संदेह है कि सुनियोजित साजिश के तहत एनसीपी नेता की हत्या की गई. मुंबई पुलिस ने कहा कि अपराध शाखा मामले में सभी पहलुओं से जांच कर रही है. जिसमें संभावित कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, व्यापारिक दुश्मनी या झुग्गी पुनर्वास परियोजना को लेकर धमकी शामिल है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए सुपारी दी गई है. इसके लिए हत्यारों को पहले ही पैसे दिए गए थे और कुछ दिन पहले ही उन्हें हथियारों की डिलीवरी मिली थी.
वहीं, न्यूज18 की रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों का हवाला देते हुए बताया गया है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल तीनों आरोपियों को शूटिंग से कुछ दिन पहले ही प्रीपेड कूरियर के जरिये हथियार मिले थे और उन्हें 50-50 हजार रुपये का भुगतान किया गया था.
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शामिल होने की बात सामने आई है. आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि पंजाब की जेल में कैद के दौरान उनकी बिश्नोई गैंग के एक सदस्य से मुलाकात हुई थी. जिसने बाबा सिद्दीकी को मारने के लिए ढाई लाख रुपये की सुपारी दी थी.
कुर्ला में किराए के कमरे में रह रहे थे हत्यारे
रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों आरोपी 2 सितंबर से कुर्ला में किराए के कमरे में रह रहे थे और हर महीने 14,000 रुपये किराया दे रहे थे. सूत्रों ने यह भी बताया कि तीनों आरोपियों की मुलाकात पंजाब की जेल में बंद रहने के दौरान हुई थी. मुंबई पुलिस ने तीसरे आरोपी का पता लगाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस से मदद मांगी है.
15 दिन पहले जान से मारने की धमकी मिली...
66 वर्षीय बाबा सिद्दीकी इसी साल फरवरी में कांग्रेस से अपने चार दशक पुराने संबंधों को खत्म करके अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हुए थे. हत्याकांड से महज 15 दिन पहले सिद्दीकी को जान से मारने की धमकी मिली थी.