गुवाहाटी:असम सरकार ने दीमा हसाओ जिले में हुए दुखद कोयला खदान हादसे पर त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए हैं. तथा पीड़ितों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि की घोषणा की है. सरकार द्वारा नियुक्त एक न्यायिक आयोग और एक विशेष जांच दल (एसआईटी) इस घटना की व्यापक जांच करेंगे.
न्यायिक जांच का नेतृत्व सेवानिवृत्त न्यायाधीश अनिमा हजारिका करेंगी और उनके तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने की उम्मीद है. यह टीम एसआईटी के काम की निगरानी भी करेगी, जांच में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगी. इसके अलावा, असम कैबिनेट ने यह भी कहा कि खदानों के खुलने के लिए समय निर्धारित करने के लिए सैटेलाइट मैपिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि इस तरह की दुर्घटना दोबारा न हो.
उमरंगसो में 6 जनवरी को एक कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने से नौ खनिक फंस गए थे, जिसमें से अब तक चार शवों को निकाला जा चुका है. पांच लापता खनिकों के लिए खोज और बचाव अभियान जारी है.
बचाव दल का कहना है कि खदान से पानी निकालने में 30 से 60 दिन तक लग सकते हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम 15 पंपों का उपयोग करके प्रति घंटे 7.9 लाख लीटर पानी निकालने के लिए काम कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि 48 घंटों तक लगातार पानी निकालने के बाद भी जल स्तर में केवल एक फुट की गिरावट आई है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि खदान कहीं न कहीं कोपिली नदी से जुड़ी हुई है, जिससे खदान में लगातार पानी भर रहा है.
अनुग्रह राशि देने की घोषणा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कैबिनेट बैठक के बाद मोरीगांव में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा सरकार ने मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का वादा किया है. इसके अतिरिक्त, राज्य ने सभी 220 रैट-होल खदानों को तत्काल बंद करने का आदेश दिया है.
लापता खनिकों के नाम
- हुसैन अली, दर्रांग, असम
- जाकिर हुसैन, दर्रांग, असम
- सर्पा बर्मन, कोकराझार, असम
- मुस्तफा शेख, दर्रांग, असम
- संजीत सरकार, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल
यह भी पढ़ें-असम कोयला खदान रेस्क्यू: अभी भी फंसे हुए हैं 5 मजदूर, जानें 7 दिन बाद क्या है स्थिति?