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असम में बाढ़ का थम नहीं रहा विकराल रूप, 10 गैंडों सहित 212 वन्यजीवों की मौत - Kaziranga National Park floods - KAZIRANGA NATIONAL PARK FLOODS

Kaziranga National Park floods: असम में बाढ़ का कहर जानवरों को भी झेलना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि बाढ़ की चपेट में आने से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में भारी संख्या में जानवरों की मौत हुई है. पढ़ें पूरी खबर...

Kaziranga National Park floods
10 गैंडों सहित कम से कम 212 वन्यजीवों की मौत (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 16, 2024, 10:01 AM IST

Updated : Jul 16, 2024, 1:37 PM IST

बोकाखाट: असम में बाढ़ का प्रकोप लगातार जारी है. इस बाढ़ से कोई भी अछूता नहीं है. ताजा जानकारी के मुताबिक काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं बाघ अभयारण्य (केएनपीटीआर) में भी इसका जारी दिखाई दे रहा है. बाढ़ के चलते करीब 10 गैंडों सहित लगभग 212 जंगली जानवरों की जान चली गई है. बाढ़ का पानी सूखने के कारण राष्ट्रीय उद्यान में कई वन्यजीवों की मौत हो गई है. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर डॉ. सोनाली घोष के अनुसार, राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व क्षेत्र के 233 वन शिविरों में से 26 अभी भी बाढ़ के पानी में डूबा है.

अगराटोली के 34 शिविरों में से दो अभी भी बाढ़ के पानी में डूबा हैं, जबकि काजीरंगा के 58 शिविरों में से 15 और बागरी के 39 शिविरों में से नौ में पांच फीट से अधिक पानी का लेवल है. बाढ़ का पानी कम होने के कारण वनकर्मी अपने शिविरों में वापस लौट आए हैं. बता दें, साल की पहली बाढ़ ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और आस-पास के इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है.

असम में बाढ़ का थम नहीं रहा विकराल रूप (ETV Bharat)

कई वन्यजीवों को ऊंचे इलाकों में शरण लेनी पड़ी
इस वर्ष की बाढ़ के कारण कई वन्यजीव प्रजातियों को पार्क के अंदर ऊंचे इलाकों में शरण लेनी पड़ी है, जबकि कई वन्यजीव प्रजातियां भोजन और सुरक्षा की तलाश में राष्ट्रीय उद्यान छोड़कर पार्क के आसपास के क्षेत्रों और दक्षिणी कार्बी पहाड़ियों में चले गए हैं.

इन वन्यजीव की सुरक्षा वन विभाग और विभिन्न व्यक्तियों और संगठनों द्वारा दिन-रात की जा रही है. पार्क के दक्षिण में NH-37 को के पास कई वन्यजीव प्रजातियां बाढ़ के पानी में फंसे हुई और घायल देखें जा सकते है. अब तक, काजीरंगा वन विभाग द्वारा अबतक हाथी के बच्चे और दो गैंडे के बच्चे सहित 143 वन्यजीव जानवरों को बचाया गया है.

असम में बाढ़ का थम नहीं रहा विकराल रूप (ETV Bharat)

सुबह जारी बुलेटिन के अनुसार, इस साल बाढ़ के कारण 212 जानवरों की मौत हो गई है, जिनमें 10 गैंडे, 179 हॉग डियर, 3 दलदली हिरण, 1 मैकाक, 2 ऊदबिलाव, 1 स्कॉप्स उल्लू और 2 सांभर हिरण और अन्य शामिल हैं. केएनपीटीआर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को पार करने की कोशिश करते समय वाहनों की चपेट में आने से दो हॉग डियर की मौत भी हो गई थी.

बाढ़ के हालात में सुधार
असम में बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. राज्य के अधिकांश जिलों में बाढ़ का कहर कम होने लगा है. इस बीच पिछले 24 घंटों में धुबरी और नागांव जिलों में बाढ़ के चलते तीन लोगों की मौत हो गई है. इन तीनों को मिलाकर अबतक राज्य में बाढ़ के चलते मरने वालों की संख्या अब तक 96 हो गई है. हालांकि, ब्रह्मपुत्र का जलस्तर निमाटीघाट, तेजपुर, धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. खोवांग में बुरीडीहिंग, नांगलमुराघाट में दिसांग भी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है.

गौरतलब है कि पिछले 24 घंटों में राज्य में बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या 18 से घटकर 17 हो गई है, क्योंकि ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार कम होने लगा है. भले ही बाढ़ का कहर कम हो गया हो, लेकिन राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की मुसीबतें कम नहीं हुई हैं. बाढ़ पीड़ितों को अभी भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कई लोग अभी भी आश्रय शिविरों में रह रहे हैं.

असम में बाढ़ का थम नहीं रहा विकराल रूप (ETV Bharat)

23 हजार लोग अभी भी आश्रय शिविरों में
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, असम के 17 जिलों के 49 राजस्व क्षेत्रों के 1132 गांवों के करीब 5.12 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं. रविवार के मुकाबले मामलों की संख्या में थोड़ी कमी आई है. करीब 23,000 लोग अभी भी विभिन्न आश्रय शिविरों में हैं. कई बाढ़ पीड़ितों को आश्रय शिविरों से अपने घर लौटने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को असम में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए सीएम डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा से टेलीफोन पर बातचीत की. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि असम में बाढ़ की स्थिति से निपटने में राज्य की मदद के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता और सहयोग दिया जाएगा.

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Last Updated : Jul 16, 2024, 1:37 PM IST

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