मुंबई:महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री 66 वर्षीय बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में पुलिस अभी भी कारणों का पता लगाने में जुटी है. इस मामले में तीन आरोपी पकड़े गए हैं. हालांकि मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. वहीं, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के द्वारा हत्या की जिम्मेदारी लेने की गुत्थी सुलझ नहीं पायी है. इस मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाला एक शख्स को गिरफ्तार करने का दावा किया है.
आरोपी शिवकुमार खोल सकता है हत्या का राज
शिवकुमार के पास अहम जानकारी हो सकती है. धर्मराज और गुरमैल ने पुलिस को बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि सिद्दीकी को गोली मारने के आदेश किसने दिए थे. इस बीच, पुलिस शिवकुमार की तलाश कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिवकुमार ने उन दोनों आरोपियों को गोली चलाने के लिए कहा था. शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा बहराइच का रहने वाला है.
सोशल मीडिया पोस्ट की जांच जारी
मुंबई पुलिस लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक कथित सदस्य द्वारा सिद्दीकी की हत्या की बात स्वीकार करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट की भी जांच कर रही है. जानकारी के अनुसार यह पोस्ट लोनकर भाइयों में से एक ने डाली थी. हालांकि, अभी तक इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
ऊंचाइयों पर कैसे पहुंचे बाबा सिद्दीकी
बाबा सिद्दीकी बिहार के गोलापगंज से मायानगरी में आकर बस गए. उनका नाम जियाउद्दीन सिद्दीकी था बाद में उनके प्रभाव को देखते हुए लोगों ने बाबा कहना शुरू किया और उनके नाम के आगे बाबा जुड़ गया. छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत की और 1977 में कांग्रेस से जुड़े. इसके बाद संगठन में कई अहम पदों पर रहे. बाद में पार्षद बने. इस दौरान उनकी मुलाकात बड़े अभिनेता सुनील दत्त से हुई. उस समय में सुनील दत्त फिल्म इंडस्ट्री के प्रभावशाली अभिनेता थे और रमजान में इफ्तार पार्टी दिया करते थे. सुनील दत्त के निधन के बाद बाबा सिद्दीकी ने रमजान में इफ्तार पार्टी की परंपरा जारी रखी.
बाद में बाबा सिद्दीकी बांद्रा के विधायक बन गए और उनका कद बढ़ गया. इस नाते फिल्म इंडस्ट्री में उनका प्रभाव भी बढ़ गया. बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी तमाम बड़े अभिनेता जैसे सलमान खान, शाहरूख खान पहुंचने लगे. कहा जाता है कि सलमान खान और शाहरूख खान के बीच दोस्ती कराने में बाबा सिद्दीकी ने अहम भूमिका निभाई थी. इस तरह उनकी शख्सियत बढ़ती चली गई और बाद में वह महाराष्ट्र के मंत्री भी बने.
बाबा सिद्दीकी का बेटा जीशान राजनीति में सक्रिय
बाबा सिद्दी का बेटा जीशान सिद्दीकीवर्तमान में विधायक हैं. बाबा सिद्दीकी कांग्रेस छोड़ने के बाद एनसीपी में शामिल हो गए थे. उसी समय जीशान भी एनसीपी शामिल हो गए.
लॉरेंस बिश्नोई का नाम लेकर जांच भटकाने की आशंका
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के करीब दो दिन बाद, मुंबई पुलिस इस घटना के पीछे की साजिश का पता लगाने और मामले के मास्टरमाइंड की पहचान करने की कोशिश कर रही है. मुंबई पुलिस ने इस मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की संलिप्तता से इनकार नहीं किया है. हालांकि, गैंगस्टर एंगल से कोई ठोस सुराग भी नहीं मिले हैं. ऐसे में ये भी आशंका जताई जा रही है कि लॉरेंस बिश्नोई का नाम मामले के मास्टरमाइंड से ध्यान हटाने के लिए एक चाल हो सकता है. फिलहाल पुलिस सभी दृष्टिकोणों से मामले की जांच कर रही है.
क्या है बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे का मकसद
पुलिस बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे का मकसद का पता लगाने की कोशिश कर रही है. मुंबई पुलिस की ओर से अब तक इस बारे में खुलासा नहीं किया गया है. गोली चलाने वाला आरोपी शिवकुमार गौतम अभी भी फरार चल रहा है. अभी तक जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें आधिकारिक रूप से किसी गैंगस्टर का नाम नहीं लिया गया है.
बाबा सिद्दीकी की हत्या साजिश कैसे रची गई थी
बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में धर्मराज राजेश कश्यप, गुरमेल बलजीत सिंह और प्रवीण लोनकर को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, गोली चलाने वाला व्यक्ति शिवकुमार गौतम अभी भी फरार है. तीनो आरोपी वारदात के समय मौके पर मौजूद थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिवकुमार ने ही दोनों लोगों को सिद्दीकी पर गोली चलाने के लिए कहा था.
रिपोर्ट के अनुसार उनकी योजना थी कि धर्मराज और गुरमेल को एनसीपी नेता पर गोली चलाए. हालांकि, शिवकुमार ने योजना बदल दी और सिद्दीकी के आसपास भारी पुलिस बल की मौजूदगी देखकर खुद ही गोली चला दी. उसने धर्मराज और गुरमेल को गोली चलाने और भागने का आदेश भी दिया था. हमले के दौरान शिवकुमार ने सिद्दीकी पर छह राउंड गोलियां चलाई.
इसके तुरंत बाद तीनों पकड़े जाने से भय भाग निकले. धर्मराज और गुरमेल पकड़े गए, जबकि भीड़ में छिपे शिवकुमार ने सिद्दीकी की सुरक्षा में मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्च पाउडर फेंक दिया और फरार हो गया. जांच के दौरान पता चला कि धर्मराज और गुरमेल ने अपने पास मौजूद पिस्तौल से गोली नहीं चलाई थी और सभी गोलियां शिवकुमार ने चलाई थी.
प्रवीण लोनकर कौन है?
28 वर्षीय प्रवीण लोनकर को रविवार रात पुलिस ने पुणे से गिरफ्तार किया. पुलिस के अनुसार, लोनकर ने अपने भाई शुभम लोनकर के साथ मिलकर धर्मराज और शिवकुमार को साजिश में शामिल किया था. यह भी पता चला कि लोनकर ने अन्य तीन आरोपियों को पुणे में शरण दी थी. पुलिस ने लोनकर को साजिशकर्ता बताया. पुलिस शुभम लोनकर की तलाश में पुणे गई थी, लेकिन वह वहां नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने अपराध में कथित संलिप्तता के लिए उसके भाई प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री 66 वर्षीय बाबा सिद्दीकी साल फरवरी में कांग्रेस छोड़ने के बाद अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हुए थे. मुंबई के बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के ठीक बाहर तीन लोगों ने 12 अक्टूबर की रात को उनके ऊपर गोली चला दी जिससे उनकी मौत हो गई.