नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने नए मुख्यमंत्री व मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के बाद को-टर्मिनस कर्मचारियों की नियुक्तियों को समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है. ये आदेश मुख्य सचिवालय की सेवा विभाग की तरफ से गुरुवार को जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि नए मंत्रियों के कार्यभार संभालने के साथ ही उनके कार्यालयों में नियुक्त सभी को-टर्मिनस कर्मचारी पदमुक्त माने जाएंगे.
आदेश के अनुसार, जब भी नए मंत्री पदभार ग्रहण करते हैं तो पूर्व मंत्री के व्यक्तिगत स्टाफ के पद स्वतः समाप्त हो जाते हैं, क्योंकि ये नियुक्तियां व्यक्तिगत व अस्थायी आधार पर की जाती हैं. अब दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी है. गुरुवार को मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों ने शपथ ली. नए मंत्रियों को अपने नए स्टाफ की नियुक्ति करने का अधिकार होगा. इस आदेश की प्रति दिल्ली के उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री कार्यालय, सभी मंत्रियों और संबंधित विभागों को भेजी गई है.
इसके अतिरिक्त आदेश में यह भी कहा गया है कि विभिन्न विभागों, निगमों और स्वायत्त निकायों से 'डायवर्टेड कैपेसिटी' में तैनात कर्मचारियों को भी तत्काल प्रभाव से उनके मूल विभागों में वापस भेज दिया जाएगा. यह निर्णय कैबिनेट सचिवालय के दिशा-निर्देशों पर लिया गया है, जिसमें कहा गया है कि मंत्रियों के कार्यकाल की समाप्ति के साथ ही उनके स्टाफ की नियुक्तियां भी समाप्त हो जाती हैं.
यह आदेश नई सरकार को स्वतंत्रता से अपने विश्वासपात्र स्टाफ को नियुक्त करने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे शासन में पारदर्शिता व उत्तरदायित्व सुनिश्चित किया जा सके. इस आदेश से कई कर्मचारियों को प्रभावित होने की संभावना है, जो पिछले मंत्रियों के साथ को-टर्मिनस आधार पर कार्यरत थे. अब नए मंत्री अपनी पसंद से स्टाफ का चयन करेंगे.
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